मन और संगीत का संबंध बहुत ही गहरा है, उम्र कितनी भी अधिक हो जाये लेकिन संगीत ऐसा जादू है जिसकी आगोश में जाने के बाद इंसान खुद को जवां महसूस करता है। संगीत एक थेरेपी की तरह है जो हर तरह की समस्या को दूर करने में मदद करने के साथ-साथ सकारात्मकता बढ़ाने का काम करती है। संगीत का असर जवां लोगों पर ही पड़ता है या फिर उम्रदराज लोगों के लिए यह फायदेमंद होती है। इस लेख में विस्तार से जानते हैं कि बुजुर्गों पर संगीत क्या असर करती है।
बढ़ती उम्र और संगीत
उम्र बढ़ने के साथ शरीर कमजोर होने लगता है और बीमारियां अधिक होने लगती हैं। ऐसे इंसान को मानसिक देखभाल करने की जरूरत होती है ताकि वह खुद को अंदर से स्वस्थ अनुभव करे। ऐसे में संगीत एक साथी की भूमिका निभा सकता है। विभिन्न तरह के संगीत सुनकर अकेलेपन को खत्म किया जा सकता है साथ ही यह मूड भी ठीक करता है। यह ऐसा साथी है जो हर पल और हर परिस्थिति में आपके साथ होता है।
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शोध के अनुसार
संगीत हर उम्र के लोगों के लिए है, लेकिन यह उम्रदराज लोगों की देखभाल में ज्यादा सहायक माना जाता है। क्योंकि जवानी में इंसान के लिए संगीत मनोरंजन है तो बुढ़ापे में यह जरूरत बन जाता है। अमेरिका में हुए एक शोध की मानें तो संगीत उम्रदराज लोगों की देखभाल को आसान बना देता है। संगीत सुनने वाले रोगियों को अधिक आराम मिलता है और वे जल्दी बीमारी से बाहर निकल जाते हैं। संगीत उम्रदराज लोगों को भावनात्मक और मानसिक रूप से मजबूत बनाता है, जो किसी भी समस्या से निकलने के लिए बहुत जरूरी है।
पुरानी यादें ताजा होती हैं
यादें एक सहारे की तरह होती हैं जिसे इंसान संभाल कर रखता है। कुछ बातें ऐसी भी होती हैं जो आसानी से याद नहीं आती हैं, ऐसे में संगीत मदद करता है। अपने जमाने के संगीत सुनकर वे खुद को जवां महसूस करते हैं। इससे वे अपनी सारी समस्याओं और दर्द को भूल जाते हैं, जो किसी भी रोगी के लिए खासकर बुजुर्गों के लिए बहुत जरूरी है।
याद्दाश्त बढ़ती है
उम्र बढने के साथ शरीर के साथ इंसान का दिमाग भी कमजोर होने लगता है और याद्दाश्त कमजोर होने लगती है। नियमित संगीत सुनने से याद्दाश्त बढ़ती है। डिमेंशिया के शिकार लोगों पर भी इसका अच्छा असर होता है। संगीत शरीर में डोपामाइन हार्मोन का स्राव करता है, इससे सोचने और समझने की क्षमता पर अच्छा असर होता है।
तनाव दूर होता है
संगीत से तनाव दूर होता है जो कि उम्रदराज लोगों के लिए बहुत जरूरी है। इससे सांस प्रक्रिया सामान्य होती है और बेचैनी नहीं होती। इससे नींद अच्छी आती है और तनाव दूर रहता है।
दर्द कम करता है
संगीत का असर नर्वस सिस्टम पर पड़ता है। यह वह हिस्सा है जो ब्लड प्रेशर, हृदय गति और दिमाग की प्रक्रिया को नियंत्रित करता है। मस्तिष्क के उस हिस्से पर भी असर होता है, जो भाव को नियंत्रित करता है। मांसपेशियों के दर्द से पीडि़त लोगों का नियमित संगीत सुनने से दर्द का एहसास कम होता है।
तो उम्र के असर को बेअसर करने के लिए संगीत सुनें और स्वस्थ रहें।
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