अमेरिका में 2007 में किए गए मेडिकल टेस्ट और सोनोग्राम में ये बात निकलकर आई थी कि गर्भ में भ्रूण को भी दर्द महसूस होता है। इस कारण वहां एक कानून पास किया गया कि अबॉर्शन कराने से पहले मां के साथ भ्रूण को भी एनेस्थेसिया देना जरूरी होगा। क्योंकि भ्रूण को भी दर्द का आभाष होता है।
इसा कानून के पास होने के बाद अमेरिका में और दुनिया के सभी बायोलॉजिकल लैब में एक बहस छिड़ गई थी कि पेट में भ्रूण को भी दर्द होता है कि नहीं?
भूण को भी होता है दर्द
- 20वें हफ्ते के सोनोग्राम और अल्ट्रासाउंड के लाइव-एक्शन इमेजेज के जरिये नैनोटलॉजिस्ट और नर्सों ने भ्रूण को बाहर के उच्च स्तर के आवाज पर या मां की तकलीफ दर्द को महसूस करते हुए देखा है। छूअन का यह अहसास काफी अनूठा था।
- जब सर्जन ने गर्भ में अजन्मे शिशु के सुधारात्मक प्रक्रियाओं पर नजर रखने के लिए सही प्रक्रिय अपनाई तो उन्होंने देखा कि अजन्मे शिशु इस प्रक्रिया के विरुद्ध ही कार्यवाही करते हैं और गर्भ में इन कार्यों से पीछे हट जाते हैं। पेरीनेटोलॉजिस्ट स्टीवन काल्विन कहते हैं कि, “अजन्मे शिशु तंत्रिका तंत्र के रास्ते सारे दर्द को भलीभांति महसूस करता है।”
- काल्विन की ये बात काफी हद तक सही भी लगती है क्योंकि 20वें हफ्ते तक भ्रूण का गर्भ में काफी हद तक विकास हो जाता है। भ्रूण को होने वाले दर्द के बारे में समझने के लिए सबसे पहले ये जानना जरूरी है कि 20वें हफ्ते में भ्रूण का विकास कितना हो जाता है।
20वें हफ्ते तक भ्रूण
गर्भधारण के 20वें हफ्ते में भ्रूण का अच्छा खासा विकास हो जाता है। ऐसे में सबसे पहले जानना जरूरी है कि 20वें हफ्ते में भ्रूण का विकास कितना हो जाता है।
- हड्डियां बनकर तैयार हो गई हैं औऱ 42 दिन पर उनकी मौजूदगी प्रतिबिंबित होने लगेगी।
- 43 दिन पर इलेक्ट्रिकल ब्रेन वेब पैटर्न को रिकॉर्ड किया जा सकता है। ये एक सेम्पल एविडेंस की तरह है जिसमें दिखाता है कि ब्रेन में सोचने की क्षणता विकसित होने लगी है।
- 49 दिन तक भ्रूण एक शिशु में बदल जाता है जिसकी सारी उंगुलियां है, कान और नाक हैं।
- 56 दिन पर सारे ऑर्गन, पेट, लीवर, किडनी, ब्रेन आदि काम करने लगते हैं।
- 20वां हफ्ता पूरा होने तक अजन्मे शिशु के बाल आ जाते हैं। वोकल कोर्ड काम करने लगता है। वह अंगुठा चूसने लगता है।
20वें हफ्ते में अबॉर्शन
20वें हफ्ते में अजन्मे बच्चे का काफी हद तक विकास हो जाने के कारण अबॉर्सन की निम्नलिखित प्रक्रिया अपनानी पड़ती है।
- पार्शियल-बर्थ अबॉर्शन (D&X): अजन्मे शिशु के सर की तुलना में पैर सबसे पहले विकसित होते हैं। इसका इस्तेमाल मिसकैरेज के दौरान होता है। लेकिन कई बार इसका इस्तेमाल लोग बिना मिसकैरेज के भी कर लेते हैं। इस कारण इसे अमेरिका में 2007 में गैरकानूनी घोषित कर दिया गया।
- डाइलेशन और इवेक्यूशन (D&E): इसमें एक शार्प-नुकीली चीज को गर्भ में घुसाया जाता है जो भ्रूण के शरीर को दो टुकड़े में तोड़ देती है। फिर उसे गर्भ से बाहर निकाल दिया जाता है।
- सेलाइन अबॉर्शन : मां के उदर भाग के जरिये नमक का पानी गर्भ में इंजेक्ट किया जाता है। यह फ्लुइड भ्रुण के लिए जहर का काम करता है जो भ्रूण के शरीर को फुला देता है। इससे भ्रूण को मरने में 24 घंटे लगते हैं।
गर्भधारण से पहले और गर्भधारण के बाद नियमित रूप से चिकित्सक के संपर्क में रहें।
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