दिन भर टकटकी लगाए दफ्तर में कुर्सी पर बैठकर काम करना, शारीरिक मेहनत में कमी, सोने उठने व चलने का गलत पॉश्चर व अनियमित जीवनशैली। ने कंधों, कमर और गर्दन को कुछ ज्यादा ही बोझिल कर दिया है। कंधे और गर्दन में दर्द जैसे हमारी इस नई लाइफ का हिस्सा ही बन गये हैं। ऐसे में लोग कमर और गर्दन के दर्द से छुटकारा पाने के लिये तरह-तरह की पेनकिलर दवाएं या ऑयनमेंट का सहारा लेते हैं, जो शायाद तात्कालिक आराम तो पहुंचा देते हैं, लेकिन स्थायी निवारण नहीं करते। लेकिन कैसा हो कि बजाय इस सब तत्कालिक विकल्पों के अपनी जीवनशैली में कुछ योगासनों को शामिल कर इस समस्या से स्थाई राहत मिल जाए! तो चलिये जानते हैं कुछ ऐसे योगासनों के बारे में जिनके अभ्यास से दिनभर बैठ रहने से होने वाले गर्दन के दर्द से छुटकारा पाया जा सके।
द्रुत ताड़ासन
द्रुत ताड़ासन को खड़े होकर या बैठकर दोनों तरह से किया जा सकता है। इसे करने के लिये सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं या बैठ जाएं और अपने दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाएं। इसके बाद सांस भरते हुए दोनों हाथों को जितना अधिक खींच सकें ऊपर की ओर खीचें। अब सांस छोड़ते हुए दाईं ओर झुकें और कुछ सेकंड रुकने के बाद फिर उसी अवस्था में लौट आएं। इसके बाद ठीक यह प्रक्रिया बाईं ओर से भी दोहराएं, और फिर सीधे होकर सामान्य मुद्रा में आ जाएं। इस पूरी प्रक्रिया को रोजाना 10 से 20 बार दोहराएं।
आप साधारण ताड़ासन भी कर सकते हैं। इसे करने के लिए सीधे खड़े हों या वज्रासन में बैठ जाएं और फिर दोनों हाथों को सामने की ओर लाकर उंगलियों को आपस में लॉक कर लें। हाथों को इसी पेजीशन में ऊपर की ओर उठाएं। अब सांस को भीतर खींचते हुए हाथों को जितना स्ट्रेच कर सकें करें और फिर सांस छोड़ते हुए वापस से सामान्य मुद्रा में आ जाएं।
पर्वतासन
पर्वतासन भी कमर, दर्दन तथा रीड़ के लिये बेहद लाभदायक आसन होता है। पर्वतासन करने के लिए सुखासन में बैठें और फिर दोनों हाथों को नमस्ते के आकार में जोड़ते हुए ऊपर की ओर लाएं। अब गहरी सांस भरते हुए कंधे, बाजू और पीठ की मांसपेशियों में एक साथ खिंचाव का अनुभव करें। इस स्थिति में एक से दो मिनट तक रहने के बाद सांसों को छोड़ते हुए हाथों को नीचे ले आएं। रोजाना 10 से 15 बार इस आसन को करें।
ब्रह्ममुद्रा आसन
ब्रह्ममुद्रा आसन को करने के लिए पहले पद्मासन, सिद्धासन या फिर वज्रासन की मुद्रा में ठीक प्रकार से बैठ जाएं और इसके बाद गर्दन को सीधी रखते हुए धीरे-धीरे दाईं ओर को ले जाएं। कुछ देर इस अवस्था में रुकें और फिर गर्दन को सीधे बाईं ओर ले जाएं। और फिर कुछ सेंकड़ों के बाद दोबारा दाईं ओर सिर घुमाएं। इसके बाद सिर को 3 से 4 बार क्लॉकवाइज और ठीक उतनी ही बार एंटी क्लॉकवाइज घुमाएं।
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