गर्मी का मौसम आते ही लोग ठंडी चीजों का सेवन शुरू कर देते हैं जैसे दही, लस्सी, तरबूज, खीरा आदि। ये न केवल व्यक्ति को पेट की समस्याओं से दूर रखने में मदद करते हैं बल्कि पेट को ठंडा रखने का भी काम करते हैं। गर्मियों में बहुत से लोग पाचन से जुड़ी समस्याओं का शिकार हो जाते हैं और पेट की तकलीफों का रोना रोते हैं। बच्चे हों या बड़े ज्यादातर लोगों को पेट दर्द की शिकायत शुरू हो जाती है तो वहीं कुछ लोग कब्ज, पेट में लगातार गैस बनना, खट्टी डकार, पथरी, अल्सर, कोलाइटिस, एसिड रिफ्लक्स या आईबीएस (इरिटेबल बाउल सिंड्रोम) जैसी समस्याओं का शिकार हो जाते हैं। दरअसल इनमें से ज्यादातर समस्याएं हमारी छोटी व बड़ी आंत में मौजूद बैक्टीरिया (गट फ्लोरा) के कारण होती हैं। इन दोनों आंतों में असंतुलन या किसी कारण से हमारी आंतों में मौजूद बैक्टीरिया मरने लगते हैं, जिसके कारण हम पेट से जुड़ी समस्याओं का शिकार हो जाते हैं। इसके अलावा ज्यादा तनाव लेने, क्लोरीनयुक्त पानी पीने, ज्यादा मीठा या जंक फूड का सेवन और एंटीबायोटिक का प्रयोग हमारी आंत में मौजूद गट फ्लोरा को बुरी तरह से प्रभावित करता है और पेट की बीमारियां होने लगती हैं। इन समस्याओं को जड़ से खत्म करने का प्रभावी तरीका है अपने भोजन में प्रोबायोटिक को शामिल करना। रोजाना के भोजन में प्रोबायोटिक का इस्तेमाल आपको इन समस्याओं से आसानी से छुटकारा दिला सकता है। तो आइए जानते हैं कि कौन से प्रोबायोटिक फूड आपके लिए फायदेमंद हैं और क्या है इसके बेहतरीन स्त्रोत।
आखिर क्यों फायदेमंद है प्रोबायोटिक
प्रोबाोटिक एक प्रकार के बैक्टीरिया हैं, जो हमारी आंत में होते हैं और हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही ज्यादा फायदेमंद होते हैं। ये बैक्टीरिया न सिर्फ भोजन को पचाने में मदद करते हैं बल्कि कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने, पोषक तत्वों को अवशोषित करने और रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी की इम्यूनिटी को बढ़ाने में भी मदद करते हैं। प्रोबायोटिक को हमारे स्वास्थ्य के लिहाज से अच्छे बैक्टीरिया के रूप में जाना जाता है। अक्सर खान-पान की गलत आदतों और एंटिबायोटिक के अधिक इस्तेमाल से हमारे शरीर में खराब बैक्टीरिया का स्तर बढ़ जाता है और अच्छे बैक्टीरिया की संख्या कम होने लगती है, जिसके कारण शरीर में बैक्टीरिया का संतुलन बिगड़ जाता है और पूरा शरीर प्रभावित होता है। ऐसा माना जाता है कि हमारा इम्यून सिस्टम हमारी आंतों में होता है और अगर हमारी आंत का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा तो हमारा शरीर भी स्वस्थ रहेगा और शरीर को रोगों से लड़ने में मदद तो मिलेगी ही साथ ही आसानी भी होगी।
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प्रोबायोटिक से शरीर को होने वाले फायदे
प्रोबायोटिक से हमारे शरीर को काफी फायदा मिलता है। इसके इस्तेमाल से मूत्र नली और यौनांगों के कुछ संक्रमणों के उपचार में मदद मिलती है। कुछ अध्ययनों से पता चला है कि प्रोबायोटिक कोलोरेक्टल और स्तन कैंसर में काफी फायदेमंद होता है। शरीर में मौजूद बैक्टीरिया का संतुलन एलर्जी के खतरा को भी काफी कम कर सकता है। लैक्टोबैसिलस रैम्नोसस और बिफिडोबैक्टीरिया दोनों ही एलर्जी को कम करने में मदद कर सकते हैं।
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प्रोबायोटिक के स्त्रोत
मौजूदा वक्त में प्रोबायोटिक दही लोगों की पहली पसंद है हालांकि घर में बनाया गया दही भी प्रोबायोटिक की मात्रा से भरपूर होता है। दही और छाछ जैसे डेयरी उत्पाद प्रोबायोटिक के अच्छे स्त्रोत होते हैं। इसके अलावा खमीरयुक्त खाद्य पदार्थों में भी प्रोबायोटिक की अच्छी मात्रा मिलती है।
- इडली
- डोसा
- ढोकला
- उत्तपम, प्रोबायोटिक के अच्छे स्त्रोत हैं।
इनके अलावा अलग-अलग सब्जियों से तैयार कोरियाई व्यंजन किमची, खमीर द्वारा तैयार बंदगोभी का अचार, टोफू और सोया भी प्रोबायोटिक के अच्छे स्त्रोत में आते हैं। ये सभी चीजें बच्चों की हड्डियां और दांतों को मजबूत बनाने और कैल्शियम को अवशोषित करने मदद करते हैं। अगर आप इन चीजों का सेवन नहीं करना चाहते तो बाजार में प्रोबायोटिक सप्लीमेंट भी मिलते हैं।
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