हृदय को स्‍वस्‍थ रखने वाले सप्‍लीमेंट

हृदय संबंधी रोग होने पर आपकी जान तक जा सकती है। यदि आप कुछ सप्‍लीमेंट लेने शुरू कर दें तो हृदय संबंधित रोगों से न केवल बचाव किया जा सकता है बल्कि दिल को भी स्‍वस्‍थ रखा जा सकता है।
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हृदय को स्‍वस्‍थ रखने वाले सप्‍लीमेंट


शरीर के सभी अंगों में हृदय की सबसे ज्‍यादा अहमियत है। हाई कोलेस्‍ट्राल होने से दिल के तमाम रोगों की शुरूआत होती है। आप अपने परिवार या पास-पड़ौस में गौर करें तो कोलेस्‍ट्राल की ज्‍यादा मात्रा के कारण लोगों को हृदय से जुड़ी बीमारियां होती है। आपको आगे चलकर हार्ट से जुड़ी किसी दिक्‍कत का सामना न करना पड़े और आपका दिल हमेशा स्‍वस्‍थ रहे इसके लिए आपको अभी से सतर्क रहना पड़ेगा।

खुद को लंबे समय तक फिट रखने के लिए आपको खान-पान में सुधार के साथ ही एक्‍सरसाइज भी करनी चाहिए। यदि आप ऐसा करते हैं तो आपकी लाइफस्‍टाइल हेल्‍थी लाइफस्‍टाइल कहलाएगी और आप हृदय संबंधी रोगों से हमेशा के लिए दूर रहेंगे। इसके साथ ही आप कुछ सप्‍लीमेंट लेकर भी खुद को दिल से जुड़ी बीमारियों से बचा सकते हैं। बात करते हैं ऐसे ही कुछ सप्‍लीमेंट की जो आपको हृदय रोग से बचाने में खास भूमिका निभाते हैं।

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ओमेगा 3 फैटी एसिड

मछली के तेल में ओमेगा 3 फैटी एसिड सबसे ज्‍यादा मात्रा में पाया जाता है और यह हृदय के लिए बहुत ही गुणकारी होता है। जो व्‍यक्ति अपने खाने में फैटी एसिड का इस्‍तेमाल करते हैं वे स्‍वस्‍थ रहते हैं और उन्‍हें हृदयवाहिनी  से संबंधित रोगों का सामना न के बराबर करना पड़ता है। कई शोध और अध्‍ययन में भी साफ हो चुका है कि ओमेगा 3 फैटी एसिड हार्ट अटैक के खतरे को कम करता है। इसके साथ ही यह शरीर में ट्राइग्लिसराइड लेवल को भी कम करता है। इसके सेवन से ब्‍लड प्रेशर की समस्‍या भी कम होती है।

कोएंजाइम क्‍यू 10

कोएंजाइम क्‍यू 10 हृदय संबंधी बीमारियों से बचाव और इनके उपचार में बहुत ही लाभदायक है। कोएंजाइम क्‍यू 10 कोशिकाओं में रक्‍त के धक्‍के जमने से रोकता है। इसके साथ ही यह मानव शरीर के लिए एंटीऑक्‍सीडेंट का काम भी करता है। अध्‍ययनों में भी यह साफ हो चुका है कि जो लोग प्रत्‍येक तीन दिन में कोएंजाइम क्‍यू 10 सप्‍लीमेंट की खुराक लेते हैं उन्‍हें दूसरे लोगों की तुलना में हार्टअटैक का खतरा कम होता है। इसके साथ ही उन्‍हें सीने में होने वाली दर्द की शिकायत भी नहीं होती। इसके अलावा कोएंजाइम क्‍यू 10 लेने वाले लोगों की मौत सप्‍लीमेंट न लेने वाले लोगों की तुलना में हृदय रोग से कम होती है।

विटामिन डी

शरीर में विटामिन डी की मात्रा कम होने पर हृदयवाहिनी से संबंधी रोग का खतरा बढ़ जाता है। यहां तक की आपका हार्ट फेल हो सकता है और आपको हार्ट अटैक हो सकता है। जिनके शरीर में विटामिन डी की मात्रा कम होती है उन्‍हें हृदय से संबंधित बीमारी, टाइप 2 डायबिटीज, मोटोपे की समस्‍या, हाई ब्‍लड प्रेशर और हाई कोलेस्‍ट्राल की परेशानी होने का खतरा ज्‍यादा रहता है।
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नेसिन

एक अध्‍ययन से यह भी सामने आया है कि नेसिन यानी विटामिन बी3 शरीर में बैड कोलेस्‍ट्राल (लो डेन्‍सिटी लाइपो प्रोटीन्‍स) की मात्रा को कम करता है। विटामिन बी3 के लिए आप बाजार में मिलने वाली 'इजेटिमिबे'का सेवन कर सकते हैं। इजेटिमिबे के सेवन से बैड कोलेस्‍ट्राल को कम किया जा सकता है, जिससे शरीर में एलडीएल की मात्रा कम हो जाती है। बैड कोलेस्ट्राल अथवा एलडीएल के शरीर में बढ़ने से हृदयवाहिनी संबंधित बीमारी बनती हैं। जब एलडीएल की खून में मात्रा बढ़ जाती है तो यह हृदय और मस्तिष्क की धमनियों को ब्लॉक कर देता है। ऐसे में दिल का दौरा, धमनियों में रुकावट या स्ट्रोक जैसी समस्याएं हो सकती है।

 

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