शापिंग के मायने हर किसी के लिए अलग होते हैं, कुछ ज़रूरत के लिए शापिंग करते हैं, कुछ शौक के लिए और कुछ तनावमुक्ति के लिए। ऐसे में अगर आपकी शापिंग का कारण भी तनावमुक्ति है, तो इसे बदल डालें और कभी भी तनाव में शापिंग ना करें। ऐसे में आप ना केवल पैसों की बर्बादी करेंगे बल्कि ऐसी चीज़ें भी खरीद लायेंगे जिनका आप कभी प्रयोग नहीं करेंगे।
दिल्ली स्थित गंगाराम अस्पताल की साइकोलॅाजिस्ट डा आरती आनंद के अनुसार अकसर लोग तनाव दूर करने के लिए शापिंग करते हैं। पुरूषों की तुलना में महिलाओं में इस समस्या के अधिक होने का एक कारण उनके समय की अधिकता है।
अगर शापिंग आपके लिए अनिवार्य बनती जा रही है तो आप शापहालिक हो सकते हैं और इस समस्या से बचने का सबसे आसान तरीका है काउंसलिंग।
साइकैट्रिस्ट्स की मानें तो शापिंग करने का नशा भी कुछ अल्कोहल या ड्रग्स की तरह होता है।
• क्या शापिंग आपके लिए तनाव मुक्ति का साधन है।
• क्या आप अपनी जेब से अधिक शापिंग करते हैं।
• क्या आप अपनी शापिंग करने की आदत को चाह कर भी नहीं बदल पा रहे हैं।
अगर इनमें से कोई भी विकल्प आपको सही लगता है तो सावधान हो जायें, आप भी शापैहोलिक हो सकते है ।
शापहालिज्म से बचने के टिप्स :
• अगर आपको लगता है कि आप शापैहालिक बन रहे हैं तो अपने पास कैश रखें। कभी भी कार्ड का इस्तेआमाल ना करें।
• अगर आपको डिप्रेशन या ऐसी किसी कोई बिमारी है तो ऐसी स्थिाति में शापिंग के लिए ना जायें।
• शापिंग के नाम पर आप स्वयं को नियंत्रित नहीं कर पा रही हैं, तो अपने सारे कार्ड फेंक दें ।
• महीने का बजट बना लें और उसपर अडिग रहें।
अगर आपको भी लगता है कि आपके अंदर का शापहॅालिक विकसित हो रहा है तो अपनी आदतों को बदल डालें।