श्रीदेवी और जयललिता को ले बैठा कार्डियक अरेस्ट, जानें रोग के शुरुआती लक्षण

दिल यानि कि हद्य मानव शरीर का एक ऐसा अंग है जो पूरे शरीर का संचालन करता है।
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श्रीदेवी और जयललिता को ले बैठा कार्डियक अरेस्ट, जानें रोग के शुरुआती लक्षण


दिल यानि कि हद्य मानव शरीर का एक ऐसा अंग है जो पूरे शरीर का संचालन करता है। अगर इस अंग को काम करने में जरा भी दिक्कत होती है तो इसका परिणाम सीधा मौत होता है। आपने भी सुना होगा कि हमारे देश में सबसे ज्यादा मौतें हार्ट अटैक या फिर दिल से जुड़ी अन्य बीमारियों की वजह से होती है। इस चीज का ताजा उदाहरण बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री श्रीदेवी भी हैं। जिनकी अभी हाल ही में कार्डियक अरेस्ट से मौत हुई है। बता दें कि श्रीदेवी की मौत शनिवार रात को दुबई के एक होटल में हुई है। इससे पहले तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री और अभिनेत्री जे जयललिता की मौत भी दिल की बीमारी के चलते ही हुई है। कुछ लोग हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट को एक ही समझ लेते हैं। जबकि दोनों के बीच में बड़ा अंतर है। आज हम आपको कार्डियक अरेस्ट और इसके लक्षणों के बारे में बता रहे हैं।

जानें क्या होता है कार्डियक अरेस्ट

  • हार्ट बीट का अचानक रुक जाना कार्डियक अरेस्ट कहा जाता है।
  • दिल की धड़कन तभी रुकती है जब उसे ऑक्सीजन न मिले यानि मांसपेशी को खून न मिले। 
  • जब दिल धड़कता है एक विद्युत संवेग यानि बिजली की कौंध पैदा होती है, जिसकी मदद से रक्त हमारे शरीर के अलग-अलग अंगों में संचारित होता है।
  • कई बार धड़कन अनियंत्रित हो जाए, तो रक्त का संचार प्रभावित होता है और इसका असर शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर पड़ सकता है।
  • दिल की धड़कन अनियंत्रित होने की भी कई वजहें हो सकती हैं। जैसे हो सकता है मांसपेशी में कोई समस्या आ गई हो या कि मांसपेशी ठीक हो मगर उसे मिलने वाला खून दूषित हो आदि। 
  • कार्डियक अरेस्ट दिल की ऐसी बीमारी है जिसमें धड़कन के अनियंत्रित होने से कई बार कुछ समय के लिए दिल खून की पंपिंग करते-करते आराम करने लगता है। ये आराम कितना लंबा हो सकता है इसका कोई अंदाजा नहीं है।
  • कई बार दिल की धड़कन दोबारा शुरू हो जाती है और मरीज की जान बचाई जा सकती है। मगर ज्यादातर बार ये संभव नहीं होता है क्योंकि दिल की धड़कन जब तक दोबारा शुरू होती है तब तक मस्तिष्क तक ऑक्सीजन न पहुंचने के कारण उसकी मौत हो चुकी होती है।

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कार्डियक अरेस्ट के लक्षण

  • अचानक किसी व्यक्ति का ब्लड प्रेशर कम होना
  • शरीर का पीला पड़ना और आंखों का लाल होना
  • चक्कर आना या लड़खड़ाकर चलना
  • दिल की धड़कन का अनियमित होना
  • दिल के बाईं हिस्से में तेज दर्द होना
  • सिर दर्द होना या फिर उल्टी आना

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हार्ट अटैक से कैसे अलग है कार्डियक अरेस्ट? 

जो लोग हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट को एक मानते हैं तो उन्हें यह समझ लेना चाहिए कि दोनों के बीच बड़ा अंतर है। हार्ट अटैक से घिरे व्यक्ति को कार्डियक अरेस्ट की संभावना बढ़ जाती है और मरीज की अचानक मौत हो सकती है। हार्ट अटैक वो है जिसमें किसी ब्लॉकेज के कारण दिल को खून नहीं मिल पाता है। जब दिल रक्त नलिकाओं में किसी तरह के अवरोध के कारण हृदय की धमनियों को खून नहीं मिल पाता या पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पाता तो वो मर जाती हैं। धमनियां चूंकि तीन होती हैं इसलिए दिल के जितने हिस्से को प्रभावित धमनी से खून मिल रहा था, दिल का उतना हिस्सा भी मर जाता है जबकि शेष दो धमनियों में मिलने वाले खून के सहारे दिल का बाकी हिस्सा चलता रहता है। इस कारण अगर कार्डियक अरेस्ट हो गया तो मरीज की मिनटों में मौत संभव है और अगर कार्डियक अरेस्ट नहीं हुआ है तो मरीज को बचाया भी जा सकता है।

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