यदि आपको अस्थमा (Asthma) है, तो आपको यह जानकर खुशी होगी कि कुछ खाद्य पदार्थ अस्थमा को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। हालांकि ऐसी कोई विशिष्ट डाइट नहीं जो अस्थमा को ठीक कर सके ,पर ताजा और पौष्टिक आहार आपकी हेल्थ और अस्थमा में सुधार जरूर कर सकते हैं। अगर आपका इम्यून सिस्टम आपकी ली हुई डाइट को सही तरह से रिएक्ट नहीं करता तो आपको फूड एलर्जी और फूड इनटोलरेंस जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जो कि अस्थमा (Asthma) का भी कारण है। साथ ही अस्थमा का अन्य मुख्य कारण मोटापा भी है। इसके अलावा मोटे लोगों में अस्थमा का असर गंभीर होता है और इसका इलाज करना कठिन होता है। पौष्टिक आहार खाने से और स्वस्थ वजन बनाए रखने से अस्थमा (Asthma) जैसी बीमारी को मैनेज करना आसान होता है। इसलिए डाइट में शामिल करें विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थ ,जैसे दूध और अंडे, बीटा कैरोटीन युक्त सब्जियां जैसे गाजर और पत्तेदार साग, मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थ जैसे कि पालक और कद्दू के बीज। हालांकि अस्थमा (Asthma) के लिए कोई विशेष आहार नहीं है।
अस्थमा में डाइट (Diet for Asthma)
कुछ खाद्य पदार्थ और न्यूट्रिएंट है जो आपके फेफड़ों के लिए लाभदायक हो सकते हैं ।
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विटामिन डी
सही मात्रा में विटामिन डी लेने से 6 से 15 वर्ष की आयु के बच्चों में अस्थमा अटैक के संख्या कम हो सकती है । विटामिन डी के स्रोत हैं- सैल्मन, दूध, संतरे का रस, अंडे।अगर आप जानते है कि आपको दूध या अंडो से एलर्जी है तो आप अपना बचाव करें, क्योंकि खाद्य पदार्थ से एलर्जी के लक्षण अस्थमा के रूप में प्रकट हो सकते हैं ।
विटामिन ए
जिन बच्चों को अस्थमा होता है आमतौर पर उनके ब्लड में विटामिन ए का स्तर कम होता है। अस्थमा वाले बच्चों में , विटामिन ए का उच्च स्तर भी बेहतर फेफड़ों के कार्य के लिए लाभदायक है। विटामिन ए के अच्छे स्रोत है- गाजर, खरबूजा, शकरकंद हरी पत्तेदार सब्जियां, ब्रोकोली, सेब।
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केला
माना गया है कि केले से अस्थमा के शिकार बच्चों में घरघराहट ( व्हीजिंग) की समस्या कम होती है । यह फल के एंटीऑक्सीडेंट और पोटेशियम सामग्री के कारण हो सकता है, जो फेफड़ों के कार्य में सुधार करते है ।
मैग्नीशियम
मैग्नीशियम का स्तर बढ़ाने के लिए पालक, कद्दू के बीज, डार्क चॉकलेट,सैल्मन लें या इन्हेलिंग मैग्नीशियम ले सकते हैं।
किन खाद्य पदार्थों से करें बचाव (Food You Can Avoid)
कुछ खाद्य पदार्थ अस्थमा के लक्षणों को ट्रिगर कर सकते हैं और इससे बचा जाना चाहिए । हालांकि, अपने आहार से कोई भी खाद्य पदार्थ को हटाने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें ।
सल्फाइट्स
वाइन, ड्राई फ्रूट्स, मसालेदार भोजन, चेरी, नींबू और लाइम जूस आदि खाद्य पदार्थों में शामिल सल्फाइट्स अस्थमा के मरीज के लिए हानिकारक होते हैं। इससे अपना बचाव करें।
खाद्य पदार्थ जो गैस का कारण बनते है
ज्यादा खाना और खाद्य पदार्थ जो गैस का कारण बनते हैं , उन्हे खाने से आपके डायाफ्राम पर दबाव पड़ता है , और खासकर के तब जब आपके शरीर में समान्य से अधिक एसिड बनता हो। जिसके कारण छाती में जकड़न होती है व अस्थमा ट्रिगर करता है। उदाहरण के लिए बीन्स, पत्ता गोभी, प्याज, लहसुन, तला हुआ खाना, कार्बोनेटेड ड्रिंक्स आदि।
आर्टिफिशियल पदार्थ
फास्ट फूड में पाए जाने वाले केमिकल, फ्लेवर और रंग आपकी सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं। अस्थमा से पीड़ित लोगों को इन आर्टिफिशियल फूड्स से अधिक नुकसान और एलर्जी हो सकती है।
अस्थमा का कैसे करें इलाज (How To Treatment)
अधिकांश डॉक्टर यही कहते है कि पौष्टिक आहार का सेवन करें और एक अच्छा लाइफ स्टाइल बनाए रखें । अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए रोजाना व्यायाम जरूर करें । अपनी डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव लाने से अस्थमा का उपचार आसान हो जाता है। अपने डॉक्टर की बिना सलाह लिए आप किसी भी तरह की दवाई को लेना बंद न करें।
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अस्थमा के लक्षणों को बिगड़ने से कैसे रोकें (Preventing from worsening)
अस्थमा जानलेवा हो सकता है तो उससे बचना महत्वपूर्ण है । सब जानते है कि तंबाकू का धुआं कितना खतरनाक होता है। अगर आप तंबाकू का सेवन या धूम्रपान करते हैं तो यह आपके लिए बड़ा खतरा है। आप डॉक्टर की सलाह से इसे छोड़ने का प्रयास करें। यदि आपके घर का कोई व्यक्ति धूम्रपान करता है तो, उनको समझायें।
हेल्दी डाइट आपके अस्थमा के लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद करती है । जिन लोगों ने पोष्टिक आहार और हेल्दी डाइट को आपनी दिनचर्या में शामिल किया है , उन्होंने अपनी सेहत में एक बेहतर बदलाव का एहसास किया है। हेल्दी डाइट से आपको और भी कई फायदे हैं जैसे – शरीर का वजन कम होना , ब्लड प्रेशर में कमी, कोलेस्ट्रॉल कम होना, बेहतर पाचन तंत्र ।
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