गर्भावस्था में तनाव से बनाकर दूरी रहें खुश

गर्भावस्था में महिलाएं तरह-तरह की चिंताएं करती हैं और फिर तनाव में आ जाती हैं। ये उनकी सेहत के लिए अच्छा नहीं होता। गर्भवती महिलाओं को खुश रहने का प्रयास करना चाहिए।
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गर्भावस्था में तनाव से बनाकर दूरी रहें खुश

गर्भावस्था के दौरान चिंता और तनाव के अनेक कारण होते हैं, अपने शिशु के स्वास्थ्य एवं कल्याण के बारे में चिंता, या आगामी प्रसव, या फिर इस बात की चिंता की आप प्रसव के बाद अपने आप को कैसे संभालेंगी। यह भी हो सकता है कि कामकाज के लिए सफर थका देने वाला हो, या आपको अपनी आर्थिक हालत के बारे में चिंता हो और यह कि आप एक नए बच्चे के साथ जुड़े सारे खर्चों को किस तरह पूरा करेंगी। आपको चिंतित करने वाली बात भले कुछ भी हो, ऐसे अनेक सकारात्मक कदम हैं जो आप इन भावनाओं पर काबू पाने के लिए उठा सकती हैं।

विश्राम करने के लिए कुछ समय निकालें


यह एक आसान काम है, लेकिन कभी-कभी खुद अपने लिए वक्त निकाल पाना भी काफी मुश्किल हो जाता है। यह न केवल आपके लिए अच्छा है, बल्कि आपके बच्चे के लिए भी अत्यंत अच्छा है इसलिए कुछ समय आराम करने पर अपने आप को दोषी न समझे। अगर अतिरिक्त कामकाज करने के लिए आपके पास पर्याप्त शक्ति नहीं है कभी कभी काम को मन कर देना भी ठीक है, भले आपके पास कुछ खाली समय हो। काम पर, अपने लंच ब्रेक के दौरान विश्राम करने के लिए कुछ समय निकालें, और शाम को कम काम करने की कोशिश कीजिए।


प्रसवपूर्व योग


गर्भावस्था के दौरान योग, न केवल आपके शरीर के सामंजस्य को बेहतर बनाने में मदद करता है, बल्कि एक विश्रामदायक तकनीक भी है जो आपके प्रसव में आपकी मदद करेगी और इसका गर्भावस्था में एक लाभदायक प्रभाव होता है। अगर आप बेचैनी महसूस करने की प्रवृत्ति रखती हैं या घबराहट के दौरे पड़ चुके हैं तो श्वसन तकनीकों का अभ्यास करने से वाकई मदद मिलेगी।


अपनी चिंताओं के बारे में बात करें


अगर आपको यह फिक्र है कि क्या आपका बच्चा स्वस्थ है या क्या वह सुरक्षित तरीके से पैदा होगा या नहीं, तो आप निश्चित तौर पर अकेली नहीं हैं। इन चिंताओं के बारे में बातचीत करने से, भले वह आपके पति, माता या कोई ऐसी सहेली हो जिसके बच्चे हैं, वाकई मदद मिलती है। गर्भावस्था के उसी दौर में मौजूद महिलाओं के साथ, जिसमें आप हैं, शायद आपकी प्रसवपूर्व क्लास में, अपनी चिंताओं के बारे मे बात करने से निसंदेह आपको मदद मिलेगी और आपकी डाक्टर भी आपको ढ़ाढस दिला सकती है।


रिश्तों में बदलाव


यह फिक्र करना बिल्कुल वाजिब है कि एक बच्चा किस तरह से आपके पति के साथ आपके रिश्ते को प्रभावित करेगा या आप एक माता-पिता बनने का सामना किस तरह से करेंगे। मातृत्व या पितृत्व एक ऐसा अनुभव है जिसे आप इसमें गुजरते हुए सीखते हैं और अक्सर यहां काम करने का कोई सही या गलत तरीका नहीं होता है, आपको बस वही करना होता है जो आपको अपने शिशु और परिवार के लिए सही लगे। कोशिश करके किसी ऐसी सहेली के साथ समय बिताएं जिसका एक छोटा बच्चा हो, ताकि आपको कुछ उपयोगी नुक्ते और विचार मिल सकें। अगर आपको अपनी वित्तीय स्तिथि नौकरी रिश्तों या फिर घर सम्बन्धी फिक्र है तो सलाह पाने के लिए अपने दोस्तों या परिवार से बातचीत कीजिए।



वित्तीय योजना बनाना


इसमें कोई शक नहीं है की घर में बच्चे के जनम से कुछ अधिक खर्चे तो होंगी । अगर आपको कर्ज चुकाने हैं, खासतौर पर क्रेडिट कार्ड के - तो अपने बच्चे के आने से पहले अपने कजो को चुकाना एक अच्छा विचार है। अगर आप इस बात को लेकर फिक्रमंद हैं कि आप हर चीज को किस तरह से जुटा पायेंगे, तो उन चीज़ों की एक सूची बनाइये जिनकी आपको जरूरत है - उनकी प्राथमिकता के क्रम में - फिर यह फैसला कीजिए कि आप किन चीज़ों को दोस्तों या परिवार से उधार ले सकती हैं या लेना उचित समझती हैं। आपके लिए हरेक सामान को खरीदना वाकई जरूरी नहीं है, खासतौर पर जब कुछेक सामान सिर्फ कुछ महीने ही इस्तेमाल होने हैं। सुनिश्चित कीजिए कि आपको मातृत्व छुट्टी और वेतन की अपनी पूरी हकदारी मिले। अपने मानव संसाधन विकास विभाग से पता लगाइए कि यह क्या है और अगर आपको कुछ सलाह की जरूरत है तो मदद मांगने में डरिये मत।


हंसी हमारे शरीर द्वारा तनाव दूर करने का एक सर्वश्रेष्ठ तरीका है, इसलिए अपने दोस्तों से मुलाकात कीजिए या फिल्म देखने जाइए और सबसे नई कामेडी फिल्म को देखिए। सप्ताह के आखिर में फुरसत का वक्त निकालिए, और बस खुद और अपने पति के साथ ज्यादा से ज्यादा वक्त बिताइए, या किसी ऐसे ब्यूटी पार्लर या स्पा में सौंदर्य उपचार लें जो ख़ास गर्भवती माओं के लिए हो ।


Image Source - Getty Images

 

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