
अन्य सर्जरी की तुलना में लेसिक सर्जरी कम खतरनाक।
यह आसान है और मात्र 30 मिनट में ही हो जाती है।
इसे एक बार कराने के बाद दोबारा नहीं करा सकते हैं।
आंखें कुदरत की ओर से दी गई सबसे कीमती उपहार हैं। ये जितनी कीमती हैं, उतनी ही संवेदनशील भी हैं। इसलिए तो लोग आंखों का विशेष ख्याल रखते हैं और थोड़ा भी सरदर्द होने पर तुरंत डॉक्टर से जांच करवाते हैं। पहले लोग आंखों की समस्या से निज़ात पाने के लिए चश्मा पहनते थे। लेकिन चश्मा एक बार चढ़ गया तो जिंदगी भर लगाना पड़ता है। लेकिन विकसित होती तकनीक ने आंखों के उपचार को आसान कर दिया है। आजकल डॉक्टर चश्मा लगाने वाले को लेसिक सर्जरी करने की हिदायत देते हैं और लोग लेसिक सर्जरी का फायदा भी उठा रहे हैं। लेसिक सर्जरी कराने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। आइए इस लेख में लेसिक सर्जरी के फायदे और नुकसान के बारे में जानते हैं।
क्या है लेसिक सर्जरी
जो लोग चश्मा पहनते हैं और जिनका पावर -1 से -10 के बीच है, उन्हें तुरंत आंखों की लेसिक सर्जरी करवानी चाहिए। जांच में देख लें कि आपके कॉर्निया की थिकनेस कैसी है। जितनी अधिक थिकनेस होगी इस सर्जरी का फायदा उतना अधिक होगा। साथ ही लेसिक सर्जरी की सबसे अच्छी बात है कि ये अन्य दूसरी सर्जरी की तुलना में ज्यादा आसान और बेहतर है। यह सस्ती होती है और इसमें कॉर्निया को नुकसान पहुंचने का खतरा न के बराबर होता है। जबकि दूसरी सर्जरी में कॉर्निया पर खतरा ज्यादा रहता है।
लेसिक सर्जरी के फायदे
लेसिक सर्जरी 30 मिनट या उससे कम समय में हो जाती है। साथ ही यह सर्जरी आंखों के लिए काफी प्रभावी और कारगार मानी गई है, जिस कारण अधिकतर लोग आंखों के लिए लेसिक सर्जरी करने की हिदायत देते हैं।
92-98% लोग आंखों की समस्या से निजात पाने के लिए लेसिक सर्जरी का ही सहारा लेते हैं, क्योंकि ये आंखों की दृष्टि के लिए काफी फायदेमंद होती है और किसी भी अन्य सर्जरी की तुलना में आसान और किफायती होती है।
लेसिक सर्जरी दृष्टि से जुड़ी सभी समस्याओं और खतरों को काफी हद तक दूर कर देती है।
लेसिक सर्जरी के नुकसान
लेसिक सर्जरी आंखों के सबसे संवेदनशील हिस्से में की जाती है और इसे दोबारा नहीं किया जा सकता है।
लेसिक सर्जरी के कुछ दिनों के बाद ही लोगों को पढ़ने के लिए तो चश्मे की जरूरत पड़ती ही है।
सबसे बड़ा खतरा लेसिक सर्जरी का ये है कि, ये आपकी इंश्योरेंस पॉलिसी का हिस्सा नहीं होता। मतलब की इस सर्जरी के दौरान अगर आपकी आंखों को कुछ होता है तो इसकी जिम्मेदारी न डॉक्टर की और न इंश्योरेंस विभाग की होगी।
आंखें अनमोल हैं, इसलिए इससे जुड़ी किसी भी तरह की सर्जरी कराने से पहले चिकित्सक की सलाह जरूर लें।
आंखें कुदरत की ओर से दी गई सबसे कीमती उपहार हैं। ये जितनी कीमती हैं, उतनी ही संवेदनशील भी हैं। इसलिए तो लोग आंखों का विशेष ख्याल रखते हैं और थोड़ा भी सरदर्द होने पर तुरंत डॉक्टर से जांच करवाते हैं। पहले लोग आंखों की समस्या से निज़ात पाने के लिए चश्मा पहनते थे। लेकिन चश्मा एक बार चढ़ गया तो जिंदगी भर लगाना पड़ता है। लेकिन विकसित होती तकनीक ने आंखों के उपचार को आसान कर दिया है। आजकल डॉक्टर चश्मा लगाने वाले को लेसिक सर्जरी करने की हिदायत देते हैं और लोग लेसिक सर्जरी का फायदा भी उठा रहे हैं। लेसिक सर्जरी कराने से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। आइए इस लेख में लेसिक सर्जरी के फायदे और नुकसान के बारे में जानते हैं।

क्या है लेसिक सर्जरी
जो लोग चश्मा पहनते हैं और जिनका पावर -1 से -10 के बीच है, उन्हें तुरंत आंखों की लेसिक सर्जरी करवानी चाहिए। जांच में देख लें कि आपके कॉर्निया की थिकनेस कैसी है। जितनी अधिक थिकनेस होगी इस सर्जरी का फायदा उतना अधिक होगा। साथ ही लेसिक सर्जरी की सबसे अच्छी बात है कि ये अन्य दूसरी सर्जरी की तुलना में ज्यादा आसान और बेहतर है। यह सस्ती होती है और इसमें कॉर्निया को नुकसान पहुंचने का खतरा न के बराबर होता है। जबकि दूसरी सर्जरी में कॉर्निया पर खतरा ज्यादा रहता है।
लेसिक सर्जरी के फायदे
- लेसिक सर्जरी 30 मिनट या उससे कम समय में हो जाती है। साथ ही यह सर्जरी आंखों के लिए काफी प्रभावी और कारगार मानी गई है, जिस कारण अधिकतर लोग आंखों के लिए लेसिक सर्जरी करने की हिदायत देते हैं।
- 92-98% लोग आंखों की समस्या से निजात पाने के लिए लेसिक सर्जरी का ही सहारा लेते हैं, क्योंकि ये आंखों की दृष्टि के लिए काफी फायदेमंद होती है और किसी भी अन्य सर्जरी की तुलना में आसान और किफायती होती है।
- लेसिक सर्जरी दृष्टि से जुड़ी सभी समस्याओं और खतरों को काफी हद तक दूर कर देती है।

लेसिक सर्जरी के नुकसान
- लेसिक सर्जरी आंखों के सबसे संवेदनशील हिस्से में की जाती है और इसे दोबारा नहीं किया जा सकता है।
- लेसिक सर्जरी के कुछ दिनों के बाद ही लोगों को पढ़ने के लिए तो चश्मे की जरूरत पड़ती ही है।
- सबसे बड़ा खतरा लेसिक सर्जरी का ये है कि, ये आपकी इंश्योरेंस पॉलिसी का हिस्सा नहीं होता। मतलब की इस सर्जरी के दौरान अगर आपकी आंखों को कुछ होता है तो इसकी जिम्मेदारी न डॉक्टर की और न इंश्योरेंस विभाग की होगी।
आंखें अनमोल हैं, इसलिए इससे जुड़ी किसी भी तरह की सर्जरी कराने से पहले चिकित्सक की सलाह जरूर लें।
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