ऐसे करें नवजात की देखभाल

नव प्रसव देखभाल या नवजात देखभाल शब्द नवजात शिशुओं के 1 से 28 दिनों के बीच की देखभाल के लिये इस्तेमाल होता है।
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ऐसे करें नवजात की देखभाल


"नव प्रसव देखभाल" या नवजात देखभाल शब्द नवजात शिशुओं के 1 से 28 दिनों के बीच की देखभाल के लिये इस्तेमाल होता है। जन्‍म के 1 से 28 दिनों में सभी शिशुओं को अतिरिक्‍त‍ देखभाल की जरूरत होती है और यह देखभाल ही बच्चे के संपूर्ण स्‍वास्‍थ्‍य निर्धारित करती है। लेकिन जो बच्चे जन्‍म के समय कमज़ोर होते हैं, उन्हे विशेष देखभाल की जरूरत होती है।

New born baby

खासकर वो बच्‍चे जिनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है, उनको संक्रमण होने की अधिक संभावना होती है, इसलिए उन्हे शुरू के 28 दिन के दौरान अधिक से अधिक देखभाल की आवश्यकता होती है।

 

थोड़े सा ध्यान देकर 'बच्चे का जीवन बचाया जा सकता है और थोड़ी सी लापरवाही भी नवजात शिशु के लिए घातक हो सकती है. नवजात देखभाल समय से पहले जन्मे बच्चे, कम वजन के बच्चे या जो बच्चे अपने नियत तारीख से पहले पैदा होते हैं दी जाती है। अगर बच्चा कमजोर है या उसकी चिकित्‍सा चल रही है, तो उसे सुरक्षा के लिए नवजात देखभाल में रखा जाता है। मूल रूप से बच्चे के स्वास्थ्य और आवश्यकताओं के अनुसार अस्पताल के विभागो को कुछ श्रेणियों में बांटा जाता है।


श्वास लेने में समस्या, अविकसित, कम वजन का, प्रतिरक्षा प्रणाली विकार जैसी समस्या के साथ पैदा हुए शिशुओं को विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है। इसको गहन देखभाल भी कहा जाता है। बच्चे के स्वास्थ्य की स्थिति पर नव प्रसव देखभाल कुछ दिनो से कुछ हफ्तों तक रहना निर्भर कर सकता हैं। जिन बच्चों को इन्क्युबेटर मशीन पर रखा जाता है, उनको विशेष देखभाल की जरूरत है और उनको रोगाणुहीन दस्ताने पहने बिना स्पर्श की अनुमति नहीं होती. क्योकि उनमें संक्रमण की अधिक संभावना होती है। नवजात देखभाल के कुछ चरणों में मां को अपने बच्चे को स्तनपान कराने की अनुमती दी जाती है। नर्स को भी नवजात देखभाल के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। यह बच्चे को किसी भी संक्रमण से पूर्ण रुप से सुरक्षित रखने की प्रक्रिया है।

नवजात देखभाल महत्वपूर्ण क्यों है?

सभी नवजात शिशुओं को विशेष देखभाल की जरूरत है, चाहे वह स्वस्थ हो या अस्वस्थ। हर मां को अपने बच्चे को स्तनपान ज़रूर कराना चाहिये क्योकि एक नवजात शिशु के लिए यह पोषक तत्वों का सबसे अच्‍छा स्रोत है, जो बच्चे के विकास में मदद करता है। नवजात देखभाल का यह पहला पहलू है। यह बच्चे को स्वस्थ रखने के लिए और भविष्य में सभी संक्रमणों से लड़ने में सहायक होता है। स्तनपान के विभिन्न फायदे हैं। वो माताओं जो पहले से ही किसी बीमारी से पीड़ित है मानती है और यह मानती हैं कि उन्‍हें अपने बच्चे को स्तनपान नही कराना चाहिये, यह एक पूरी तरह से गलत अवधारणा है।

 

कुछ मामलों में, माता-पिता को नव प्रसव देखभाल के दौरान कई प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा। लेकिन यह बच्चे के स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। एक शिशु के माँ और पिता को अपने नवजात देखभाल से संबंधित सभी संदेह स्पष्ट करने चाहिए। नवजात देखभाल के दौरान एक माँ को भी पौष्टिक भोजन लेने की सलाह दी जाती है, जो बच्चे के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है। नवजात देखभाल में एक माँ को बच्चे की आवश्यकता पर ध्यान देना पडेगा। साथ ही एक माँ को ये भी पता होना चाहिये कि किन परिस्थितियों में उसको तुरंत एक स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से संपर्क करना चाहिए।

 

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