बच्चों के कपड़े बार-बार चेंज करने की झंझट से बचने के लिए आजकल पेरेन्ट्स बच्चों को ज्यादातर समय डायपर पहनाए रखते हैं। लेकिन बच्चों की नाजुक स्किन के लिए ज्यादा समय तक लगातार डायपर पहनना खतरनाक हो सकता है। जब कभी आप आधे-एक घंटे के लिए घर से बाहर जाते हैं, उतनी समय के लिए बच्चों को डायपर पहनाना तो ठीक है लेकिन अगर आप दो-तीन घंटे तक बच्चों को डायपर पहनाए रखते हैं तो इससे उन्हें यूटीआई यानि यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन और अन्य बीमारियों का खतरा होता है। हम बता रहें हैं कि बच्चों को ज्यादा समय तक डायपर पहनाना क्यों ठीक नहीं है।
हो सकते हैं इंफेक्शन और रैशेज
छोटे बच्चों की पाचन क्षमता बहुत कम होती है इसलिए वे जल्दी-जल्दी मल और पेशाब करते हैं। अगर आप बच्चों को 3-4 घंटे तक लगातार डायपर पहनाए रखते हैं, तो डायपर बाहर से भले सूखा रहे मगर अंदर से गीला रहता है जिसके कारण बच्चों के अंगों में इंफेक्शन हो सकता है या जांघों के आसपास रैशेज हो सकते हैं। इंफेक्शन के कारण बच्चों को यूरिन पास करते समय जलन या दर्द की शिकायत हो सकती है, ऐस में लगातार रोते रहते हैं। अगर डायपर बच्चों को थोड़ा टाइट आता है तो इससे उनके पैरों में दर्द की समस्या भी हो सकती है।
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डायपर के ग्रेन्यूल्स होते हैं खतरनाक
डायपर बनाने के लिए ऐसे ग्रेन्यूल्स का प्रयोग किया जाता है जो नमी को सोखते हैं और उन्हें लॉक कर लेते हैं। लेकिन ये ग्रेन्यूल्स हानिकारक केमिकल्स से बने होते हैं। डायपर की बाहरी पर्त को रिफाइंड प्लास्टिक पॉलीथीन से बनाया जाता है, जिससे बच्चों की गंदगी बाहर नहीं आ पाती। ये गंदगी को बाहर आने से तो रोक लेता है लेकिन इसकी वजह से बच्चों के अंगों तक हवा नहीं पहुंच पाती। इसलिए बच्चों को ऐसे कपड़े पहनाने चाहिए जो खुले हों और जिनसे हवा पास हो सके।
पनप सकते हैं बैक्टीरिया
डायपर में देर तक बच्चों की गंदगी रुकी रह जाती है इसलिए उनमें तमाम हानिकारक बैक्टीरिया पनप जाते हैं। ये बैक्टीरिया इंफेक्शन, खुजली और रैशेज तो फैलाते ही हैं, साथ ही ये बच्चों की सेहत के लिए भी नुकसानदेह हैं। इसकी वजह से बच्चों को उल्टी, जुकाम, बुखार और उम्र के मुताबिक कई गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं।
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चिड़चिड़े हो सकते हैं बच्चे
बच्चों को ज्यादा देर तक डायपर पहनाने से अंदर से उनका डायपर जब गीला हो जाता है तो उन्हें असुविधा होती है। इस असुविधा को वो बता नहीं सकते इसलिए या तो वो लगातार रोते रहते हैं या उनमें चिड़चिड़ापन आ जाता है। अगर उन्हें लगातार इस चिड़चिड़ेपन की आदत हो जाए तो उनका स्वभाव भी चिड़चिड़ा हो जाता है, जिसकी वजह से बाद में माता-पिता को इसकी वजह से परेशानी का सामना करना पड़ता है।
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