मछली खाने से हो सकता है डाइबिटीज

ज्यादा मछली खाने से मधुमेह होने की आशंका बढती है। जी हां एक अध्ययन के अनुसार, मछली में पाया जाने वाला विषाक्त पदार्थ (टॉक्सिन) डायबिटीज के खतरे को बढाता है। छोटी मछलियों में पाया जाने वाला डीडीई (Dichloro Diphenyldichloro Ethylene) केमिकल मधुमेह के खतरे को बढाता है।
  • SHARE
  • FOLLOW
मछली खाने से हो सकता है डाइबिटीज


मछली एक स्वास्‍थ्‍य वर्धक भोजन है। मछली सेचुरेटेड फैट प्रोटीन, विटामिन और ओमेगा-3 फैटी एसिड का एक बहुत अच्छा स्रोत भी है। इसको भोजन के रुप में शामिल करने से शरीर को विटामिन, मिनरल और कई प्रकार के पोषक तत्व मिलते हैं, जिनकी हमारे शरीर को जरुरत होती है। इसके अलावा मछली खाने से कई बीमारियों में भी फायदा होता है। मछली ब्लड प्रेशर के मरीज के लिए बहुत ही फायदेमंद है। इसके अलावा मछली का सेवन ओमेगा-3 एसिड ट्यूमर और कैंसर के खतरे को भी कम करता है। लेकिन क्या आपको पता है मछली में पाया जाने वाला विषाक्त पदार्थ डायबिटीज का कारण बनता है।

 



क्या कहता है शोध


एक अध्ययन के अनुसार, मछली में पाया जाने वाला विषाक्त पदार्थ (टॉक्सिन) डायबिटीज के खतरे को बढाता है। छोटी मछलियों में पाया जाने वाला डीडीई (Dichloro Diphenyldichloro Ethylene) केमिकल मधुमेह के खतरे को बढाता है। बडी मछलियां जब छोटी मछलियों को खाती हैं तब उनके अंदर यह केमिकल प्रवेश करता है। इस अध्ययन में यह भी पता चला कि छोटी मछलियां खाने से डायबिटीज का खतरा ज्यादा नहीं होता है क्योंकि बडी मछलियों की तुलना में छोटी मछलियों में टॉक्सिन्स कम मात्रा में पाया जाता है।


मछली खाने से डायबिटीज का खतरा


  • मछली में पाया जाने वाला विषाक्त पदार्थ जब शरीर में ज्यादा मात्रा मे प्रवेश कर जाता है तब डायबिटीज होने की आशंका बढ जाती है।
  • जो लोग  मछली ज्यादा खाते हैं उनके खून में डीडीई (Dichloro Diphenyldichloro Ethylene) केमिकल ज्यादा मात्रा में जाता है और डायबिटीज के खतरे को बढाता है।
  • केमिकल डीडीई ज्यादातर छोटी मछलियों में पाया जाता है। जब बडी मछलियां छोटी मछलियों को खाती हैं तब यह केमिकल बडी मछलियों में जाता है।
  • केमिकल डीडीई लोगों के अंगों में विशेषकर लीवर में जमा होता है। इस केमिकल से शरीर के अंदर ज्यादा वसा जाती है, जिससे आदमी का मोटापा बढता है। मोटापा डायबिटीज के बढने का सबसे प्रमुख कारण है।

 

  • मछली में ज्यादा मात्रा में कैलोरी और कम मात्रा में वसा पायी जाती है। मछली के सेवन से आदमी बहुत जल्दी मोटा हो सकता है और मोटापा मधुमेह का कारण बनता है।
  • मछली में ओमेगा-3 फैटी एसिड पाया जाता है। ओमेगा-3 फैटी एसिड मधुमेह रोगियों में इंसुलिन के प्रभाव को कम करता है। वयस्कों और किशोरों में भी ज्यादा मात्रा में मछली खाने से मधुमेह की शुरूआत हो सकती है।
  • मछली में कोलेस्ट्राल पाया जाता है, जिसे खाने से मोटापा बढता है और इससे मधुमेह भी हो सकता है।  



हालांकि, ज्यादा मछली खाने से मधुमेह होने की आशंका बढती है। लेकिन अगर मछली को लंच या डिनर में संतुलित मात्रा में प्रयोग किया जाये तो मछली का सेवन कई बीमारियों से बचाता भी है। मछली का सेवन शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। अगर आपको कोई गंभीर बीमारी है, तो आप अपने चिकित्सक से राय ले सकते हैं कि आपको मछली खानी चाहिए या न हीं ।

Read Next

मेथी के लड्डू से ब्‍लड शुगर को करें नियंत्रित

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version