बॉलीवुड एक्टर और फेमस मॉडल मिलिंद सोमन को पिछले साल 50 साल की उम्र में ट्रायथलॉन प्रतियोगिता में आयरनमैन के खिताब से नवाजा गया था। 4 नवंबर को मिलिंद का बर्थडे होता है, आज वह 51 साल के हो गए हैं। पिछले साल 19 जुलाई को ज्यूरिख, स्विट्जरलैंड में हुई आयरनमैन ट्रायथलॉन प्रतियोगिता जीतने के बाद उन्हें आयरनमैन का खिताब मिला था। आपको बता दें कि ट्रायथलॉन को दुनिया की सबसे कठिन प्रतियोगिताओं में से एक माना जाता है। तो 51 साल की उम्र में, जब हमारे घुटने जवाब देने लगते हैं और चलना भी मुश्किल होता जाता है, ऐसे में मिलंद इतने फिट कैसे हैं? आइए जानें इतनी बड़ी उम्र में भी मिलिंद सोमन को फिट बनाने वाली चीजों के बारे में।
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समय से पहले पूरा किया लक्ष्य
आयरनमैन ट्रायथलॉन में इस बार 7 भारतीयों सहित 2000 लोगों ने हिस्सा लिया था। इस प्रतियोगिता में 3.8 किलोमीटर स्विमिंग, 180.2 किलोमीटर साइकिलिंग और 42.2 किलोमीटर की दौड़ बिना रुके 16 घंटे में पूरी करनी थी। मिलिंद ने ट्रायथलॉन को समय से पहले ही 15 घंटे 19 मिनट में पूरा किया। आपने करन जौहर की फिल्म 'स्टूडेंट ऑफ द ईयर' में ट्रायथलॉन प्रतियोगिता का नमूना शायद देखा भी हो।
मिलिंद को खासकर टीवी शो 'कैप्टन व्योम' के लिए जाना जाता है। उन्होंने 'तरकीब', 'जुर्म', 'जोड़ी ब्रेकर्स' और 'एलेक्स पांडियन' जैसी फिल्मों में काम भी किया है। मिलिंद सोमन बिना कपड़ों के उनकी पूर्व प्रेमिका और मिस इंडिया रही मधु सप्रे के साथ जूते का विज्ञापन करने के कारण विवादों में भी आ चुके हैं।
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मिलिंद के लिये फिटनेस का मतलब
मिलिंद के अनुसार चार दीवारों के भीतर शरीर को फिट और निरोग नहीं बनाया जा सकता। मिलिंद कहते हैं कि 'मैं घर में रहकर ही एक्सरसाइज करता हूं या फिर बाहर दौड़ने जाता हूं। मेरा मानना है कि फिटनेस का मतलब आज़ादी से है। इसे बंद कमरों या फिर महंगी, आधुनिक मशीनों से नहीं पाया जा सकता।" कोई भी व्यक्ति एक साधारण एक्सरसाइज से भी खुद को फिट रख सकता है।
नंगे पैर दौड़ना उनके लिये वरदान है
मिलिंद सोमन मैराथन में भी नंगे पैर दौड़ना पसंद करते हैं। मिलिंद के अनुसार, 'अधिकतर लोगों को लगता है कि नंगे पैर दौड़ने से पैरों में चोट लग सकती है या उन्हें नुकसान हो सकता है, लेकिन वास्तव ऐसा नहीं है। इस तरह से दौड़ने से आपके पैर और भी मजबूत बनते हैं।" आपको बता दें कि मेक्सीको में 'तरहमारा' नामक जनजाति के लोग सालों से नंगे पैर दौड़ते आए हैं और वे बिना रुके 200-300 किलोमीटर दौड़ते हैं। इस विषय पर 2009 में एक बहुचर्चित किताब 'बॉर्न टू रन' भी प्रकाशित हो चुकी है।
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क्या है मिलिंद सोमन की डाइट
मिलिंद कहते हैं कि वे हमेशा पौष्टिक खाना ही पसंद करते हैं। वे बताते हैं कि वे किसी भी प्रकार का स्टेरॉयड या कोई सप्लीमेंट नहीं लेते हैं। वे कहते हैं कि शुगर को छोड़कर वे डाइट में कोई विशेष रूटीन नहीं फॉलो करते। वे डिनर में कभी नॉन वेज नहीं लेते, क्योंकि हेवी डाइट डाइजेशन को प्रभावित करता है। ब्रेकफास्ट में वे दो मसाला डोसा, फल और दूध लेते हैं। कभी-कभी सोया दूध के साथ मूसली और दलिया भी। लंच में कुछ ऐसा जो ज्यादा भारी नहीं हो। जैसे रोटी, दाल, सब्जी और दही। डिनर में मिलिंद रोटी, सब्जी, दाल आदि लेते हैं।
चाट के शौकीन मिलिंद कहते हैं कि वे रोज चाट खा सकते हैं। मिलिंद के मुताबिक उन्हें पानी पुरी, सेव पुरी से लेकर सभी तरह की चाट पसंद है। वे चाइनीज फूड के भी शौकीन हैं, लेकिन उन्हें सबसे ज्यादा मां के हाथ का खाना (महाराष्ट्रियन) बहुत अच्छा लगता है। वे कहते हैं कि भारतीय भोजन से ज्यादा पौष्टिक और अच्छा खाना कुछ और नहीं हो सकता।
मिलिंद बताते हैं कि उनकी मां भी सुपरफिट हैं और 74 साल की उम्र में भी 100 किमी दौड़ चुकी हैं। मिलिंद की मां उषा सोमण ने पिछले साल 74 की उम्र में 100 किमी की ट्रायलवॉकर (पैदल दौड़) पूरी की थी। उषा ने 60 की उम्र के बाद भी दुनिया के कई ऊंचे पहाड़ों को चढ़ा है।
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