
कहते हैं दिमाग स्वस्थ तो शरीर स्वस्थ। ऐसे में दिमाग की सेहत का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। आजकल की बदलती लाइफस्टाइल में दिमाग को फोकस्ड रखना भी अपने आपमें एक चैलेंज है क्योंकि स्ट्रेस, नेगेटिव विचार दिमाग की कार्यप्रणाली पर असर डालते हैं और उसे डिप्रेशन या अन्य दिमागी बीमारियों की ओर धकेल सकते हैं। ऐसे में आज हम आपको कुछ टिप्स बताने जा रहे हैं जिनकी मदद से आप दिमाग को सजग बना सकते हैं और लाइफ की नेगेटिविटी से दूर रह सकते हैं।
1) संगीत सुनें
जब आप अपनी पसंदीदा प्लेलिस्ट बजाते हैं तो आपके ब्रेन के लिए यह मेंटल वर्कआउट की तरह काम करता है। म्यूजिक सुनने से ना केवल आपको अलर्ट महसूस होता है बल्कि इससे आपकी मेमोरी और मूड दोनों बूस्ट होते हैं। इसका एक कारण है कि संगीत में भी एक गणित होता है और दिमाग इस ओर ध्यान देता है कि कैसे दूसरा नोट अन्य नोट से रिलेट होता है। इस चीज को समझने की और दिमाग अपना ध्यान केन्द्रित करता है। यह खासकर तब होता है जब आप कोई नया संगीत सुनें।
2) दोस्त बनाएं
जब आप नए लोगों को जानने-समझने की कोशिश करते हैं तो इससे दिमाग के एग्जीक्यूटिव फंक्शन सक्रिय होते हैं। वह इसपर उतना ही ध्यान केन्द्रित करता है जितना कोई क्रॉसवर्ड पज़ल खर्च करने पर करना पड़ता है। साथ ही किसी और का नज़रिया समझने से आपके दिमाग को नई दिशा में सोचने की शक्ति मिलती है।
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3) खूब हंसे
स्ट्रेस से आपके दिमाग से कॉर्टिसोल नाम का हॉर्मोन रिलीज़ होता है जिससे आपकी सोचने की क्षमता पर असर पड़ता है। ज्यादा स्ट्रेस से आपकी मेमोरी और सीखने की क्षमता पर भी असर पड़ता है इसलिए दिमाग को रिलैक्स रखना है तो खूब हंसे। हंसने से कॉर्टिसोल का स्तर कम होता है और आपका दिमाग भी स्वस्थ रहता है।
4) बाहर जाएं
नैचर में जादू होता है, हरियाली, पेड़, फूल, पहाड़, नदी, झरने, पक्षियों की चहचहाहट से स्ट्रेस अपने आप कम हो जाता है। जब आप नेचर के बीच वक्त बिताते हैं तो आप अपने दिमाग डेटा के निरंतर फ्लो और उसके दुष्प्रभाव से दूर कर उसे रेस्ट करने का मौका देते हैं। इस रिबूट से दिमाग की फोकस करने की पॉवर बढ़ जाती है और आप अंदर से ज्यादा क्रिएटिव और किसी समस्या को सुलझाने में खुद से ज्यादा तैयार पाते हैं।
5) रूटीन तोड़ें
हर दिन एक ही तरह का रूटीन भी ज़िंदगी को नीरस बना देता है। रोज वही नाश्ता हो या ऑफिस जाने के लिए वही सेम रूट। कुछ नया करने के लिए अपनी आदतें बदलें। ऐसा हफ्ते में एक बार तो जरूर करें। रूटीन बदलने से दिमाग के सीखने की क्षमता बूस्ट होती है इसलिए छोटी-छोटी रूटीन की चीज़ों को बदलें और फर्क देखें।
6) सीखने से पीछे ना हटें
जब आप कोई नया स्किल सीखते हैं या किसी नए विषय पर काम करते हैं तो आपका दिमाग सेल्स के लिए नए रास्ते बनाता है। इसलिए ऐसे टास्क करने की कोशिश करें जिन्हें आप करने में कठिनाई महसूस करते हो जैसे कोई नई हॉबी। यह शुरुआत में आपको कठिन लगेगा लेकिन आप इसे करते जाएंगे और देखेंगे कि चीज़ें खुद-ब-खुद आसान हो गईं।
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7) एक समय में एक चीज़ पर फोकस करें
आजकल मल्टीटास्किंग का ज़माना जरूर है लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आप एक ही समय में कई सारी चीज़ें करने में दिमाग पर अतिरिक्त बोझ लादते जाएं। इससे दिमाग को फोकस करने में परेशानी आती है, साथ ही उसे मेमोरी में बनाए रखना और एक चीज़ से दूसरी पर स्विच करना भी आसान नहीं होता। ऐसे में एक चीज़ करें ताकि दिमाग उसपर पूरा अटेंशन दे पाए।
8) मेंटल हेल्थ पर बात करें
अगर आपको लगता है आप डिप्रेशन की तरफ जा रहे हैं तो कोई ऐसा साथी ढूंढें जिससे खुलकर बात कर पाएं। अपने विचारों को बाहर निकालें और बात करने से ना हिचकिचाएं। ऐसे लोगों के साथ वक्त बिताएं जो आपको सुनें। अकेले ना रहें और अगर ऐसा कोई व्यक्ति ना मिले तो डॉक्टर से जरूर बात करें और उससे परामर्श लें।
9) दिल का ख्याल रखें
यदि आपके दिल की सेहत खराब है, तो आपको सीखने और याददाश्त की समस्या होने की अधिक संभावना है। अधिक वजन होना और पर्याप्त व्यायाम न करना आपके रक्त वाहिकाओं को संकीर्ण बना सकता है। यह आपके मस्तिष्क में बहने वाले रक्त की मात्रा को सीमित करता है, और आपकी धमनियां सख्त होना शुरू हो सकती हैं। उच्च रक्तचाप सबसे बड़ा संकेत है कि आपके मस्तिष्क का स्वास्थ्य खतरे में है। यदि आपका वजन अधिक है, तो अपने डॉक्टर से बात करें और इसे नियंत्रित करें।
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