
फैटी फूड भले ही आपको लजीज लगते हों, इनको देखकर आपका जी ललचाता हो और आप खुद को रोक नहीं पाते हैं। तो थोड़ा सावधान रहें, क्योंकि वसायुक्त आहार के सेवन से न केवल वजन बढ़ता है बल्कि इससे आपका व्यवहार भी प्रभावित होता है। कई शोधों में यह बात साबित हो चुकी है कि फैटी फूड हमारे दिमाग को प्रभावित करते हैं। इसलिए अधिक वसायुक्त आहार का सेवन करने से बचें। इस लेख में विस्तार से जानें किस तरह फैटी फूड आपके व्यवहार को प्रभावित करता है।
शोध की मानें तो
ताजा शोध में पाया गया कि ज्यादा फैटयुक्त आहार के कारण व्यग्रता, कमजोर याददाश्त और किसी काम को बार-बार करने की आदत भी बन सकती है। बायोलॉजिकल सायकेट्री जर्नल में प्रकाशित इस शोध में कहा गया है कि सिर्फ मोटापाग्रस्त लोगों को ही नहीं बल्कि स्वस्थ लोगों को भी ज्यादा वसायुक्त भोजन से बचना चाहिए। शोधकर्ताओं का कहना है कि इस शोध से यह स्पष्ट हुआ है कि मोटापा न होने पर भी खाने की आदत दिमाग पर असर डाल सकती है।
शोध का निष्कर्ष
इस शोध के मुताबिक हाई फैट डाइट के कारण पेट में पाये जाने वाले जीवाणुओं में बदलाव के कारण स्वास्थ्य और बर्ताव में परिवर्तन होता है। ऐसे आहार के कारण हमारे दिमाग की सामान्य गति बाधित होती है और मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ता है।
मस्तिष्क के स्वास्थ्य पर असर
बॉयोलॉजिकल साइकियाट्री के संपादक जॉन क्रिस्टल का कहना है, इस शोध पत्र के अनुसार हाई फैट डाइट के कारण मनुष्यों एवं सूक्ष्मजीवों के बीच सहजीवी संबंध के बाधित होने के कारण हमारे मस्तिष्क के स्वास्थ्य पर असर पड़ता है।
हमारे शरीर में अरबों की संख्या में सूक्ष्मजीव पाए जाते हैं, जिनकी काफी बड़ी संख्या हमारी आंतों में भी पाई जाती है। अमरीका के लूसियाना स्टेट यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं ने इस बात की जांच की कि क्या मोटापा से जुड़े सूक्ष्मजीवी बर्ताव में भी परिवर्तन लाते हैं और यह मोटापा न होने की सूरत में भी क्या संभव है। यह प्रयोग चूहे पर किया गया। इसके अलावा हाई फैट डाइट से हमारे शरीर को और भी कई गंभीर परिणाम हो सकते हैं, जैसे-
धमनियों को नुकसान
यह आहार हमारे शरीर की धमनियों को समय से पहले नष्ट कर सकता है। उम्र और वजन बढ़ने तथा उपापचय से संबंधित बीमारियों के साथ हमारे शरीर की बड़ी धमनियों की अंदर की दीवारें मोटी होकर कम लोचदार हो जाती है, जो एथरोसलेरोसिस और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियां होने का कारण बनती है।
बच्चों में एडीएचडी का खतरा
हाई फैट डाइट से बच्चों में एडीएचडी का जोखिम बढ़ जाता है। एडीएचडी अर्थात अटेंशन डिफिसिट हाइपरएक्टिव डिसऑर्डर का मतलब है, किसी चीज़ पर ध्यान केंद्रित करने की क्षमता का सही इस्तेमाल नहीं कर पाना।
फैटी लीवर का खतरा
यदि ज्यादा फैट वाला खाना खाते हैं और एक्सरसाइज नहीं करते तो फैटी लिवर के आशंका बढ़ जाती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार फैटी लिवर 70 प्रतिशत मोटापे से होता है।
इस तरह से हाई फैट डाइट आपके व्यवहार के साथ-साथ आपकी सेहत के लिए भी अच्छा नहीं है इसलिए आपको इसके सेवन से बचना चाहिए।
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