मेलानोमा स्किन कैंसर होने के ये हैं खतरे

धूप में ज्‍यादा देर तक रहना या शरीर के पाचन तंत्र की खराबी आपको मेलानोमा स्किन कैंसर का रोगी बना सकती है। मेलानोमा के और खतरे जानने के लिए लेख को पढ़ें।
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मेलानोमा स्किन कैंसर होने के ये हैं खतरे

कैंसर हो या अन्‍य कोई बीमारी सभी का अपना-अपना रिस्‍क फैक्‍टर या खतरा जरूर होता है। सभी रोगों और अलग-अलग प्रकार के कैंसर के विभिन्‍न खतरे होते हैं। कैंसर कई प्रकार का होता है। इन सभी के खतरे में भी कोई समानता नहीं पायी जाती। किसी कैंसर का खतरा स्‍मोकिंग से बढ़ता है तो किसी के होने का खतरा सन एक्‍पोजर से है। वहीं कुछ कैंसर का खतरा व्‍यक्ति की उम्र बढ़ने पर होता है और कुछ फैमिली हिस्‍ट्री के कारण भी होते हैं।

 

हालांकि किसी बीमारी के रिस्‍क फैक्‍टर पूरी तरह से बीमारी के बारे में नहीं बताते। कुछ लोगों को बीमारियां ऐसे दबे पांव घेरती हैं कि उन्‍हें उनके खतरे और लक्षण पता होने पर भी पता नहीं चल पाता। इस लेख के जरिये आगे हम आपको बताएंगे मेलानोमा स्किन कैंसर के खतरे और उपचार के बारे में।

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सूरज की यूवी किरणें

सूरज की अल्‍ट्रा वायलेट (यूवी) किरणों से मेलानोमा स्किन कैंसर का सबसे ज्‍यादा खतरा रहता है। जिन लोगों की दिनचर्या ऐसी होती है कि उन्‍हें सूर्य की रोशनी में ज्‍यादा रहना पड़ता है, उन्‍हें मेलानोमा कैंसर होने का भी खतरा ज्‍यादा होता है।

 

तिल

शरीर पर मौजूद तिल भी मेलानोमा कैंसर का कारण हो सकते हैं। सामान्‍यतया बच्‍चे के जन्‍म के समय उसके शरीर पर तिल मौजूद नहीं होते, ये बचपन में या फिर युवावस्‍था में दिखाई देते हैं। हालांकि ज्‍यादातर मामलों में तिल से कोई खतरा नहीं होता, लेकिन यदि किसी व्‍यक्ति के शरीर पर ज्‍यादा तिल हैं तो उसे मेलानोमा का खतरा बना रहता है।

 

गोरी त्‍वचा, चकत्‍ता और हल्‍के बाल

अफ्रीकन लोगों के मुकाबले गोरे लोगों में मेलानोमा होने का खतरा दस गुना तक ज्‍यादा होता है। इन लोगों के लाल व भूरे कलर के बाल, ब्‍लू और ग्रीन कलर की आंखे और गोरी त्‍वचा होती है। इसलिए इनमें मेलानोमा स्किन कैंसर होने की ज्‍यादा आशंका होती है।

 

फैमिली हि‍स्‍ट्री

यदि आपके परिवार में माता-पिता, भाई-बहन या कोई बच्‍चा मेलानोमा से ग्रसित है तो आपको मेलानोमा स्किन कैंसर होने का खतरा ज्‍यादा रहता है। मेलानोमा छुआ-छूत से फैलने वाला रोग है। लगभग 10 फीसदी मामलों में देखा गया है कि लोगों को परिवार के कारण मेलानोमा कैंसर हुआ है।

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मेलानोमा रोगी को खतरा

यदि कोई पहले व्‍यक्ति मेलानोमा रोग का उपचार करा चुका है तो उस व्‍यक्ति को दुबारा से मेलानोमा कैंसर होने का खतरा बना रहता है। करीब पांच फीसदी मामलों में मेलानोमा का उपचार करा चुके व्‍यक्ति को फिर से यह शिकायत हुई है।

 

पाचन तंत्र की खराबी

यदि किसी का पाचन तंत्र संबंधी का ट्रीटमेंट चल रहा है या उस व्‍यक्ति के शरीर का कोई अंग ट्रांसप्‍लांट हुआ है तो ऐसे लोगों को मेलानोमा होने का खतरा ज्‍यादा बना रहता है।


उम्र

मेलानोमा कैंसर होने का खतरा उम्र बढ़ने के साथ बढ़ता है। बुजुर्गों में यह रोग खूब पाया जाता है। हालांकि मेलानोमा युवाओं में भी पायी जाने वाली बीमारी है। अक्‍सर मेलानोमा की परेशानी 30 साल के आसपास उम्र वाली महिलाओं में भी देखी गई है।


लिंग

अमेरिका में महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में मेलानोमा के ज्‍यादा मामले पाये गये हैं। हालांकि यह उम्र पर भी निर्भर करता है। वहां पर 40 साल से कम उम्र की महिलाओं और 40 वर्ष से ज्‍यादा उम्र वाले पुरुष मेलानोमा से ग्रसित पाये गये हैं।

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मेलानोमा का उपचार

मेलानोमा के उपचार के लिए डॉक्‍टर सर्जरी करता हैं। इसका पता चलने के तुरंत बाद उपचार के लिए डॉक्‍टर से संपर्क करना चाहिए। यदि इसके उपचार में देरी की गई तो यह आपके शरीर के अन्‍य भागों में भी फैल सकता है। सर्जरी के बाद डॉक्‍टर नियमित चेकअप के लिए आपका शेड्यूल तय करेगा। शेड्यूल के मुताबिक नियमित जांच कराये। यदि आपका मेलानोमा ज्‍यादा पुराना हो गया है और लिम्‍फ नोड्स तक फैल गया है तो इसमें सर्जरी के साथ इंटरफेरोन नामक दवाई लाभदायक रहती है।

यदि आपके शरीर पर हुए किसी दाग या धब्‍बे में खुजली होती है और खून निकलता है तो आपको मेलानोमा कैंसर हो सकता है। इसके उपचार के लिए जल्‍द से जल्‍द चिकित्‍सक से संपर्क करें।

Image Courtesy : Getty Images

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