जब भी कोई किसी से नया रिश्ता बनाता है तो वह उससे पहले भावनात्मक रूप से ही जुड़ता है। लेकिन कई बार भावनात्मक जुड़ाव इतना ज्यादा हो जाता है कि भावनात्मक असुरक्षा पनपने लगती है। भावनात्मक रिश्तों में असुरक्षा की भावना पनपना आम बात है। कई बार भावनात्मक असुरक्षा से पीडि़त होने की स्थिति, भावनात्मक शोषण को भी जन्म देती है। भावनात्मक शोषण से बचने के लिए जरूरी है मानसिक-भावनात्मक और व्यावहारिक तैयारी। आप अपने आप को मजबूत बनाकर इस समस्या से निपट सकते हैं। आइए जानें भावनात्मक असुरक्षा के लक्षणों के बारे में।
इसे भी पढ़ें : शादी के बंधन को मजबूत रखने का 10 बेस्ट फॉर्मूला
- अकेलापन भावनात्मसक असुरक्षा का सबसे बड़ा लक्षण हो सकता है। जब कोई व्यक्ति अपनों के साथ होते हुए भी अकेलापन महसूस करें तो इसका अर्थ है कि उनमें असुरक्षा की भावना पनपने लगी है।
- कई बार व्यक्ति बिना वजह चिड़चिड़ा हो जाता है और छोटी-छोटी बात पर गुस्सा करने लगता है जिससे भावनात्मक रिश्ते भी प्रभावित होने लगते है।
- कुछ व्यक्ति भावनात्मक रूप से किसी अन्य व्यक्ति से इतना अधिक जुड़ जाते हैं कि उनमें कुछ खोने या अपने साथी से दूर होने का खतरा बना रहता है। नतीजन वे अजीब-अजीब से काम करने लगते हैं और भावनात्मक रूप से परेशान हो जाते हैं।
इसे भी पढ़ें : अपनी गर्लफ्रेंड से 5 तरह के झूठ बोलते हैं पुरूष, जानें क्यों
- कई बार संबंधों में दरार या किन्ही कारणों से जब दूसरा साथी सही तरह से प्रतिक्रिया नहीं करता तो व्यक्ति भावनात्मनक रूप से परेशान होने लगता है और सही प्रतिक्रिया पाने के लिए और अपने साथी के साथ डेटिंग करने के लिए अपना भावनात्मक शोषण करवाता रहता है।
- जब भी कोई व्यक्ति भावनात्मक असुरक्षा की भावना से गुजर रहा होता है, तो उससे उबरने के लिए उसे मानसिक-भावनात्मक और व्यवहारिक तैयारी करनी जरूरी होती है।
- भावनात्मक असुरक्षा की भावना के अन्य लक्षणों में व्यक्ति केयरलैस हो जाता है और वह अपनी और अपने साथी की कोई परवाह नहीं करता।
- व्यक्ति का किसी काम में मन नहीं लगता। इतना ही नहीं वह हर समय तनाव में रहने लगता है।
- भावनात्मक असुरक्षा महसूस होने पर व्यक्ति छोटी-छोटी बातों पर संवेदनशील होकर रोने लगता है।
- वह अपने साथी का ठीक प्रकार से ख्याल नहीं रख पाता पाता।
ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप
Read More Articles On Relationship In Hindi
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version