कैंसर का नाम सुनते ही मन में डर का भाव आ जाता है। इस बात में कोई शक नहीं की कैंसर वर्तमान की सबसे गंभीर और तेजी से बढ़ती बीमारियों में से एक है। लोगों में इस रोग की जानकारी के अभाव के चलते, यह रोग और भी गंभीर रूप लेता जा रहा है। हालांकि समय से इसकी पहचान कर व कुछ उपायों को कर इस रोग से बचा जा सकता है।
क्या है कैंसर
शरीर की कुछ सेल्स रोज बनती और फिर नष्ट होती हैं, लेकिन जब रोजाना क्षतिग्रस्त होने वाले ये सेल्स अनियंत्रित गति से बढ़ने लगते हैं, तो सेल्स का यह समूह टय़ूमर बन जाता है। सेल्स से बने इस टय़ूमर को ही कैंसर कहा जाता है। कैंसर के कई प्रकार और कारण होते हैं। यह उस स्थिति में गंभीर हो जाता है, जब कैंसर युक्त सेल्स शरीर के अन्य भागों जैसे, फेफड़े, आमाशय, प्रोस्टेट या फिर मस्तिष्क में पहुंच जाती हैं। एक बार संगठित हो जाने के बाद ये सेल्स अपने तरह की हजारों सेल्स का निर्माण करना शुरू कर देती हैं। इस स्थिति को एंजियोजेनिस कहते हैं। ज्यामितीय क्रम में बढ़ने वाली कैंसर की इन सेल्स को खत्म करने के लिए उनके पैदा होने वाली जगह की पहचान करना जरूरी होता है, जहां से लगातार संक्रमित सेल्स बनाती रहती हैं।
कैंसर के प्ररंभिक लक्षण
जैसा की हम बता चिके हैं कि कैंसर के कई प्रकार होते हैं, और इसके लक्षण भी अलग- अलग हो सकते हैं। लेकिन इस रोग में कुछ लक्षण आम होते हैं जैसे, - भूख बेहद कम या बिल्कुल न लगना, याददाश्त कमजोर होना, देखने और सुनने में परेशानी, सिर में दर्द, लगातार खांसी जो ठीक नहीं हो रही हो, थूक के साथ खून आना या आवाज में गरगराहट, मुंह खोलने, चबाने व निगलने में परेशानी, पाखाने या पेशाब में खून आना, वजन का तेजी से कम होना, शरीर में किसी स्थान पर स्थायी गांठ बनना या सूजन, किसी घाव का काफी समय तक न भरना तथा कमर या पीठ में लगातार दर्द होना, कैंसर के लक्षण हो सकते हैं।
यदि शुरुआत में कैंसर को पहचान लिया जाए और इसका मुकम्मल इलाज कराया जाए तो कैंसर का इलाज मुमकिन है। वैसे, अगर कुछ चीजों से बचें और लाइफस्टाइल को सुधार लें तो कैंसर के शिकंजे में आने की आशंका ही काफी कम हो जाती है। तो यह सबसे अच्छा विकल्प होना चाहिए। कैंसर से बचाव के लिए निम्न बातों को ध्यान में रखें। -
तंबाकू का शराब का सेवन ना करें
हमारे देश में तंबाकू सेवन कैंसर की बड़ी वजह है। धूम्रपान करने वालों के अलावा उसके आस-पास के लोगों (पैसिव स्मोकर्स) को भी कैंसर का खतरा होता है। तंबाकू या पान मसाला चबाने वालों लोगों को मुंह के कैंसर की संभावना बढ़ जाती है। गौरतलब है कि तंबाकू में 45 तरह के कैंसर पैदा करने वाले तत्व पाए जाते हैं। पान-मसाले में स्वाद और सुगंध के लिए जो दूसरी चीजें मिलाई जाती हैं, उनके कारण इनमें कार्सिनोजेन्स (कैंसर पैदा करनेवाले तत्व) की तादाद बढ़ जाती है। गुटखा (पान मसाला) चाहे तंबाकू वाला हो या बिना तंबाकू वाला, दोनों ही कैंसर का कारण बनते हैं। हालांकि तंबाकू वाला गुटखा ज्यादा हानीकारक होता है। वहीं रोज शराब पीने से खाने की नली, गले, लिवर और ब्रेस्ट कैंसर का खतरा होता है। ड्रिंक में अल्कोहल की ज्यादा मात्रा और साथ में तंबाकू का सेवन कैंसर का खतरा कई गुना बढ़ा देता है।
खान-पान करें बेहतर
रोज हरी पत्तेदार सब्जियां, चना और फल खाएं। क्योंकि सब्जियों और फलों में फाइबर होता है, जो रोगों से लड़ने की शक्ति प्रदान करता है। यह कई प्रकार के कैंसर से लड़ने में मददगार होता है। सब्जियां जैसे फूलगोभी, पत्तागोभी, टमाटर, एवोकाडो, गाजर जरूर खाएं। साथ ही शक्कर का सेवन कम ही करें। ऑलिव ऑइल या फिर कोकोनट ऑइल में भोजन पकाएं। नॉनवेज कम ही खाएं। शोध बताते हैं कि कैंसर से होनेवाली 30 फीसदी मौतों को सही खानपान के जरिए रोका जा सकता है।
ज्यादा एक्स-रे व हार्मोन थेरपी न कराएं
एक्स-रे, रेडियोथेरपी आदि हमारे शरीर में सेल्स की रासायनिक गतिविधियों को तेज कर देते हैं, जिससे त्वचा के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि एक्स-रे और रेडियोथेरपी से काफी कम मात्रा में रेडिएशन निकलता है, लेकिन फिर भी जितना हो सके इनसे बचें। वहीं हार्मोन थेरपी भी नुकसानदाय हो सकती है। एक शोध से पता चलता है कि मेनोपॉजल हॉरमोन थेरपी से ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। (महिलाओं में मेनोपॉज़ के दौरान होनेवाली तकलीफों के लिए इस्ट्रोजन और प्रोजेस्टिन हॉरमोन थेरपी दी जाती है।)
संबंध बनाते में रहे सावधान
कैंसर से बचाव के लिए कुछ खास तरह के वायरस और बैक्टीरिया से बचाव करना बेहद जरूरी होता है। ह्यूमन पैपिलोमा वायरस से सर्वाइकल कैंसर हो सकता है। इससे बचने के लिए एक ही पार्टनर से संबंध बनाएं व सफाई का पूरा ध्यान रखें। पेट में अल्सर बनाने वाले हेलिकोबैक्टर पाइलोरी से पेट का कैंसर भी हो सकता है, इसलिए अल्सर का इलाज वक्त पर करवाएं।
नियमित व्यायाम व योग करें
नियमित व्यायाम व योग करना हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होता है और बीमारियों से भी बचाता है। कुछ शोध बताते हैं कि नियमित योग व व्यायाम कर कुछ कैंसर होने के खतरे को कम करना मुमकिन है। जैसे एंडोमेट्रियल कैंसर, कोलोरेक्टल या बॉवेल कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर तथा लंग कैंसर से आदि के खतरे को नियमित व्यायाम से कम किया जा सकता है।
तंबाकू का सेवन, रेडिएशन का अधिक संपर्क, एचआइवी, हेपेटाइटिस व अन्य बीमारियों का संक्रमण स्वास्थ्य सेल्स के रक्षा कवच को कमजोर करता है, जिसके कारण कारसिनो और ऑनको का प्रभाव बढ़ने लगते हैं, इस लिए इन चीजों से दूर रहें।
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