गर्मियों में एलर्जी से बचने के लिए अपनायें ये उपाय

गर्मियों का मौसम एलर्जी का मौसम हो स‍कता है और एलर्जी से बचने के लिए आप कुछ आसान टिप्‍स अपना सकते हैं।
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गर्मियों में एलर्जी से बचने के लिए अपनायें ये उपाय

हर नया मौसम अपने साथ अंदरूनी और बाहरी वातावरण में  काफी बदलाव लाता है। और इसके  सहज मायने हैं,  हर व्यक्ति के अपने आसपास के माहौल में बदलाव और व्यक्तिगत संवेदना के हिसाब से; कोई भी मौसम ‘एलर्जी का मौसम’ हो सकता है। अगर आपको लगता है कि गर्मियों में ही आप  एलर्जी से ज्यादा परेशान रहते हैं, तो नीचे दिए गए हैं गर्मियों में होती एलर्जी के कुछ अहम कारण और उनसे जूझने के लिए  कुछ  सुझाव :

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सोने से पहले अपने बाल धोइए

एक टेलिविज़न स्क्रीन की तरह बालों में भी एक तरह की चुम्बकीय विद्युत् शक्ति होती है जो कि दिन भर धूल के सूक्ष्म कणों को आकर्षित करके अपने आप में  जकड लेती है। और यह खासकर गर्मियों में ही होता है जब हम ज़्यादातर बाहर रहते हैं। जब आप बिना बाल धोये और बिना नहाये ही बिस्तर में घुस जाते हैं, तो एलर्जी पैदा करने वाले वे  सूक्ष्म कण जो दिन भर में आपके बालों में जकड लिए गए थे, आपके तकिये और चादरों पर अपना स्थान बना लेते हैं और वहां से  वहां से आपकी आँखों और नाक में समाने लगते हैं।  ये एलेर्जन्स आपके शरीर में न समां जाएँ इससे रोकने के लिए आप बस सोने से पहले अपने बाल धोइए और नहाइए। और हाँ, सिंथेटिक कपड़ों के बदले आप सूती और लिनेन के कपड़ों का प्रयोग करें क्योंकि सूती और लिनेन उतने सूक्ष्म कण आकर्षित नहीं करते जितने की सिंथेटिक कपडे।  

इस समय के दौरान बाहर घूमने से बचिए

गर्मियों के महीनों में सुबह 10 और दोपहर 4 बजे के बीच गर्मी अपनी चरम सीमा पर होती है, जो कि  घास फूस  से पैदा होनेवाला पराग और सूक्ष्म कणों के लिए  उत्कृष्ट वातावरण पैदा करती है, और खासकर जब धूल की आंधी चल रही हो कोई छोटा सा तूफान आकर चला गया हो।  वातावरण से होनेवाली एलर्जी से बचने के लिए, ऊपर दिए गए समय के दौरान आप भीतर रहने की कोशिश कीजिये, और बाहर का मज़ा सुबह सुबह या फिर दिन के 4-5 बजे के बाद उठाइए।

 

एलर्जी पैदा करने वाले आहार से बचिए

वैज्ञानिकों की एक खोज के अनुसार कुछ तरह के खान पान और एलर्जी बढ़ने के बीच गहरा सम्बन्ध होता है। जो लोग बाहरी  वातावरण से हो रही एलर्जी से पहले ही परेशान रहते हैं उनमे गलतखाना खाने से जो एलर्जी पैदा होती है उसे क्रॉस रेअक्टिविटी कहते हैं। उदहारण के तौर पर, अगर आपको  घास फूस के पराग से एलर्जी है तो मुमकिन है कि आपको उन  प्रोटीन युक्त खान पानों  से भी परहेज़ हो जैसे कि आल़ू और रसीले डंठलों वाली सब्जियां इत्यादि,  जिनकी वजह से वही घास फूस के पराग से होनेवाली एलर्जी जैसे लक्षण पैदा हो सकते हैं। दूसरी तरह की एलर्जी से पीड़ितों के लिए, जिन्हें कि रैगवीड से परहेज़ है, गर्मी के दिनों में प्रचलित आहारों का, जैसे कि तरबूज, खरबूजे और केलों का सेवन करने  से आपकी एलर्जी के लक्षण गंभीर रूप धारण कर सकते हैं। अगर आपको लगता है कुछ खान पानों का सेवन करने से आपकी एलर्जी प्रतिक्रियों और लक्षणों में बढ़ोतरी हुई है तो वे आहार  आप कम से कम २ हफ़्तों तक खाना छोड़ दें, ताकि वे  आपके शरीर  के अन्दर से एकदम साफ़ हो जाएँ।

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शराब कम पीजिये 

 

नियंत्रित मात्रा में शराब पीने से स्वास्थ्य को किसी हद तक फायदा पहुँच सकता है, लेकिन अगर आप  एलर्जी से पीड़ित हैं, शराब पीने से आपकी एलर्जी में भयंकर रूप से बढ़ोतरी हो सकती है, और इसका मुख्य कारण ये है कि शराब और बीयर कुछ तरह के अनाजों से तैयार की जाती है, और अधिकाँश लोगों को गेहूं, जौ, राइ जैसे अनाजों से परहेज़ होता है। आपकी एलर्जी के लक्षण तब नज़र आते हैं जब   आप कॉकटेल या बीयर का आनंद उठा रहे हैं, आप उसकी जगह वाइन की चुस्की लेना चाहते हैं, या मदिरा रहित पेय, जैसे कि  ठंढी चाए या फलों के ज्यूस  पीना   चाहते हैं।
इसलिए शराब कम पीयें या बिलकुल न पीयें।

जब धूल वगैरह उड़ रहे हों तो रुमाल या दुप्पटे से अपनी नाक बंद रखें।

 

Image Courtesy- getty images

 

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