मुलेठी ऐसी औषधि है जिसका प्रयोग अक्सर आप गले में खराश हो, खांसी, आदि के लिए करते हैं। इसके अलावा भी मुलेठी में कई ऐसे गुण हैं, जो पेट की समस्या से निजात दिलाते हैं। मुलेठी के प्रयोग करने से न सिर्फ आमाशय के विकार बल्कि गैस्ट्रिक अल्सर के लिए फायदेमंद है। इसका पौधा 1 से 6 फुट तक होता है। यह स्वाद में मीठी होती है इसलिए इसे यष्टिमधु भी कहा जाता है। असली मुलेठी अंदर से पीली, रेशेदार एवं हल्की गंधवाली होती है। सूखने पर इसका स्वाद अम्लीय हो जाता है। मुलेठी की जड़ को उखाड़ने के बाद दो वर्ष तक उसमें औषधीय गुण विद्यमान रहते हैं। इसका औषधि के रूप में प्रयोग बहुत पहले से होता आया है। इस लेख में विस्तार से जानिये मुलेठी के सेवन से एसिडिटी में किस तरह फायदा होता है।
बहुत फायदेमंद है मुलेठी
मुलेठी को बहुत गुणकारी औषधि माना जाता है। मुलेठी के प्रयोग करने से न सिर्फ आमाशय के विकार बल्कि गैस्ट्रिक अल्सर के विकार भी दूर हो जाते हैं। मुलेठी पेट के रोग, सांस संबंधी रोग, स्तन रोग, योनिगत रोगों को दूर करती है। ताजी मुलेठी में पचास प्रतिशत जल होता है, जो सुखाने पर मात्र दस प्रतिशत ही शेष रह जाता है। ग्लिसराइजिन एसिड के होने के कारण इसका स्वाद साधारण शक्कर से पचास गुना अधिक मीठा होता है।
क्या है एसिडिटी
यह पेट से संबंधित समस्या है। जो हम खाना खाते हैं, उसका सही तरह से पचना ज़रूरी होता है। पाचन की प्रक्रिया में हमारा पेट एक ऐसे एसिड को स्रावित करता है जो खाने को सही तरीके से पचाने के लिए बहुत जरूरी होता है। पर कई बार यह एसिड आवश्यकता से अधिक मात्रा में स्रावित होता है, जिसके फलस्वरूप सीने में जलन और फैरिंक्स और पेट के बीच के रास्ते में पीड़ा और परेशानी का एहसास होता है। इस हालत को एसिडिटी या एसिड पेप्टिक रोग के नाम से जाना जाता है।
खान पान में अनियमितता, ठीक तरह से खाने को नहीं चबाना, पर्याप्त मात्रा में पानी न पीना आदि कारणों से एसिडिटी की समस्या होती है। मसालेदार और जंक आहार का सेवन करना भी एसिडिटी के अन्य कारण होते हैं। इसके अलावा हड़बड़ी में खाना और तनावग्रस्त होकर खाने के कारण भी एसिडिटी की समस्या होती है। धूम्रपान और शराब का सेवन भी पेट की इस समस्या का कारण बन सकता है।
एसिडिटी में फायदेमंद है मुलेठी
मुलेटी पेट की समस्याओं को दूर करने के लिए बहुत ही प्रभावी है। इसके सेवन से पेट की कई प्रकार की समस्याओं का उपचार हो जाता है। दरअसल मुलेठी में ग्लिसराइजिन (glycyrrhizin) कंपाउंड पाया जाता है जो ब्लड के पीएच के स्तर को कम करने में मदद करता है। इससे पेट में हलचल, पेट में सूजन और सीने में जलन की समस्या दूर होती है। यह खाने को पचाने में मदद करता है जिससे एसिडिटी की समस्या नहीं होती।
कैसे करें इसका सेवन
एक दिन में 10 ग्राम मुलेठी का सेवन फायदेमंद माना जाता है। सुबह के वक्त हल्के गरम पानी या दूध के साथ मुलेठी का सेवन करने से एसिडिटी के साथ दूसरी पाचन संबंधी समस्यायें नहीं होती हैं।
एसिडिटीज से बचने के लिए स्वस्थ खानपान की आदतों को अपनाना बहुत जरूरी है। हरी सब्जी और ताजे फलों का सेवन करने के साथ नियमित व्यायाम करने से पेट की समस्यायें नहीं होती हैं।
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