गर्भावस्‍था में दस्‍त की समस्‍या से ऐसे निपटें

जब गर्भावस्था के समय में दस्त बहुत ज्यादा रहते हो तो इसे हल्के में ना लें, इससे वजन कम होने और कमजोरी के कारण प्रसव के दौरान अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। आइए जानें गर्भावस्था में दस्त के बारे में कुछ और बातें।
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गर्भावस्‍था में दस्‍त की समस्‍या से ऐसे निपटें

गर्भधारण करने पर घर में ना सिर्फ गर्भवती महिला बल्कि उसके आसपास का माहौल भी खुशनुमा हो जाता है। एक ओर गर्भधारण करने पर नवयुवतियों को खुशी होती है, वहीं गर्भ के विकास के साथ गर्भवती महिला की समस्याएं बढ़ती जाती हैं। गर्भावस्था में उल्टी-दस्त की परेशानी होना, हाथ-पांवों में सूजन आना, उच्च रक्तचाप, नींद न आने की शिकायत, इत्यादि होना सामान्य होता है। लेकिन जब गर्भावस्था के समय में दस्त बहुत ज्यादा रहते हो तो इसे हल्के में ना लें, इससे वजन कम होने और कमजोरी के कारण प्रसव के दौरान अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे समय में दस्त को समझें यानी की दस्त (अतिसार) के क्या कारण हैं। आइए जानें गर्भावस्था में दस्त के बारे में कुछ और बातें।

 

गर्भावस्था में दस्त से संबंधित जरूरी बातें

  • गर्भावस्था में दस्त होने और गर्भवती महिला के बार-बार शौच जाने से शरीर में जल की कमी हो जाती है।
  • गर्भावस्था में दस्त होने पर गर्भवती महिलाएं शारीरिक रूप से अधिक कमजोर हो जाती है।
  • गौरतलब है कि गर्भावस्था के समय में पाचन क्रिया की विकृति के कारण महिलाओं के मूत्रमार्ग में तीव्र जलन होती है। बार-बार पेशाब आने से यह स्थिति गंभीर हो सकती है।

 

 

  • गर्भावस्था के दौरान अधिक मात्रा में भोजन करने, अधिक फल या मेवे आदि का सेवन करने से गर्भवती महिलाओं को दस्त लगना शुरू हो सकता है।
  • डॉक्टर गर्भावस्था में महिलाओं को इसीलिए सन्तुलित मात्रा में आहार का सेवन करने की सलाह देते हैं जिससे उन्हें अतिरिक्त समस्याओं का सामाना ना करना पड़े।
  • कई बार गर्भावस्था के दौरान शरीर में ताकत बढ़ाने वाली दवाइयों का अधिक मात्रा में सेवन, लौह पदार्थ या प्रोटीन की अधिकता से भी दस्त होने शुरू हो जाते हैं। यदि ऐसा हो तो डॉक्टर्स से सलाह लेनी चाहिए।
  • जब भी गर्भवती महिलाओं को पतले दस्त हो तो ऐसे में उन्हें दही का सेवन करना चाहिए और ठंडा मौसम हो तो डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
  • गर्भावस्था के दौरान यदि गर्भवती को दस्त हो जाए तो इसका गर्भवती महिला पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है क्योंकि ऐसी स्थिति में अधिक कमजोरी आने लगती है। जो कि महिला और उसके बच्चे के स्‍वास्‍थ्‍य के लिए हानिकारक है।
  • इतना ही नहीं गर्भावस्था में बहुत दिनों तक पतले दस्त आने से गर्भवती महिला की पाचनशक्ति कमजोर हो जाती है। जिससे न सिर्फ कई और रोग होने की आशंका बनी रहती है बल्कि गर्भपात का खतरा भी बराबर रहता है।  



गर्भावस्था में दस्त होने पर आहार लेते समय बरतें सावधानियां

 

  • दस्त के दौरान कुछ भी खाएं तो यह सुनिश्चित कर लें कि वह चीज पूरी तरह से पकी हुई हो।
  • दस्त के दौरान बाहर का जूस, खुली हुई मिठाइयों का सेवन न करें।

 

दूषित आहार व पानी से शरीर के रक्तचाप का स्तर भी कम हो जाता है और बुखार भी हो सकता है। इसीलिए खानपान का खास ध्यान रखें और जल्दी  घुलने वाली चीजों और तरल पदार्थों का दस्त के दौरान अधिक सेवन करें। ताज़ा फल व सब्जि़यां खायें और फलों और सब्जि़यों को अच्छी तरह से धो कर खाएं।

 

 

 

 

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