एण्टी एजिंग क्रीम के भी होते हैं कुछ अतिरिक्त प्रभाव

बढ़ती उम्र का डर हर इंसान को सताता रहता है, जैसे-जैसे इंसान की उम्र बढ़ती जाती है, उसका असर सबसे पहले उसकी त्वचा पर दिखाई पड़ने लगता है। इससे बचने के लिए लोगों में एण्टी एजिंग क्रीम के इस्‍तेमाल का चलन दिन-प्रतिदिन बढ़ रहा है। आइए हम आपको इसके बारे में विस्‍तार से जानकारी दे रहे हैं।
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एण्टी एजिंग क्रीम के भी होते हैं कुछ अतिरिक्त प्रभाव

बढ़ती उम्र का डर हर इंसान को सताता रहता है। जैसे-जैसे इंसान की उम्र बढ़ती जाती है, उसका असर सबसे पहले उसकी त्वचा पर दिखाई पड़ने लगता है। और इसी के चलते लोग बाजार में मौजूद ढ़ेरों एण्टी एजिंग क्रीम्स, जो उम्र को थाम लेने जैसे लुभावने वादे करती हैं, में से किसी एक का चुनाव कर उसका इस्तेमाल शुरू कर देते हैं। लेकिन इन एण्टी एजिंग क्रीम के कुछ अतिरिक्त प्रभाव भी होते हैं। इस लेख में हम आपको बता रहे हैं एण्टी एजिंग क्रीम केक ऐसे ही कुछ अतिरिक्त प्रभावों के बारे में।side effects of anti aging

 

हालांकि बाजार में बढ़ती उम्र को रोकने के लिए अनेक एंटी-एंजिंग क्रीम मौजूद हैं। त्वचा पर सूखापन आना, झुर्रियां आना, आम बात है। लोग अपनी-अपनी सुविधा और जरूरत के हिसाब से इन्हें खरीदते भी हैं। तात्कालिक रूप से इन क्रीमों का उपयोग करने से आपकी त्वचा पर झुर्रियां नहीं दिखाई पड़ती। लेकिन इस तरह की एंटी एजिंग क्रीम के अनेक साइड इफेक्ट्स भी हैं जो आपको नुकसान भी पहुंचा सकते हैं, आइए देखते हैं ये साइड इफेक्ट्स क्या हैं, और कैसे इनसे बचा जा सकता है।

 

 

एण्टी एजिंग क्रीम के कुछ अतिरिक्त प्रभाव-

 

  • एंटी एजिंग क्रीम्स में कई तरह के केमिकल्स मिले होते हैं जिनके तात्कालिक प्रभाव तो बहुत अच्छे होते हैं लेकिन बाद में इन केमिकल्स के प्रभाव से त्वचा अधिक खराब होने लगती हैं।
  • एंटी एजिंग क्रीम्स की कोई गारंटी नहीं होती कि वह आपके लिए पूरी तरह से सेफ क्रीम है और ना ही उनके प्रयोग से प्रभावी रूप से असरकारक होने की गारंटी होती। यानी उसके अतिरिक्त प्रभाव आपको बाद में परेशान कर सकते हैं।
  • कई एंटी-एजिंग क्रीम्स में डीईए, टीईए और एमईए जैसे केमिकल्स मिले होते हैं जो कि शरीर का पीएच स्तर बनाएं रखने के लिए उपयोगी होते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं इन केमिकल्स का उपयोग या इनके संपर्क में आने से आपको लीवर और किडनी का कैंसर हो सकता है।
  • यदि आप एंटी एजिंग क्रीम का प्रयोग पहली बार करने जा रहे हैं तो ये आपके लिए और भी जरूरी हो जाता है कि आप किसी एक्सपर्ट से ये जान लें कि वह क्रीम आपके लिए नुकसानदायक तो नहीं, कहीं आपको उससे स्किन इंफेक्शन तो नहीं हो जाएगा। उस पर लिखे सभी दिशा-निर्देशों को ध्यान से पढ़े तभी उसका प्रयोग करें, अन्यथा आपको फायदे के बजाय नुकसान हो सकता है।
  • आपको एंटी-एजिंग क्रीम्स का इस्तेमाल करते हुए ध्यान रखना चाहिए कि उनमें नेचुरल प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल हुआ हो। उन क्रीम्स के इस्तेमाल से बचना चाहिए जिनमें केमिकल भरपूर मात्रा में शामिल होते हैं।
  • ये ध्यान रखें कि यदि एंटी-एजिंग क्रीम लगाने के बाद किसी तरह का कोई साइड इफेक्ट दिखाई दें जैसे- त्वचा में दाने निकलना, खुजली होना या त्वचा का लाल होना। तो ऐसे में क्रीम का प्रयोग तुरंत बंद कर देना चाहिए और स्किन स्पेशलिस्ट से तुरंत मिलना चाहिए।
  • एंटी-एजिंग क्रीम में इस्तेमाल किए जाने वाले तेलों से त्वचा की सामान्य प्रणाली पर नकारात्मक असर पड़ता है।
  • पैराबींस का एंटी-एजिंग क्रीम्स में इस्तेमाल होने से त्वचा में लाल रंग के चकते पड़ने लगते हैं जिससे त्वचा में खुजली और त्वचा संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है।
  • इन एंटी-एजिंग क्रीम्स में हार्श केमिकल्स का इस्तेमाल होता है जिनकी वजह से एलर्जी की समस्या होने लगती है और आपकी त्वचा बहुत संवेदनशील हो जाती है।
  • इन क्रीम्स के इस्तेमाल से मुंहासों की समस्या हो सकती है। त्वचा पर घाव हो सकते है। छाले पड़ सकते है।
  • इन क्रीम्स का रक्त पर नेगेटिव इफेक्ट पड़ता है जिससे त्वचा संक्रमण बढ़ जाता है।
  • हालांकि एंटी-एंजिंग क्रीम बोटोक्स ट्रीटमेंट और सर्जरी के मुकाबले काफी सस्ती होती है और यह भी माना जाता है कि यह उम्र को रोकने का सबसे सुरक्षित उपाय है। फिर भी आपको अपनी त्वचा की प्रकृति के अनुरूप ही किसी त्वचा स्पेशलिस्ट से सलाह लेकर इनका इस्तेमाल करना चाहिए।

 

वेसे तो उम्र के साथ होने वाले त्वचा बदलावों को रोकने के लिए आप प्राकृतिक तरीकों का सहारा बी ले सकते हैं, लेकिन यदि एण्टी एजिंग क्रीम का इस्तेमाल कर ही रहे हैं तो एक बार अपने स्किन स्पेश्लिस्ट से सलाह जरूर लें।

 

 

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