
सूरज की किरणों के संपर्क में आने से कई लोगों को एलर्जी की समस्या हो जाती है, इसे सन एलर्जी कहा जाता है। ये एलर्जी शरीर में गर्दन, हाथ, पीठ, हाथ और पैर की उपरी भाग पर दिखाई देती है। इससे बचने के लिए आपको कुछ खास बातों को ध्यान रखना चाहिए।
सूरज की किरणों से अक्सर कई लोगों को एलर्जी की समस्या हो जाती है, इसे सन एलर्जी कहा जाता है। इसमें शरीर पर लाल रंग के दाने और खुजली जैसे खरोंच हो जाती है। असल में यह हमारे शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली की प्रतिक्रिया होती है।
सन एलर्जी कुछ संवेदनशील लोगों में ही होती है, और कुछ मामलों में, वे सूरज के सामने आये केवल कुछ ही संक्षिप्त पल द्वारा हो सकती है। ये एलर्जी शरीर में गर्दन, हाथ, पीठ, हाथ और पैर की उपरी भाग पर दिखाई देती है। दुर्लभ मामलों में, त्वचा की प्रतिक्रिया और अधिक गंभीर हो सकती है। इसमें त्वचा पर छोटे छाले या फफोले हो जाते हैं, जो शरीर की त्वचा पर फैल सकते है।
पोलिमोरफोस लाइट इरप्शन (Polymorphous light eruption)
इसमें धूप में रहने के दो घंटे के भीतर ही शरीर में खुजली या खरोंच होने लगती है। आमतौर पर खरोंच गर्दन, हाथ और पैर के निचले हिस्से यानी धूप में उजागर भागों पर दिखाई देती है।
एक्टनिक प्रूरिगो (Actinic prurigo)
इस एलर्जी को वंशानुगत पोलिमोरफोस लाइट इरप्शन भी कहा जाता है। इसके लक्षण पोलिमोरफोस के समान ही होते हैं। लेकिन यह एलर्जी आमतौर पर चेहरे पर ही अधिक नजर आती है। होंठ उसके आसपास का क्षेत्र इससे ज्यादा प्रभावित होता है।
फोटोएलर्जिक दानें
इस तरह की एलर्जी के लक्षणों मे लाल लाल चकत्ते या खुजली, छोटे फफोले होते है। कुछ मामलों में शरीर को कपड़े से ढकने के बाद भी त्वचा मे जलन होती है। क्योंकि फोटाएलर्जिक एलर्जी में शरीर पर सूरज के प्रति अतिसंवेदनशील की प्रतिक्रिया देर से होती है, इस तरह के त्वचा के लक्षण धूप में रहने के एक या दो दिन के बाद शुरू होते है।
सोलर अर्टिकारिया
इस तरह की एलर्जी मे शरीर पर पित्ती उभरती है, आमतौर पर सूर्य के प्रकाश से संपर्क आने के मिनट भर के भीतर त्वचा की खुली सतह पर दिखाई देने लगती हैं।
अगर आपमें और अधिक गंभीर धूप संबंधित लक्षण है - विशेष रूप से फफोले या त्वचा के दानों के नीचे से खून बहना - तो आपको अपने डॉक्टर से निदान के उपाय लेने की आवश्यकता होती है। ज्यादातर मामलों में, आपके लक्षणों के आधार पर अपके चिकित्सक पुष्टि कर सकते हैं कि आपको पोलिमोरफोस या सूर्य की किरण से एलर्जी है। या वंशानुगत खुजली की समस्या है। आपके परिवार का इतिहास और आपकी त्वचा की एक साधारण परीक्षण करके या कभी कभी, इसके लिय़े अतिरिक्त आवश्यक परीक्षण करने की जरुरत होती है।
चिकित्सा के उपाय
त्वचा की बायोप्सी
त्वचा की बायोप्सी में त्वचा का एक छोटा सा टुकड़ा निकाल कर दिया जाता है और उसकी प्रयोगशाला में जांच की जाती है।
ब्लड टेस्ट
इस चिकित्सा में रक्त परीक्षण करके शरीर की प्रणाली में आये बदलाव य़ा असंतुलन का पता लगाय़ा जाता है।
फोटो टेस्टिंग
इस चिकित्सा मे त्वचा के दानों पर पराबैंगनी प्रकाश की मापी मात्रा डाल के परीक्षण किया जाता है। यदि इसमें आपकी त्वचा पर लक्षण दिखाई देते हैं जो की पराबैंगनी प्रकाश के संपर्क में है, तो इस प्रदर्शन के बाद, परीक्षण पुष्टि करता है कि आपकी त्वचा में धूप संबंधित एलर्जी है।
एलर्जी का निदान
फोटोएलर्जिक एलर्जी के लक्षण होने पर डॉक्टर निदान में वर्तमान दवाओं, त्वचा लोशन, सनस्क्रीन की समीक्षा करके, आपको किसी का भी उपयोग शुरू करने की सलाह दे सकता है। फिर अस्थायी तौर पर इस वैकल्पिक दवा, लोशन य़ा सनस्क्रीन को कुछ समय़ तक लेना बंद करके डॉक्टर यह भी देखते हैं कि क्या यह आपकी त्वचा के लक्षण कम कर देता है।
फोटोपैच परीक्षण
यदि आवश्यक हो, तो अपका चिकित्सक आप को डर्मेटोलॉजिस्ट यानी त्वचा विशेषज्ञ के पास जाने की सलाह भी दे सकता है। जो आप पर फोटोपैच परीक्षण करेगा जो एक नैदानिक प्रक्रिया है। इसमें शरीर की त्वचा के एक छोटे से क्षेत्र पर पराबैंगनी प्रकाश और रासायनिक द्नव की एक छोटी मात्रा डाल कर संयोजन करके आपकी एलर्जी की तीव्रता का निदान करता है।
यदि आपको सौर पित्त के लक्षण है, तो चिकित्सक आप पर फोटोपैच परीक्षण का उपयोग करके परीक्षण द्वारा पित्ती के दोबारा बढने का निदान कर पुष्टि कर सकते हैं।
इसके अलावा सन एलर्जी की समस्या होने पर आपको खास सावधानी रखनी चाहिए। धूप में कम-कम निकलने की कोशिश करें। अगर बहुत ज्यादा जरूरी है, तो शरीर को ढककर ही बाहर जाएं। छतरी का प्रयोग कर सकते हैं। इसके साथ सनस्क्रीन भी लगाएं।
Image Courtesy : Getty Images
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