
स्तन कैंसर महिलाओं में होने वाली एक भयावह बीमारी है। ब्रेस्ट कैंसर किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन 40 साल की उम्र के बाद इसका खतरा ज्यादा रहता है। इसलिए इस उम्र के बाद साल में एक बार चेकअप करवाने जरूरी होता है।
स्तन कैंसर महिलाओं में होने वाली एक भयावह बीमारी है। हालांकि यह एक भ्रम है कि ब्रेस्ट कैंसर सिर्फ महिलाओं में होता है। आज पुरूषों में भी इस बीमारी की संख्या बढ़ रही है। कैंसर से बचने का सिर्फ एक ही उपाय है जागरूकता। और विश्व स्वास्थ्य संगठन का ध्येय है, अक्टूबर महीने को ब्रेस्ट जागरूकता माह मानकर लोगों को इस बीमारी के लिए जागरूक करना। भारत में महिलाएं आज भी अपने स्वास्थ्य को लेकर जागरूक नहीं हैं और यही कारण है कि इस बीमारी की संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है।
मैक्स हैल्थकेयर के रेडियेशन आंकालाजिस्ट डाक्टर ए.के आनंद का कहना है कि महिलाओं और पुरूषों में होने वाले इस कैंसर के वास्तकविक कारणों का पता नहीं चल पाया है, लेकिन ऐसा अनुमान लगाया जाता है कि यह हार्मोनल या अनुवांशिक कारणों से होता है।
स्तन कैंसर के कारण
- स्तन कैंसर किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन 40 वर्ष की उम्र के बाद इसके होने की आशंका बढ़ जाती है।
- उम्रदराज महिला की पहली डिलीवरी के कारण स्तन कैंसर की संभावना बढ़ जाती हैंl
- गर्भ निरोधक गोली का सेवन और हार्मोंन की गड़बड़ी इसका अन्य कारण माना जाता हैं।
- आपके परिवार में पहले से किसी को कैंसर रहा है, तो वंशानुगत कारणों से भी इस बीमारी के होने का खतरा बढ़ जाता है।
- अगर आप धूम्रपान या मादक पदार्थो का सेवन करती हैं तो भी आपमें कैंसर की आशंका बढ़ जाती है।
स्तन कैंसर के लक्षण
- स्तन या निपल के साइज में असामान्य बदलाव।
- कहीं कोई गांठ जिसमें अक्सर दर्द न रहता हो, स्तन कैंसर में शुरुआत में आम तौर पर गांठ में दर्द नहीं होता।
- त्वचा में सूजन, लाली, खिंचाव या गड्ढे पड़ना।
- एक स्तन पर खून की नलियां ज्यादा साफ दिखना।
- निपल भीतर को खिंचना या उसमें से दूध के अलावा कोई भी लिक्विड निकलना।
- स्तना में कहीं भी लगातार दर्द।
स्तन कैंसर की जांच
- महिलाएं खुद हर महीने स्तन की जांच करें कि उसमें कोई गांठ तो नहीं है।
- यदि किसी महिला को सन्दिग्ध गांठ या वृद्धि का पता चलता है तो तुरंत विशेषज्ञ से सलाह लें।
- 40 साल की उम्र में एक बार और फिर हर दो साल में मेमोग्राफी करवानी चाहिए ताकि शुरुआती स्टेज में ही स्तन कैंसर का पता लग सके।
- ब्रेस्ट स्क्रीनिंग के लिए एमआरआई और अल्ट्रासोनोग्राफी भी की जाती है। इनसे पता लगता है कि कैंसर कहीं शरीर के दूसरे हिस्सों में तो नहीं फैल रहा।
स्तन कैंसर से बचाव
- सप्ताह में तीन घंटे दौड़ लगाने या 13 घंटे पैदल चलने वाली महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर की आशंका 23 फीसदी कम होती है।
- गुटका, तंबाकू और धूम्रपान ही नहीं बल्कि शराब भी स्तन कैंसर के खतरे को बढ़ाती है। इसलिए नशीली चीजों के सेवन से बचें।
- साबुत अनाज, फल-सब्जियां को अपने आहार में शामिल कर आप स्तन कैंसर के खतरे से बच सकते हैं।
- शरीर पर बढ़ती चर्बी स्तन कैंसर का कारण बने इस्ट्रोजन हॉर्मोन का बढ़ाती है। इसलिए अपने शरीर में अतिरिक्त वजन को कम करें।
कैंसर का नाम सुनते ही व्यक्ति के मन में अजीब से डर आने लगता है, क्योंकि कैंसर एक ऐसा रोग है जो तेजी से फैलता है। परन्तु डरने की कोई आवश्यकता नहीं है। विभिन्न शोधों के अनुसार, ब्रेस्ट कैंसर लाइलाज नहीं है। समय रहते इसका पूरा इलाज करवाने पर बीमारी से निजाद पाई जा सकती है।
Image Courtesy : Getty Images
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