अस्‍थमा के दौरान होने वाली जटिलतायें

मानसून आ गया है और यही वो समय है जबकि दमा रोगियों को अतिरिक्‍त सावधानी बरतनी होती है।
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अस्‍थमा के दौरान होने वाली जटिलतायें


मानसून आ गया है और यही वो समय है जबकि दमा रोगियों को घर के अंदर और बाहर स्वयं को धूप और धूल से बचाने का हर संभव प्रयास करना चाहिए। चिकित्सकों का मानना है कि तापमान में हो रहे बदलाव के कारण दमा रोगियों में श्वास संबंधी समस्याएं बढ़ जाती हैं। ऐसे में दमा रोगियों को कुछ खास बातों पर ध्यान देना चाहिए:
Asthma

 

घर में साफ सफाई:

ऐसी जगहों पर खास साफ सफाई रखें जहां धूल जम जाती हो क्योंकि दमा पैदा करने वाले एलर्जेन आपको नुकसान पहुंचा सकते है। घर के अंदर और बाहर वातावरण में मौजूद नमी आपके लिए मुसीबत का सबब बन सकती है। दिन में घर के अंदर धूप आने दें और शाम होते ही खिड़कियां और दरवाज़े बंद कर दें, जिससे वायु की गुणवत्ता बनी रहे।


प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनायें:

हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली किसी भी प्रकार के संक्रमण से लड़ने के लिए हमेशा तैयार रहती है और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाना है, तो पौष्टिक आहार का सेवन करें। अपने खाने में पपीता, कद्दू, गाजर, टमाटर, पालक, अमरूद जैसे मौसमी फलों को शामिल करें। बेहतर प्रतिरक्षा प्रणाली के लिए भरपूर नींद लें और तनाव के स्तर को कम रखें।


व्यायाम में सावधानी:

हमेशा नाक से सांस लेने की कोशिश करें क्योंकि व्यायाम के दौरान अगर मुंह से सांस लेंगे, तो आपको परेशानी हो सकती है। अच्‍छा होगा आप धूल वाले मौसम में घर के अंदर ही व्‍यायाम करें।


कुछ खास बातें:

  • अपना इन्हेलर हमेशा अपने पास रखें।
  • नहा कर तुरंत एसी या पंखे के नीचे ना बैठें।
  • घर और बाहर तापमान में हो रहे परिवर्तन से सावधान रहें।
  • धूल भरे मौसम में बाहर जाने से बचें।
  • बाहर जाते समय मास्‍क पहन लें ।


इन सामान्य बातों पर नज़र रखकर दमा रोगी भी मानसून का मज़ा ले सकते हैं।

 

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