फूड आधारित गेम खेलने से बच्चे खाते हैं अधिक

एक शोध की मानें तो बच्‍चों को फूड आधारित गेम खिलाने से वे अधिक खाते हैं, ऐसा क्‍यों होता है, इसके बारे में विस्‍तार से जानने के लिए यह लेख पढ़ें।
  • SHARE
  • FOLLOW
फूड आधारित गेम खेलने से बच्चे खाते हैं अधिक


बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए उनके खानपान पर ध्यान देना बहुत जरूरी है। लेकिन अक्सर बच्चे खाने से भागते हैं, ऐसे में माता-पिता के लिए समस्या बढ़ जाती है और वे सोचते हैं कि बच्चों को किस तरह से खिलायें। एक शोध में अभिभावकों की इस समस्या का समाधान खोज निकाला है। इस शोध की मानें तो इस तरीके को अपनाने से बच्चे खाने के प्रति अधिक आकर्षित होते हैं और उनको जरूरी कैलोरी मिल जाती है। इस लेख में विस्तार से जानते हैं उस शोध के बारे में।

 

क्या कहता है शोध

बच्चों को खेलना बहुत पसंद है खासकर वीडियो गेम्सर। अगर कोई गेम ऐसा भी हो आहारों पर आधासरित हो और इसे खेलने से बच्चें खाने के प्रति अधिक सजग हो जायें तो क्या कहने। नीदरलैंड स्थित रॉडबौड युनिवर्सिटी द्वारा किये गये शोध की मानें तो बच्चों को फूड पर बने वीडियो गेम खिलाने से ऐसा हो सकता है।

 

Your Kids Eat More in Hindi


इस शोध की मानें तो कैंडी और दूसरे फूड पर बने वीडियो गेम खेलने से बच्चेल 55 प्रतिशत अधिक खाते हैं। दरअसल स्नैमक्स और कैंडी बने गेम को खेलने के बाद बच्चों की रुचि इनमें बढ़ती है। नीदरलैंड में इसके लिए एक हजार बच्चों पर शोध किया गया। शोधकर्ताओं की मानें तो बच्चे जब इस गेम के लोगो और उसके दूसरे शेप को गेम के रूप में देखकर खेलते हैं और बाहर बाजार में उनको वे देखते हैं तो उनके प्रति उनकी रुचि बढ़ जाती है और वे इसे बड़े चाव से खाते हैं। इतना ही नहीं बच्चे  इसके बारे में दूसरे बच्चोंक को भी बताते हैं। शोध में यह देखा गया कि गेम खेलने के बाद बच्चों ने 72 कैलोरी का सेवन फूड और कैंडी के रूप में किया। इससे बच्चों में हेल्दी  खाने की क्षमता का भी विकास होता है।

 

बच्चों को ये आदतें भी सिखायें

  • बच्चों की परवरिश के साथ उनको हेल्दी आदतें सिखाना बहुत जरूरी है। बच्चों को बचपन से ही नियमित रूप से एक्सरसाइज और योग की आदत डालें। बच्चों को सामान्यत योगासन जैसे – ताड़ासन, पद्मासन और भुजंगासन करा सकते हैं।
  • वर्तमान में बच्चों के लिए जंक फूड एक खतरे की तरह है। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की मानें तो भारत में स्कूल जाने वाले 20 प्रतिशत बच्चे ओवरवेट हैं और यह एक महामारी की तरह फैल रहा है।
  • 2007 में डब्लूएचओ ने अपनी ग्लोबल रिपोर्ट में भारतीय बच्चों में मोटापे का प्रमुख कारण स्कूलों की कैंटीन में बिकने वाले जंक फूड को माना था। जंक फूड में कैलोरी अधिक और पोषक तत्व अत्यंत कम होते हैं।
  • बच्चों को फिज्जी ड्रिंक न दें, इसमें एसिड होता है, जिससे बच्चों के दांतों का एनेमल खराब हो जाता है। सॉफ्ट ड्रिंक की बजाए बच्चों को ताजे फलों का जूस दीजिए।


बच्चों को देर रात तक टीवी न खेलने दें, यह भी ध्यान रखें कि उन्हें इंटरनेट की लत न लगे। इसके साथ बच्चे के स्वास्थ्य की जांच समय पर कराते रहें।


Image Source - Getty

Read More Article On Healthy Eating In Hindi.

Read Next

जानें क्‍यों पुरुष महिलाओं की उपस्थिति में खाते हैं अधिक

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version