आठ उपाय जो दिल की बीमारियों से बचायें

स्‍वस्‍थ हृदय ही स्‍वस्‍थ शरीर की कुंजी है, अगर दिल बीमार हो जायेगा तो शरीर भी बीमार होगा, इसलिए दिल को स्‍वस्‍थ रखने के लिए इन तरीकों को आजमायें और दिल को बीमारियों से बचायें।
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आठ उपाय जो दिल की बीमारियों से बचायें


हमारी खराब आदतें ही हमारे दिल को बीमार करती हैं। हमारे देश में बड़ी संख्‍या में लोग दिल की बीमारियों के चलते अपनी जान गवांते हैं। समाचार पोर्टल न्‍यूज ट्रेक इंडिया में सितंबर 2012 में छपी खबर के अनुसार हर पांचवां भारतीय दिल की बीमारी के चलते मौत का ग्रास बनता है। जो लोग अपने भोजन में अत्यधिक वसा, नमक, अंडे और मांस खाते हैं, उन्हें दूसरों के मुकाबले दिल का दौरा बड़ने का जोखिम 35 प्रतिशत अधिक होता है। खाद्य-पदार्थों से ही कोलेस्‍ट्रॉल और ब्‍लड प्रेशर का स्‍तर नियंत्रित होता है। कैलोरी, वसा, कोलेस्‍ट्रॉल, सोडियम आदि की मात्रा को निधार्रित करके दिल की बीमारियें को कम किया जा सकता है। दिल की बीमारी से बचने के लिए इन आठ तरीको को आजमाया जा सकता है।

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खाने पर नियंत्रण 

दिल का रोग दूर करने के लिए सबसे ज्‍यादा जरूरी है खाने पर नियंत्रण करना। अगर आप खाने में ज्‍यादा कैलोरी ले रहे हैं तो शरीर में कोलेस्‍ट्रॉल का स्‍तर बढ़ेगा, जिससे दिल की बीमारियों के बढ़ने की आशंका ज्‍यादा होगी। इसलिए खाने में पोषणयुक्‍त आहार शामिल कीजिए, लो कैलोरी वाले आहार अपनाइये। फास्‍ट फूड और जंक फूड खाने से परहेज कीजिए। 


सब्जियां और फल 

फल और सब्जियां विटामिन और मिनरल का अच्‍छा स्रोत हैं। सब्जियों और फल में कैलोरी की मात्रा कम होती है और साथ ही इनमें फाइबर ज्‍यादा मात्रा में होता है। हरी सब्जियों में पाया जाने वाला पदार्थ हृदय रोगों को होने से रोकता है। हरी सब्जियों और फलों का सेवन करने से आप ज्‍यादा वसा वाले आहार जैसे - मांस, मछली, पनीर आदि कम खायेंगे, जो कि दिल के लिए फायदेमंद है। 


साबुत अनाज 

साबुत अनाज फाइबर का अच्छा स्रोत होता है जो ब्‍लड प्रेशर और हृदय स्‍वास्‍थ्‍य को विनियमित करने में अहम भूमिका निभाता है। साबुत अनाज या फिर इसके उत्‍पादों को खाने में शामिल करके आद दिल को मजबूत बना सकते हैं। इसके लिए अपने डाइट चार्ट में जौ, कॉस्‍कस आदि शामिल कीजिए। 


वसा और कोलेस्ट्रॉल 

खाने में वसा और कोलेस्‍ट्रॉल की मात्रा को सीमित कीजिए। खाने में संतृप्‍त वसा और ट्रांस वास को कम करने से ब्‍लड से कोलेस्‍ट्रॉल की मात्रा कम होती है और हृदय रोग होने का खतरा कम होता है। यदि शरीर में कोलेस्‍ट्रॉल की मात्रा ज्‍यादा है तो दिल के दौरे का खतरा बढ़ जाता है। 

कम वसा वाले प्रोटीन स्रोत चुनें 

लीन मीट, अंडा, मछली, कम वसा वाले डेयरी उत्पाद प्रोटीन के सबसे अच्‍छे स्रोतों में गिने जाते हैं। लेकिन अंडे को खाने से पहले उसके अंदर के पीले हिस्‍से को निकाल देना चाहिए। मछली में वसा होता है, कुछ मछलियों में ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है जो ब्‍लड से फैट (ब्‍लड में मौजूद वसा को ट्रीग्‍लीसीराइड्स कहते हैं) कम करता है।  


सोडियम की मात्रा कम करें 

नमक का ज्‍यादा मात्रा में सेवन करने से दिल की बीमारियां बढ़ने का खतरा रहता है। दिल के मरीज को नमक खाने से परहेज करना चाहिये। नमक में सोडियम होता है जिससे ब्‍लड प्रेशर बढ़ता है। रक्‍तचाप और हृदय रोग के बीच सीधा सम्‍बन्‍ध होता है।

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धूम्रपान न करें 

धूम्रपान फेफड़ों के साथ-साथ दिल के लिए नुकसानदेह है। प्रत्‍यक्ष और अप्रत्‍यक्ष दोनों प्रकार से धूम्रपान दिल को कमजोर बनाता है। इसलिए अच्‍छे दिल के लिए बेहतर है कि आप धूम्रपान से दूर रहें।



योग और एक्‍सरसाइज 

नियमित रूप से व्‍यायाम और योग करने से दिल मजबूत होता है। इसलिए हर रोज कम से 30 से 40 मिनट तक वर्कआउट करने की आदत डालिए। यदि आप बाहर नही जाना चाहते तो घर पर ही योगा और ध्‍यान कर सकते हैं। 



इसके अलावा पानी का सेवन भरपूर मात्रा में करें। गर्मी के मौसम में कम से कम 8-10 ग्‍लास पानी पीजिए। रोजाना भरपूर नींद लीजिए, सकारात्‍मक सोचिए और दिल को जवां रखिए। 




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