
आज की भागदौड़ भरी इस जिंदगी में न तो लोगों के खाने का समय तय है, न सोने और आराम करने का। व्यायाम करना तो दूर लोग सीढ़ियां चढ़ने से भी कतराते हैं। ऐसे में धीरे-धीरे कई बीमारियां इनसान के शरीर में घर कर जाती हैं। ऐसी ही एक बीमारी है एसिड रिफ्लक्स, जो शरीर में ज्यादा एसिडिटी की वजह से होती है। तो चलिये विस्तार से जानें एसिड रिफ्लक्स की वजह, लक्षण और बचाव के बारे में।
एसिड रिफ्लक्स डिजीज
एसोफेगस से पेट में एसिड के वापस लौटने को एसिड रिफल्क्स के नाम से जाना जाता है। ऐसा आमतौर पर देर तक पेट खाली रहने से होता है। जब देर तक पेट खाली रहता है तो एन्ज़ाइम और एसिड पेट के खाने को हज़्म नहीं होने देते हैं और एसिड बनने लगता है। ऐसे में लोअर इसोफेगल स्पिंचर (एलईएस) ठीक से काम नहीं करता तथा ग्रासनली, एसिड को पेट से ऊपर की ओर धकेलती है। यह करना गलत न होगा कि एलईएस का खराब होना एसिड के रिफल्क्स का एक प्रमुख कारण होता है। जब पेट में भोजन को पचाने वाला एसिड गले तक वापस चला आता है तो यह गले में घाव पैदा कर देता है।
एसिड रिफ्लक्स डिजीज के नुकसान
भोजन पेट में जाने पर अमाशय में हाइड्रोक्लोरिक एसिड बनता है, जिससे भोजन का पचाता है। कभी-कभी बदहजमी के कारण एसिड आहार नली में ऊपर की ओर चला जाता है। इससे जलन महसूस होती है। इसका असर गले, दांत, सांस आदि पर पड़ने लगता है। इसकी वजह से सांस लेने में दिक्कत होती है, आवाज भारी हो जाती है और मुंह में छाले भी हो जाते हैं।
एसिड रिफ्लक्स के लक्षण
एसिड रिफ्लक्स के कुछ साधारण लक्षणों में हार्टबर्न, कुछ निगलने में दर्द (यहां तक कि पानी भी), एक्सेसिव सैलिवेशन, डल चेस्ट डिसकम्फर्ट, चेस्ट प्रेशर, छाती में दर्द आदि शामिल होते हैं। इसमें रोगी बेचैनी महसूस कर सकता है, उसे अत्यधिक पसीना आ सकता है या उल्टियां हो सकती हैं।
एसिड रिफ्लक्स के कारण
उच्च मात्रा में निकोटिन का सेवन, एल्कोहल का अधिक सेवन, उच्च मात्रा में कैफीन लेना, उच्च मात्रा में फैट या फ्राइड फूड का सेवन, कुछ दवाईयां से, डाइबिटीज और सेलेरोडरमा आदि के कारण एसिड रिफ्लक्स की समस्या हो सकती है। इसके अलावा भोजन में अनियमितता के कारण भी एसिड रिफ्लक्स हो सकता है। वहीं तनाव भी इसका एक बड़ा कराण है। तनाव की वजह से एसिड ज्यादा बनता है। बाद में एसिड रिफ्लक्स पेप्टिक अल्सर का रूप ले लेता है।
एसिड रिफ्लक्स से बचाव व उपचार
- नियमित रूप से शिकायद रहने पर फालसे (बीज जैसा फल) खाएं।
- गाजर का जूस पिएं इससे भी एसिड रिफ्लक्स से बचाव होता है।
- दिन में तीन बार थोड़ा (एक छोटा कप) ठंडा मीठी दूध पीना चाहिए।
- केले को चीनी और इलाइची चूर्ण के साथ खाने से लाभ होता है।
- एसिड रिफ्लक्स में प्याज़ को दही के साथ खाने से राहत मिलती है।
- सेब खाएं, सेब में पेक्टिन होता है जो पेट में अतिरिक्त एसिड को रोकता है। दिन में एक सेब जरूर खाएं।
एसिड रिफ्लक्स का प्रमुख कारण खानपान में अनियमितता होता है। इसलिए गरिष्ठ भोजन करने से बचें। एसिड रिफ्लक्स से बचने के लिए रात को सोने से तीन घंटे पहले ही भोजन कर लेना चाहिए। ध्यान रहे कि एसिडिटी से पीड़ित लोगों के पेट में भी सामान्य लोगों जितनी ही एसिड होता है। दिक्कत तब शुरू होती है जब एसिड पेट में रहने के बजाए इसोफैगस में चला जाता है। लेकिन तब भी डॉक्टर पेट के एसिड को कम करने वाली दवाइयां देते हैं क्योंकि ऐसी कोई दवाई नहीं है जो एसिड रिफलक्स के कारकों को पूरी तरह दूर कर दें।
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