
लीवर हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है जो हमारे द्वारा खाये गए आहार को पचाकर रस बनता है जिससे हमारा शरीर ठीक ढंग से काम करता है। यदि आपका लीवर ठीक तरह से काम नहीं कर पा रहा है तो समझ लीजिए कि खतरे की घंटी बज चुकी है। आपको सावधान होने की जरूरत है। क्योंकि अगर हमारा लीवर खराब हो जाये तो हम जो भी खायेंगे, पियेंगे हमारा लीवर उसे ले ही नहीं पायेगा। लेकिन परेशान न हो क्योंकि बुरी आदतों को छोड़कर और अपने दिनचर्या में सिर्फ इन 3 योग को शामिल कर आप लीवर की समस्याओं से बच सकते हैं।
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि हमारे देश में कई लोगों का जीवन लीवर की बीमारियों के कारण खराब हो जाता है। लीवर के खराब होने के लिए अल्कोहल का अधिक मात्रा में सेवन, नकली दवाएं और गलत खान-पान आदि कारक जिम्मेदार है। यह सभी चीजें लीवर को डैमेज करती है। तो क्यों न अपने शरीर के इतने महत्वपूर्ण अंग को सही रखने के लिए हम इन बुरी आदतों को छोड़ दें और योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
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नौकासन
नौकासन को बोट पोज भी कहा जाता है क्योंकि इस योग में आपका आकार बोट की तरह हो जाता है। यह करने में बहुत ही आसन है हालांकि इस आसन में बहुत संतुलन बनाने के कारण शुरुआत में इसे करना थोड़ा मुश्किल होता है। लेकिन इसे करके आप लीवर से जुड़ी बीमारियों के होने का खतरा कम कर सकते है। यह आपके लीवर को मजबूत बनाता है। यह पोज आपके लीवर को क्लीन करता है साथ ही साथ हानिकारक पदार्थो को भी दूर करता है।
नौकासन करने की विधि
सबसे पहले आप पीठ के बल लेट जाएं। अपने हाथ जांघ के बगल और शरीर को एक सीध में रखें। फिर अपने शरीर को ढीला छोड़े और सांस पर ध्यान दें। अब आप सांस लेते हुए अपने सिर, पैर, और पूरे शरीर को 30 डिग्री पर उठायें। ध्यान रहे कि आपके हाथ ठीक आपके जांघ के ऊपर हो। धीरे-धीरे सांस लें और धीरे-धीरे सांस छोड़ें, इस अवस्था को अपने हिसाब से बनाये रखें। जब अपने शरीर को नीचे लाना हो तो लंबी गहरी सांस छोड़ते हुए सतह की ओर आयें। शुरुआती दौर में 3 से 5 बार करें। नौकासन की यह विधि तनाव दूर करने के लिए बहुत ही प्रभावी है।
धनुरासन
इस योग आसन में शरीर की आकृति सामान्य तौर पर खिंचे हुए धनुष के समान हो जाती है, इसीलिए इसे धनुरासन कहते हैं। यह आसन उन लोगो के लिए बहुत फायदेमंद है जो लोग फैटी लीवर रोग से पीड़ित है। यह आपके लीवर को ताकत देता है, उसे उत्तेजित करता है जिसके चलते शरीर में जमा फैट एनर्जी में परिवर्तित हो जाती है और आपका शरीर उसे इस्तेमाल कर पाता है।
धनुरासन करने की विधि
इसे करने के लिए सबसे पहले पेट के बल लेट जाये। फिर दोनों पैर आपस में एक-दूसरे से जोड़ें। दोनों पैरों को घुटनों से मोड़ें। घुटनों तथा पंजों के बीच में एक फुट का अंतर रख कर दोनों पैरों के टखनों को हाथों से पकड़ें। हाथों के सहारे दोनों पैरों के घुटने, जांघ तथा धड़ को सुविधानुसार एवं क्षमतानुसार ऊपर उठाएं। श्वास सहज रखें। इस स्थिति में आरामदायक अवधि तक रुक कर वापस पूर्व स्थिति में आएं।
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कपालभाति प्राणायाम
कपालभाति प्राणायाम कई रोगों के इलाज में फायदेमंद है। यह आपके लीवर के स्वास्थ्य को सुधारता है। इससे कई लीवर समस्याओं जैसे पीलिया, हेपेटाइटिस आदि ठीक होती है। शरीर में एनर्जी का संचार करने और तनाव दूर करने के लिए कपालभाती प्राणायाम करें। इससे पूरे शरीर को सही तरीके से ऑक्सीजन मिलता है।
कपालभाति करने की विधि
कपालभाती प्राणायाम करने के लिए सुखासन, सिद्धासन, पद्मासन या किसी भी आसन में बैठ जायें, कमरी सीधी रखें और दोनों हाथों को घुटनों पर रखें और नजर को सीधा रखें। सांस लेते वक्त नाभि को अंदर की तरफ ले जायें और सांस बाहर करते वक्त नाभि बाहर हो, सांस बाहर आराम से करें। स्थिति सामान्य हो और शरीर सीधा रखें। इसे 3 चक्रों में कर सकते हैं।
इन तीन योग की मदद से आप अपने लीवर को हेल्दी बना सकते हैं। तो देर किस बात की अपने लीवर को स्वस्थ रखने के लिए आज से ही करें ये योग और दूसरों को भी करने के लिए कहें।
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