
तम्बाकू ज़हर के समान है, जो किसी भी स्थिति में आपके लिए अच्छा नहीं हो सकता। तम्बाकू की लत अकसर कालेज में दोस्तों के साथ शुरू होती है और आफिस तक यह आपका साथ नहीं छोड़ती। अभिलेखों से ऐसा पता चला है कि प्रतिवर्ष 9 लाख भारतीयों की मृत्यु धूम्रपान से होती है। तो अपने दिल की खातिर धूम्रपान छोड़ें।
आर्टेमिस स्वास्थ्य संस्थान में कैंसर चिकित्सा विभाग के वरिष्ठ डाक्टर अशोक वैद के अनुसार, तम्बाकू हर रूप में हानिकारक होता है।
गंगाराम अस्पताल के प्रमुख आन्कालाजिस्ट डाक्टर श्याम अग्रवाल का मानना है कि स्कूलों और कालेजों में धूम्रपान जैसी आदतों पर जागरूकता अभियान चलाया जाना चाहिए। अगर आप चाह कर भी धूम्रपान नहीं छोड़ पा रहे हैं, तो साइकोलाजिस्ट की मदद लें।
धूम्रपान छोड़ने के कुछ आसान तरीके :
अपना लक्ष्य निर्धारित करें:
कोई दिन निर्धारित करें जब आप धूम्रपान छोड़ देंगे।
सिर्फ 3 महीने नान-स्मोकिंग के:
शोधकर्ताओं का ऐसा मानना है कि धूम्रपान करने वालों में इस आदत के दोबारा लौटने की प्रवृत्ति 3 महीनों के अंदर अधिक होती है।
क्यों ना कहलायें नान-स्मोकर:
नान–स्मोकर कहलाना आपके लिए गर्व का अनुभव हो सकता है। ऐसा मान लें कि आपके व्यक्तित्व के साथ धूम्रपान शोभा नहीं देता। इस प्रकार का बदलाव आपमें सकारात्मक ऊर्जा का संचार कर सकता है।
प्रबल इच्छाशक्ति का कमाल:
सिग्रेट और इससे सम्बन्धी सभी वस्तुओं को फेंक दें। ऐसा करके आप हल्का महसूस करेंगे और नकारात्मक सोच आप पर हावी नहीं होगी।
स्विच करना सीखें:
धूम्रपान की तीव्र इच्छा होने पर च्विंगम या मिंट चबायें। अपने सभी दोस्तों व प्रियजनों को बता दें कि आप धूम्रपान छोड़ रहे हैं।
धूम्रपान त्यागकर आप कुछ समय के लिए मूडी, अशिष्ट, उदास, परेशान हो सकते हैं । लेकिन इन सभी बातों का आपकी सेहत पर उतना प्रभाव नहीं पड़ता जितना धूम्रपान का, तो क्यों ना कहलायें नान-स्मोकर।
तम्बाकू की लत अकसर कालेज में दोस्तों के साथ शुरू होती है और आफिस तक यह आपका साथ नहीं छोड़ती। डाक्टरों का मानना है कि हमारे हृदय को धूम्रपान से खतरा है इसलिए धूम्रपान छोड़ें।
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