डायबिटीज़ (मधुमेह) भारत ही नहीं पूरे देश के लिए तेज़ी बढ़ रहा एक खतराक रोग है। अमरीका जैसे विकसित देश में डायबिटीज लोगों की जांन लेने वाला सातवां सबसे बड़ा रोग है। 2007 में, अमेरिका में 17.9 लाख लोग का मधुमेह के लिए निदान किया गया था। जबकि 5.7 करोड़ लोग के मधुमेह का निदान ही नही हुआ था। जेएडिए (जर्नल ऑफ अमेरिकन डेंटल असोशियेशन) के जनवरी 2011 अंक के एक लेख के अनुसार दंत चिकित्सक अनउपचारित मधुमेह के चिन्ह और लक्षणों का पता लगा सकते हैं। कुछ विशेषज्ञों के अनुसार दंत चिकित्स प्री डायबिटीज़ की जांच भी कर सकते हैं। तो चलिये जानते हैं कि भला कैसे कर सकते हैं डेंटिस्ट डायबिटीज की पहचान।
रोग की गंभीरता
बीबीसी की ख़बर के अनुसार हर दस सेकेंड में दुनिया भर में किसी न किसी की डायबिटीज़ से मौत हो जाती है। उन्हीं दस सेकेंड में किन्हीं दो लोगों में इस लोग के लक्षण पैदा होते हैं। पिछले वर्ष दुनिया में इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 38 लाख थी। इसका मतलब है कि मरने वाले कुल लोगों का छह प्रतिशत। एक अनुमान के हिसाब से इस समय दुनिया भर में 24 करोड़ 60 लाख लोग डायबिटीज़ से पीड़ित हैं और 2025 तक इसके 38 करोड़ हो जाने की आशंका है।
प्रत्येक इंसान को साल में एक कंप्लीट हेल्थ चैकअप कराना चाहिए, लेकन कुछ लोग कंप्लीट हेल्थ चैकअप में दंत चिकित्सक के पास चांच के लिए ज्यादा जाते हैं। हालांकि सामान्य दंत चिकित्सक विशेष रूप से मधुमेह की जांच के लिए प्रशिक्षित नहीं होते हैं, लेकिन आप कुछ सामान्य जानकारी अपने दंत चिकित्सक को दे सकते हैं जो उन्हें मधुमेह की संभावना का पता लगाने में मदद कर सकती हैं। और यदि आवश्यक हो तो संबंधित डॉक्टर के पास जाने की सलाह दे सकते हैं।
मधुमेह की पहचान में सहायता करने के लिए आप अपने दंत चिकित्सक के साथ निम्न जानकारियां साझा सक सकते हैं:-
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- मौखिक स्वास्थ्य की स्थिति
अपने दंत चिकित्सक से अपने मौखिक स्वास्थ्य की स्थिति की जानकारी साझा करते समय निम्नलिखित लक्षणों का कोई अनुभव होने पर ज़रूर साझा करें। जैसे, मुंह शुष्क रहना (क्सेरोस्टोमिआ), सांस की बदबू (मुंह से दुर्गंध आना), घावों का देरी से भरना, जीभ में जलन होना, तालू और मसूड़ों में दर्द, आवर्तक मौखिक संक्रमण तथा पुराने रोगों का इतिहास आदि। यदि आप अपने दंत चिकित्सक को अपरोक्त जानकारियां देते हैं तो वह कम से कम आपको मधुमेह होने की संभावना की उचित जानकारी दे सकता है। लेकिन यदि आ पइस समस्या को लेकर आश्वस्थ होना चाहते हैं अपनी नियमित स्वस्थ्य जांच जरूर कराते रहें।