जानें डायबिटीज में केले का सेवन करना चाहिए या नहीं

अक्सर लोग ये मानते हैं कि डायबिटीज होने पर फलों में केला खाना छोड़ देना चाहिए क्योंकि इसको खाने से ब्लड शुगर लेवल बढ़ता है। क्‍या सच में ऐसा होता है, आइए इस सवाल का जवाब हम इस आर्टिकल के माध्‍यम से पता लगाते हैं।
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जानें डायबिटीज में केले का सेवन करना चाहिए या नहीं


क्या खाये और क्या नहीं? यह डायबिटीज रोगी के मन में सबसे पहला और जरूरी सवाल होता है। इस सवाल के चलते अक्‍सर लोग बिना जानकारी के बस अपने अंदाजे से कुछ भी खाना छोड़ देते हैं। जिसके कारण वह जाने-अनजाने में आहार के फायदों से महरूम हो जाते हैं। इसलिए टाइप-2 डायबिटीज के रोगी को कुछ भी खाना खाने या छोड़ने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।  





टाइप-2 डायबिटीज
में शरीर उचित मात्रा में इंसुलिन का उत्‍पादन नहीं कर पाता। जिसके कारण ब्‍लड में से ग्लूकोज खींच लिया जाता है ताकि कोशिकाओं में उसे एकत्रित करके रखा जा सके। इसके परिणामस्वरूप आपके शरीर में शुगर का स्तर बढ़ता या घटता रहता है। यानी आपके शरीर में शुगर के स्तर को नियमित करने में आहार एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अधिक ग्लाइसेमिक युक्त आहार लेने से शुगर का स्तर एकदम बढ़ता और शुगर के तुरंत बर्न होने के बाद अचानक कम हो जाता है।

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डायबिटीज में केले का सेवन करना चाहिए या नहीं

केले के अनगिनत गुणों के कारण इसे अपने आहार में शामिल करना अच्‍छा माना जाता है। केला फाइबर का समृद्ध स्रोत होने के साथ-साथ इसमें विटामिन सी, विटामिन बी6, पोटेशियम, मिनरल, मैग्‍नीज भी मौजूद रहता है। विटामिन बी6 आपके मूड को अच्छा रखता है वहीं विटामिन सी आपके प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत बनाता है, पौटेशियम आपके ब्लडप्रेशर को नियमित रखता है तथा फाइबर के कारण आपको काफी समय तक भरा हुआ महसूस होता है। आपको ये जानकार आश्चर्य होगा कि इस फल को खाने से स्किन में अलग ही ग्लो आता है।


अक्सर लोग ये मानते हैं कि डायबिटीज होने पर फलों में केला खाना छोड़ देना चाहिए क्योंकि इसको खाने से ब्लड शुगर लेवल बढ़ता है। लेकिन एक शोध से साबित हुआ है कि यदि आप  को दूर करना चाहते हैं तो केला सबसे उत्तम फल है। यानी रोजाना संतुलित मात्रा में या 250- 500 ग्राम/दिन केला खाने से फास्टिंग ब्लड ग्लूकोज लेवल के साथ एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और एचडीएल कोलेस्ट्रॉल का अनुपात भी कम होता है।


डायबिटीज के रोगियों को यह बात ध्यान में रखनी चाहिए कि केले में कार्बोहाइड्रेट भी होते हैं, इसलिए अपने आहार में इसे शामिल करते समय इस बात का भी ध्यान अवश्य रखना चाहिए। डायबिटीज के रोगी केले भी खा सकते हैं। अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन, डायबिटिज में लोगों को केला खाने के लिए प्रोत्साहित करता है। उनके अनुसार केला एक स्वस्थ आहार है जिसका सेवन करना पूरी तरह से उचित है।


पका केला खाने से बचें

केले के पकने के बाद उसमें उपस्थित स्टार्च, शुगर में बदलने लगता है। और जब आप पूरा पका केला खाते हैं तो आप ऐसे फल का सेवन करते हैं जिसमें लगभग 90 प्रतिशत स्टार्च होता है। यही कारण है कि कच्चा केला कम ग्लाइसेमिक प्रतिक्रिया देता है। इसलिए डायबिटीज से ग्रस्‍त लोगों के लिए पके केले की तुलना में कच्चा केला अधिक श्रेष्ठ होता है।


केले के सेवन में सावधानी

आप प्रतिदिन एक केले का सेवन कर सकते हैं। ले‍किन प्रत्येक व्यक्ति की ग्लूकोज के प्रति प्रतिक्रियाएं अलग-अलग होती हैं, इसलिए आपके लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि शरीर के लिए क्या सही है। हालांकि विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ खाना बहुत अच्छी बात है। लेकिन आहार के मामले में संयम रखना बहुत आवश्यक है। इसलिए अपने आहार की मात्रा में फल-सब्जियों और केले के बीच संतुलन बनायें। शरीर में शुगर का स्तर एक जैसा रखने के लिए फल तथा कार्ब्स का सेवन दिन में थोड़े-थोड़े अंतराल पर करें। सही तरीके से आहार-योजना बनाकर आप दिन में एक केले का सेवन कर सकते हैं।

इस लेख से संबंधित किसी प्रकार के सवाल या सुझाव के लिए आप यहां पोस्‍ट/कमेंट कर सकते है।

Image Source : Getty

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