
एनर्जी ड्रिंक पीने से भले ही आपको ऊर्जा मिलती हो, लेकिन यह आपके दिमाग के लिए नुकसानदेह हो सकता है, इस लेख में हम आपको बता रहे हैं ब्रेन डैमेज और एनर्जी ड्रिंक में क्या संबंध है।
'रेड बुल गिव्स यू विंग्स', 'मोर एनर्जी, मोर पावर', 'ड्रिंक्स लाइक अ सोडा, किक्स लाइक एन एनर्जी ड्रिंक', 'रेड डेविल द टेस्ट ऑफ एनर्जी'... आदि कई अट्रैक्टिव टैगलाइनों से यूथ और ग्राहकों को अपनी तरफ खींचने वाली कंपनियां लोगों को आधा सच बताकर उनके दिल और दिमाग को खतरे में डाल रही है। शुरू-शुरू में एनर्जी ड्रिंक पीने पर लोग काफी उत्साहित महसूस करते हैं। लेकिन धीरे-धीरे एनर्जी ड्रिंक पीने के कारण लोगों को नींद न आने औऱ घबराहट की समस्या होने लगती है।
दिल-दिमाग के लिए हानिकारक हैं ये ड्रिंक
आज के समय में बाजारों और दुकानों में कई सारी कंपनियों के एनर्जी ड्रिंक मिल रहे हैं। यूथ, खिलाड़ी और छात्र इन ड्रिंक्स का इस्तेमाल रोजाना पीने में भी करते हैं और प्रचार भी किया गया है कि ये एनर्जी ड्रिंक काम करने की क्षमता को बढ़ाते हैं। लेकिन 'केमिलो जोस सेला यूनिवर्सिटी' ने एथलीटों पर एनर्जी ड्रिंक के अच्छे और बुरे प्रभावों पर दोनों तरह की स्टडी की है जिसमें बुरे प्रभाव अधिक हैं और जो अच्छे प्रभाव हैं भी वो कुछ समय के होते हैं।
एनर्जी ड्रिंक में 640 मिग्रा कैफीन
विशेषज्ञों के अनुसार, हाई एनर्जी ड्रिंक के एक कैन में अमूमन 13 चम्मच चीनी और दो कप कॉफी के बराबर की कैफीन होती है। इस मात्रा से आप खुद अनुमान लगा सकते हैं कि एक बर में इतनी सारी कैलोरी और कैफीन मानव शरीर और दिमाग के लिए खतरा पैदा करने के लिए काफी है। जबकि कई बार तो युवा एक दिन में 3-4 कैन एनर्जी ड्रिंक पी लेते हैं। इसमें लगभग 640 मिग्रा कैफीन की मात्रा होती है, जबकि एक वयस्क भी एक दिन में केवल 400 मिग्रा कैफीन ही ऑब्जर्व कर सकता है।
बच्चों में बढ़ रहा चिड़चिड़ापन
इन ड्रिंक के कारण बच्चों में चिड़चिड़ापन बढ़ रहा है। इंग्लैंड में एसोसिएशन ऑफ स्कूल एंड कॉलेज लीडर्स के जनरल सेक्रेटरी ब्रायन कहते हैं, 'स्कूल में ऐसे कई बच्चे आते हैं जो दिन की शुरुआत नाश्ता करने की बजाय एनर्जी ड्रिंक लेकर करते हैं। ऐसे बच्चों के व्यवहार में चिड़चिड़ापन साफ तौर पर दिखाई देता है। यहां तक की बच्चों में फोकस करने की क्षमता भी कम हो जाती है जिससे उनका काम में ध्यान नहीं लगता।'
सीधे दिमाग पर करती है असर
2011 में अमेरिका में हुए एनर्जी ड्रिंक से संबंधित एक सर्वेक्षण के अनुसार अत्यधिक मात्रा में कैफीन लेने से दौरा पड़ने और सनक की समस्या होती है व कई बार तो मौत भी हो जाती है। अगर इसे आप सॉफ्ट ड्रिंक मानते हैं तो ये गलत है। एनर्जी ड्रिंक में मिली कैफीन सीधे दिमाग पर असर करती है, ऐसे में बच्चों का इसे पीने पर पाबंदी होनी चाहिए।
एनर्जी ड्रिंक को हेल्दी ड्रिंक का विकल्प कभी न बनायें और न ही इसे अपनी आदत बनायें। इसकी जगह ताजे फल और फलों का जूस अच्छा विकल्प हो सकता है।
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