
आज के समय में मधुमेह जैसी बीमारी अंतर्राष्ट्रीय स्तर की समस्या बनती जा रही है। आंकड़ों के मुताबिक, मधुमेह बच्चों, महिलाओं, व्यकस्कों और पुरूषों सभी में सामान्य रूप से पनपने लगी है। मधुमेह से ग्रस्त व्यक्ति प्रमुख स्वास्थ्य समस्याओं से भी ग्रसित हो जाते हैं। मधुमेह के दीर्घकालीन खतरों में अंधेपन का तीन गुना ज्यादा खतरा बढ़ रहा है। मधुमेह के मरीजों में जागरूकता की कमी और चिकित्सा सुविधाओं की कमी से मृत्यु का जोखिम भी बढ़ रहा है। आइए जानें मधुमेह से अंधे होने के खतरे के बारे में।
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- मधुमेह ऐसी बीमारी है जिसकी चपेट में कोई भी आ सकता है, लेकिन गंभीर बात है मधुमेह से बढ़ने वाली बीमारियां। जो न सिर्फ दीर्घकालीन समय तक रहती हैं बल्कि व्यक्ति को अस्वस्थ भी बनाती हैं।
- मधुमेह से अंधे होने का खतरा व्यक्ति के जीवन की खुशियां और आंखों की ज्योति दोनों ही छीन लेती हैं।
- मधुमेह से अंधापन अचानक नहीं होता बल्कि जैसे-जैसे व्यक्ति का शुगर लेवल बढ़ता है, वैसे-वेसे उसका शरीर प्रभावित होता है और आंखों से धुंधला दिखाई देने लगता हैं।
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- आंखों में धुंधलापन कई बार इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि रात के समय या अधिक रोशनी में मधुमेह रोगी को बिल्कुल दिखाई नहीं देता या फिर मधुमेह रोगी को कुछ भी पढ़ने-लिखने में दिक्कते आने लगती हैं।
- मधुमेह के कारण अंधेपन के अलावा आंखों की कई और समस्याएं भी होने की संभावना बढ़ जाती है, जिससे हर समय सिर दर्द की शिकायत भी रहने लगती हैं।
- मधुमेह के बढ़ते स्तर के कारण मधुमेह के मरीज की आंखें इतनी कमजोर होने लगती हैं कि टीवी देखने या ड्राइविंग करने में भी समस्या आने लगती है, ये समस्या आगे चलकर अंधेपन का कारण बनती है।
- मधुमेह के दौरान अंधेपन से बचने के लिए समय-समय पर डॉक्टर से चेकअप कराते रहना चाहिए।
- यदि किन्हीं कारणों से मधुमेह के दौरान समय-समय पर चेकअप कराना संभव नहीं तो आपको आंखों में कोई भी तकलीफ होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
- मधुमेह से ग्रस्त व्यक्ति को अंधेपन से बचने के लिए, बढ़ती उम्र के साथ होने आंखों की समस्याएं होने पर डॉक्टर की सलाह पर दवाई डालते रहनी चाहिए।
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- मधुमेह से अंधापन न हो, इसके लिए आपको आंखों की एक्सरसाइज करनी चाहिए। ये एक्सरसाइज दो तरह की होती है एक तो किस चीज पर फोकस करके और दूसरा मशीनों द्वारा। जिन्हें डॉक्टर की मदद से किया जा सकता है।
- यदि आपकी आंखें कमजोर है या फिर आंखों की मांसपेशियां इत्यादि कमजोर है तो इसे नजरअंदाज न करें , मधुमेह रोगी को अपनी आंखों की अतिरिक्त देखभाल करनी चाहिए और आंखों का सही ट्रीटमेंट डॉक्टर से लेना चाहिए।
यदि डॉक्टर आपको चश्मा पहनने की सलाह देते हैं तो शर्म या अन्य कारणों से चश्मा पहनने में देर न करें बल्कि डॉक्टर के निर्देशानुसार नंबर का चश्मा लगवाएं और अपने मन से यह भ्रम निकाल दें कि एक बार चश्मा पहनने के बाद ये कभी नहीं उतरेगा। चाहे तो आप लैंस भी लगवा सकते हैं। हो सके तो दिन में 4-5 बार आंखों को ठंडे पानी से प्रतिदिन धोयें।
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