तलाक एक ऐसी चीज है जो किसी की भी जिंदगी को नर्क बना देती है। आप चाहे महिला हो या पुरुष हों, तलाक के बाद इंसान इतनी बुरी तरह टूट जाता है कि इस दुख से उभरने में उसे कई बार सालों भी लग जाते हैं। आपने भी देखा होगा कि तलाक के बाद लोग ज्यादातर महिलाओं के प्रति सहानुभूति व्यक्त करते हैं। जबकि ऐसा नहीं है कि पुरुष इस स्थिति से बहुत आसानी से बाहर आ जाते हैं। सच तो यह है कि यह वक्त जितना मुश्किल एक महिला के लिए होता है उतना ही पुरुष के लिए भी होता है। कई सर्वे में यह बात साफ हो चुकी है कि तलाक के बाद पुरुषों में डिप्रेशन, एंजाइंटी समेत कई मानसिक रोगों का खतरा बढ़ जाता है। आज हम कुछ ऐसी टिप्स बता रहे हैं जिनसे पुरुष तलाके के बाद आसानी से अपने दुख से बाहर आ सकते हैं।
दोस्तों के साथ वक्त बिताएं
'दोस्तों के साथ वक्त बिताएं' सुनकर अग आपको यह लग रहा है कि आपके पास तो ऐसा कोई दोस्त ही नहीं है जिनके साथ आप अपना दुख बांट सके या हैंगआउट कर सके तो बता दें कि हम सोशल मीडिया के दोस्तों की बात कर रहे हैं। तलाक के बाद पुरुष खुद को काम में या बाहर के कामों में व्यस्त ऱखते हैं। जबकि ये समस्या का समाधान नहीं है। तलाक के बाद खुद को सोशल लाइफ में वयस्त करें। ऑफिस के बाद या सप्ताह में दो दिनों के लिए कोई एनजीओ या वर्कशॉप ज्वॉयन करें। इससे आपको दूसरे और अनजान लोगों से जुड़ने का मिलेगा। अनजान लोगों से जुड़ने का एक फायदा होता है कि वहां आपकी पुरानी लाइफ के बारे में बात करने वाले बहुत कम लोग होते हैं। इसलिए तलाक के बाद सोशल लाइफ में खुद को वयस्त रखने की कोशिश करें।
पार्टनर के लिए कभी अपशब्द न बोलें
कई बार तलाक होने के बाद दोनों परिवार और महिला व पुरुष भी एक-दूसरे के खिलाफ बोलने लगते हैं। ये गलत है। तलाक के बाद अपनी एक्स वाइफ के बारे में ना बुरा सोचें और ना किसी से बुरा बोलें। लोग एक्स की बुराई अच्छा फील करने के लिए करते हैं जबकि कुछ दिनों के बाद इसका उलटा असर होने लगता है। इससे कहीं न कहीं आप खुद अपने नजर में भी गिरने लगते हैं। जिससे तलाक का दर्द और खुद की नजरों में गिरना, दोनों ही जीवन को उदासीन बना देता है। इसलिए तलाक के बाद एक्स की बुराई बिल्कुल भी ना करें।
बच्चों के साथ हैंगआउट करें
अगर शादी के बाद आपके बच्चे हैं तो उन्हें कस्टडी में लेने की कोशिश करें। तलाक के बाद पुरुषों की लाइफ खाली हो जाती है जबकि महिलाओं की लाइफ में दोगुनी जिम्मेदारी आ जाती है जिससे उन्हें खाली बैठने और सोचने का समय नहीं मिलता और वो अपनी लाइफ और जिम्मेदारियों में आगे बढ़ती जाती हैं। जबकि पुरुषों की लाइफ पूरी तरह से खाली और अकेली हो जाती है। जिस कारण उन्हें जिंदगी उदासीन लगने लगती है। इस उदासीनता से बचने का एक ही तरीका है जिम्मेदारियों का बोझ। बच्चों की जिम्मेदारी लें। इससे आपकी लाइफ उदासीन होने से बच जाएगी।
तलाक की स्थिति से जल्दी बाहर आएं
पुरुषों का बदलाव से गुजरना कम ही हो पाता है जिस कारण वो तलाक के बाद होने वाले बदलावों से हताश हो जाते हैं। तलाक के बाद महिलाएं आजादी जैसे शब्द को अपनी सच्चाई मानकर खुद को रिलेक्स महसूस करती हैं जबकि पुरुषों के पास ऐसा कोई शब्द भी नहीं होता। इस कारण भी महिलाओं की तुलना में पुरुषों पर तलाक का विपरीत असर पड़ता है। अगर आप या आपका कोई दोस्त तलाक जैसी परिस्थिती से गुजर रहा है तो उन्हें समझाएं और तलाक से पार लगने में मदद करें।
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