क्षय रोग किसी को भी किसी भी उम्र और अवस्था में हो सकता हैं। फिर चाहे वह बच्चा हो, स्वस्थ व्यक्ति या फिर वृद्ध। इतना ही नहीं गर्भावस्था में भी क्षय रोग होना कोई बहुत बड़ी बात नहीं हैं। गर्भावस्था के दौरान क्षय रोग वही होता है जो बिना गर्भावस्था के होता है। गर्भावस्था के दौरान क्षय रोग उन महिलाओं में खासतौर में होने की आशंका रहती है जो बहुत कमजोर होती है और जिनका इम्यून सिस्टम बहुत कमजोर होता है।
लेकिन सवाल ये उठता है कि क्षयरोग के गर्भावस्था में क्या प्रभाव पड़ते हैं। इसके साथ ही क्या गर्भावस्था में टी.बी. के होने वाले कारणों में से एक है यानी गर्भावस्था और क्षय रोग में कुछ संबंध हैं। साथ ही इसमें ली जाने दवाएं बच्चे पर कोई असर नहीं डालती है या नहीं। इतना ही नहीं गर्भावस्था में क्षय रोग के खतरे के बारे में जानना भी जरूरी है। तो आइए जानें गर्भावस्था में क्षय रोग के बारे में तमाम बातें।
गर्भावस्था में क्षय रोग के कारण
टी बी के कीटाणु हवा में पाये जाये है। अगर कोई टी बी का मरीज खांसी करता है या सांस लेता है और वो ओपन केस है, ओपन केस का मतलब उसकी सांस में टी बी के कीटाणु बढ़ रहे है। तो ऐसे में वो कीटाणु हवा में आ जाते है और हवा में घूमते रहते है। ऐसे में गर्भवती इनके संपर्क में आने से क्षय रोग का शिकार हो जाती हैं। ऐसे में गर्भवती महिलाओं को कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए। अगर आपको पता है, परिवार में ऐसी किसी को बीमारी है है तो बंद कमरे में उसके साथ ना रहे ना ही पास जाकर अधिक बातें करें। दूसरा गर्भवती महिला को भीड़-भाड वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए।
गर्भावस्था में क्षय रोग के लक्षण
गर्भावस्था के दौरान कई बार पता ही नहीं चलता कि यह लक्षण क्षय रोग के है या गर्भावस्था के। जैसे कि गर्भावस्था के दौरान सांस लेने में दिक्कत होना, थकान महसूस होना, ये लक्षण टी बी के भी हो सकते है और गर्भावस्था के भी। पर एक लक्षण है है जो दोनों में एक सा नहीं है वो है खांसी जो सिर्फ क्षय रोग में ही पायी जाती है अगर गर्भवती महिला को दो हफ्तों से ज्यादा खांसी है तो उसको नजरअंदाज ना करें। एक और लक्षण भी जिससे आप क्षय रोग का पता लगा सकती हैं, जैसे गर्भावस्था में महिला का वजन बढ़ता है जबकि अगर साथ में क्षय रोग है तो आपका वजन बढ़ता नहीं हैं।
गर्भावस्था में क्षय रोग की चिकित्सा
गर्भावस्था में टीबी का इलाज न किये जाने से गर्भपात का खतरा बढ़ जाता है, यह गर्भवती महिला के लिए खतरनाक हो सकता है और साथ ही अजन्मे बच्चे में कोई बड़ी असामान्यता का कारण भी बन सकता है। गर्भावस्था में क्षय रोग में ली जाने वाली दवाएं वैसी ही होती है जैसी क्षय रोग में ली जाती है। लेकिन कुछ महिलाओं का मानना है कि इन दवाओं से मेरे बच्चे को नुकसान हो सकता है। दवाओं से नहीं बल्कि टी बी से बच्चे को खतरा हो सकता है। इसीलिए उन महिलाओं को चाहिए कि पास के डॉट सेन्टर में जाये और इलाज करायें, गर्भावस्था में क्षय रोग का इलाज संभव है। लेकिन हो सकता है आपको कुछ समस्याओं से गुजरना पड़े। गर्भावस्था में टी बी होने पर चिकित्सक की राय से ही समय पर दवा लें।
डॉट्स टी बी रोकने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक मुख्य योजना है। इसमें टीबी के नियंत्रण के लिए सरकार द्वारा टीबी के सक्रिय लक्षणों से युक्त रोगियों में थूक-स्मियर माइक्रोस्कोपिक परीक्षण, कीमोथेरेपी उपचार, दवाओं की एक निश्चित आपूर्ति, मानकीकृत रिपोर्टिंग और मामलों और उपचार के परिणामों की रिकॉर्डिंग शामिल होती है।
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