डायबिटीज कई बीमारियों का कारण बनता है। कोलेस्ट्रॉल बढ़ने के कारण कार्डियोवस्कुलर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। मगर हाल में हुए एक शोध में बताया गया है कि अगर डायबिटीज के मरीज को कोलेस्ट्रॉल की समस्या हो जाए, तो स्थिति और ज्यादा घातक हो सकती है और दिल की बीमारियों की संभावना 40 गुना अधिक बढ़ जाती है। खासतौर पर डायबिटीज से ग्रस्त महिलाओं के लिए ये खतरा अधिक बढ़ता है। मधुमेह मरीजों में से 80 फीसदी की मौतों का कारण कोरोनरी आर्टरी रोग होते हैं। आइए आपको बताते हैं कितना खतरनाक हो सकता है कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना।
इंसुलिन बढ़ने से कोलेस्ट्रॉल बढ़ना
डायबिटीज की दिक्क्त होने से मेटाबॉलिज्म के विकार होने के कारण इंसुलिन बढ़ जाता है और इंसुलिन शरीर की दूसरी दिक्कतों से जुड़ा होता, जैसे हाई कोलेस्ट्रॉल, मोटापा और हाइपरटेंशन। इन कारणों से कारण दिल की बीमारी होने का खतरा और ज़्यादा बढ़ जाता है।
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क्यों बढ़ता है कोलेस्ट्रॉल
डायबिटीज हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को बढ़ाती है और हाई ब्लड प्रेशर हाई कोलेस्ट्राल की समस्या को बढ़ाता है। इसी के फलस्वरूप रोगी को हार्टअटैक का खतरा बना रहता है। जो रोगी डायबिटीज होने पर अपनी देखभाल नहीं करते, उनकी रक्त शिराओं में वसा की मात्रा ज्यादा हो जाती है। वसा के थक्के, रक्त शिराओं को कठोर और उनके रास्ते को संकरा बना देते हैं। रक्त शिराओं में वसा की मात्रा बढ़ने पर हृदयाघात हो जाता है।
सामान्य मरीजों में हार्ट अटैक के लक्षण
अगर सामान्य स्थितियों में हार्ट अटैक होता है यानी जिनको डायबिटीज नहीं है अगर उनको दिल का दौरा पड़ता है तो इसके लक्षण अलग होते हैं, ऐसे लोगों को - सीने में तेल जलन होना, पसीना आना, घबराहट होना, गले में कुछ चुभना, गले से लेकर पेट तक जो भी दर्द है अगर वह दूसरे कारणों से नहीं हो रहा है तो वह दिल के दौरे के लक्षण हैं। कभी-कभी गले के एक साइड में दर्द होता है और कभी-कभी पेट में दर्द की समस्या होती है, इसे लोग पेट की गैस भी समझने की भूल करते हैं जबकि यह दिल से जुड़ा हो सकता है।
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डायबिटीज रोगियों में हार्ट अटैक के लक्षण
जबकि डायबिटीज के रोगियों में दिल के दौरे के लक्षण और कम होते हैं यानी साइलेंट हार्ट अटैक का खतरा अधिक रहता है। ऐेस में अगर कोई भी समस्या हो, जैसे - पसीनाअना, दिल बैठना, घबराहट होना, आदि ये सारे दिल की बीमारी से जुड़े होते हैं। इसके अलावा अगर आप चलते हैं तो 10 मिनट बाद सीने में भारीपन या सांस लेने में दिक्कत हो रही है, तो यह एंजाइना है है जो कि दिल की बीमारी का लक्षण है। इसके अलावा इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए वीडियो देखें।
कैसे संभव है बचाव
डायबिटीज के रोगियों के लिए दिल की बीमारियों से बचने का सबसे अच्छा तरीका है डायबिटीज को नियंत्रित रखें। सप्ताह में 5 दिन आधे घंटे व्यायाम करने से टाइप 2 डायबिटीज होने के 50% चांस कम हो जाते हैं। इसके अलावा जिन लोगों को डायबिटीज होता है वो अपने रक्तचाप पर भी नियमित रूप से नजर रखें।
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