बोटॉक्‍स के बारे में जानें

बोटॉक्स या बोट्यूलिनम टॉक्सिन प्रकार ए, एक बैक्टीरिया द्वारा निर्मित किया जाता है जो एक प्रकार की फूड प्वायजनिंग-बॉट्युलिज्म का कारण भी बनता है, आइए इस आर्टिकल के माध्‍यम से बोटॉक्‍स के बारे में जानकारी लें।
  • SHARE
  • FOLLOW
बोटॉक्‍स के बारे में जानें

बोटॉक्स या बोट्यूलिनम टॉक्सिन प्रकार ए, एक बैक्टीरिया द्वारा निर्मित किया जाता है जो एक प्रकार की फूड प्वायजनिंग-बॉट्युलिज्म का कारण भी बनता है। जब मसल्स में टॉक्सिन के छोटे, डिल्युटेड डोज इंजेक्ट कराये जाते हैं तो ये मसल्स को कमजोर करते हैं क्योंकि ये नर्व्स से केमिकल सिग्नल कमजोर कर देते हैं। मसल्स को नियंत्रित रूप से कमजोर करने से मसल्स को सिकुड़ने से रोका जा सकता है, जिसके नतीजे के तौर पर त्वचा की सतह पर रिंकल्स की मौजूदगी कम होती है। सन एक्सपोजर या ग्रेविटी के कारण बनने वाले रिंकल्स को बोटॉक्स से ट्रीट नहीं किया जा सकता। रिंकल्स और लाइन्स को कम करते हुए फेशियल अपीयरेंस सुधारने के अलावा बोटॉक्स का उपयोग अन्य स्वास्थ्य समस्याओं जैसे कि अत्यधिक पसीना आना या मसल्स की ऐंठन को ठीक करने में भी किया जाता है।

botox in hindi


बोटॉक्स प्रक्रिया में इंजेक्शन विशेष मसल्स में इंजेक्ट किये जाते हैं जो त्वचा की सतह पर रिंकल्स या फाइन लाइन्स बनने के लिये जिम्मेदार होती हैं। बोटॉक्स इंजेक्शनों को बहुत महीन नीडिल से लगाया जाता है जिसमें बहुत मामूली दर्द होता है। इस कॉस्मेटिक प्रक्रिया के लिये किसी एनेस्थेसिया की ज़रूरत नहीं होती। रिंकलिंग की सीमा के अनुसार आपको मसल्स को रिलैक्स करने के लिये बोटॉक्स इंजेक्शन लगवाने होते हैं। इस प्रक्रिया में केवल कुछ मिनट लगते हैं और बोटॉक्स का असर पांच से छह महीने तक के लिये रहता है। बोटॉक्स का असर कम होने के साथ रिंकल्स फिर से दिखने लगते हैं और फिर ट्रीटमेंट जरूरी हो जाता है।


ऑफ्टर केयर

बोटॉक्स ट्रीटमेंट के बाद पेशेंट को किसी खास आराम की या गतिविधियां रोकने की ज़रूरत नहीं होती। प्रक्रिया के बाद सामान्य दैनिक गतिविधियों को करते रहा जा सकता है। अगले 24 घंटों तक किसी ऐसी गतिविधि या खेलकूद से बचें जो खिंचाव पैदा करते हों। जहां बोटोक्स इंजेक्ट किया गया है उस जगह की मसाज मत करें क्योंकि टॉक्सिन अन्य मसल्स तक फैलकर टेम्परेरी फेशियल मसल वीकनेस का कारण बन सकता है। अगले चार से पांच घंटों तक लेटने से बचें।


पोटेंशियल कस्टमर

बोटॉक्स ट्रीटमेंट का पोटेंशियल कस्टमर वह है जिसमें फेशियल त्वचा पर एजिंग के शुरूआती संकेतों के रूप में रिंकल्स और फाइन लाइन्स बनने लगे हों। ऐसे लोग जिनके चेहरे की दिखावट में चिंताजनक रेखाओं से असर पड़ता है और वे हर समय चिंतित या क्रोधित दिखते हैं वे बोटॉक्स इंजेक्शनों का विकल्प चुन सकते हैं। चूंकि बोटोक्स ट्रीटमेंट अप्रवेश्य (नॉन-इन्वेसिव) है और दूसरे सर्जिकल ट्रीटमेंट्स के मुकाबले आसान है इसलिये यह उनके लिये अच्छा विकल्प है जो इन्वेसिव कॉस्मेटिक प्रक्रियाओं को नापसंद करते हैं।


जोखिम

बोटोक्स ट्रीटमेंट यदि सही तरह से किया जाये तो पूरी तरह सुरक्षित होता है लेकिन कुछ साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं जो थोडे वक्त तक रहते हैं। इनमें शामिल हैं

  • ट्रीटमेंट की जगह पर दर्द वाला अस्थायी जख्म
  • मितली
  • लालिमा
  • आसपास की फेशियल मसल्स की अस्थायी कमजोरी
  • पलकों का भारीपन, जो बोटोक्स के ट्रीटमेंट वाली जगह से दूसरी जगह तक फैलने से होता है इसलिये मसाज करने या लेटने से बचना चाहिये।
  • सिर में दर्द जो ट्रीटमेंट के 24 घंटों बाद गायब हो जाता है।
  • सुन्न होना।

बोटॉक्स ट्रीटमेंट कुशल लोगों द्वारा किया जाना चाहिये इसलिये अपना डॉक्टर सावधानीपूर्वक चुनें और खुद को किसी सीरियस कांप्लीकेशन से बचाने के लिये यह ज़रूरी है कि यदि कोई मेडिकल कंडीशन हो तो डॉक्टर को इस बारे में ज़रूर बता दें। कोई दबायें यदि आप ले रहे हैं तो उनके बारे में भी डॉक्टर को बताना ज़रूरी है।


पूर्वसावधानियां

गर्भवती या दूध पिलाने वाली माताओं को बोटोक्स ट्रीटमेंट नहीं कराना चाहिये। न्यूरोमस्कुलर बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिये भी बोटोक्स ट्रीटमेंट ठीक नहीं माना जाता है क्योंकि उन पर इसके विपरीत असर हो सकते हैं। कुछ दवायें भी बोटोक्स के साइड इफेक्ट्स बढ़ा सकती हैं। इसलिये अपनी मेडिकल हिस्ट्री और यदि कोई दवायें ली जा रही हैं तो उनके बारे में डॉक्टर को बता देना ठीक रहता है।


इस लेख से संबंधित किसी प्रकार के सवाल या सुझाव के लिए आप यहां पोस्‍ट/कमेंट कर सकते है।

Image Source : Getty

Read More Article on Alternative Therapy in hindi.

Read Next

स्‍वास्‍थ्‍य लाभों से भरपूर है स्टार ऐनिस

Disclaimer