हेपेटाइटिस बी एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या है। हेपेटाइटिस बी से फैलने वाला पीलिया का रोग शुरूआती अवस्था में तो अन्य हेपेटाइटिस वायरस के समान ही होते है लेकिन बाद में यह गंभीर रुप ले लेता है।
हेपेटाइटिस बी क्या है-
यह एक संक्रामक बीमारी है, जो हेपेटाइटिस बी वायरस (एचबीवी) के कारण होती है। यह बीमारी लिवर को संक्रमित करती है। यह बीमारी धीरे-धीरे खतरनाक रूप ले लेती है। इससे सिरोसिस (लिवर की संरचना में क्षति, जिससे उसके क्रियाकलाप प्रभावित होते हैं), लिवर का काम नहीं करना, लिवर कैंसर आदि हो जाते हैं।
यद्यपि 90 प्रतिशत संक्रमित युवा इस संक्रमण से निजात पा लेते हैं, लेकिन 10 प्रतिशत लोगों की समस्या बढ़कर पुरानी हेपेटाइटिस बी (सीएचबी) बन जाती है। वास्तव में दुनियाभर में होने वाले लिवर कैंसर में से 60 प्रतिशत हेपेटाइटिस बी के कारण होते हैं।
हेपेटाइटिस बी के कारण
- यह बीमारी संक्रमण से फैलती है। किसी व्यक्ति को यह बीमारी संक्रमित रक्त चढ़ाने, बिना सही तरह से स्टरलाइज्ड सुई के जरिए इंजेक्शन देने, टैटू, रेजर, सर्जरी, नसों में डाली जाने वाली दवा या पानी आदि चढ़ाने से हो सकती है।
- बच्चों में हेपेटाइटिस बी संक्रमण मां से हो सकता है। डिलिवरी के पहले महीने के भीतर कुछ महिलाओं में हेपेटाइटिस की आशंका बढ़ जाती है।
- हेपेटाइटिस बी यौन क्रिया के द्वारा भी फैल सकता है।
- पुराने हेपेटाइटिस से संक्रमित होने की संभावना महिलाओं में दोगुना रहती है।
सीएचबी के लक्षण
एक व्यक्ति जो लिवर के संक्रमण का शिकार होता है, वह 45 दिन से लेकर 160 दिन के अंदर बुखार, जी मिचलाना, भूख की कमी, उल्टी, पीलिया आदि का शिकार हो सकता है। यह खतरनाक स्थिति एक से लेकर तीन महीने तक हो सकती है। उसके बाद या तो वह व्यक्ति ठीक हो जाता है या फिर सीएचबी का शिकार हो जाता है। एचबीवी से संक्रमित सिर्फ 30 प्रतिशत लोगों में ही इस तरह के लक्षण दिखते हैं। बाकी लोग या तो इस बीमारी से उबर जाते हैं या फिर किसी लक्षण के बगैर वे गंभीर स्थिति के शिकार हो जाते हैं। सीएचबी इस तरह एक साइलेंट किलर है।
सीएचबी ठीक होता है या नहीं
सीएचबी से पीड़ित काफी कम लोग ही इससे पूरी तरह से ठीक हो पाते हैं। सीएचबी का इलाज लिवर के भीतर वायरस के बढ़ने को रोकने के लिए किया जाता है ताकि सीएचबी की खतरनाक स्थिति उपस्थित न हो जाए। साधारण रक्त परीक्षण के जरिए इसका पता लगाया जा सकता है।
जन्म लेने वाले बच्चे को कैसे बचाएं
- अगर आप मां बनने वाली है तो वायरस के लिए जांच कराएं। अगर आप इस वायरस की चपेट में नहीं हैं तो भी आप वेक्सीन ले सकती हैं और अपने आने वाले बच्चे की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकती हैं।
- अगर आप वायरस से ग्रस्त हैं तो इलाज के लिए डॉक्टर से परामर्श करें।
- जन्म के तुरंत बाद बच्चे को हेपेटाइटिस बी का इंजेक्शन जरूर लगवाएं। इसके बाद 12 घंटों के अंदर वेक्सीन की पहली खुराक दिलवाना ना भूले।
इस लेख से संबंधित किसी प्रकार के सवाल या सुझाव के लिए आप यहां पोस्ट/कमेंट कर सकते हैं।
Image Source : Getty
Read More Articles on Hepatitis in Hindi
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version