
कोलाइटिस आंतों से संबंधित बीमारी है। सामान्यतया आंत की सूजन, जलन या दूसरी तरह की तमाम बीमारियों को कोलाइटिस कहते हैं। पेट में होने वाली ऐंठन, दस्त, लगातार डायरिया रहना, नींद न आना, बुखार और वजन कम होना कोलाइटिस के लक्षण हैं।
गर्भ निरोधक गोलियों का इस्तेमाल, खाने पीने में अनियमितता और धूम्रपान भी कोलाइटिस की वजह बन सकते हैं। चूंकि ये कई वजहों से हो सकता है, इसलिए इसके इलाज के लिए भी अलग-अलग होते हैं। लेकिन इस बीमारी के होने पर ब्रोक्कोली खाने से आराम मिलता है।
क्या कहता है शोध
ब्रोकली या हरी फूलगोभी खाने से कोलाइटिस जैसी आंत की बीमारी से लड़ने में मदद मिल सकती है। लीवरपूल विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं के दल ने पाया है कि कुछ विशेष प्रकार के घुलनशील तंतु या रेशे बैक्टीरिया को आहारनाल की दीवार से चिपकने से रोकते हैं और इस तरह इस बीमारी को बढ़ने नहीं देते।
शोधकर्ताओं ने पाया कि पौधों और हरी फूलगोभी के घुलनशील रेशे कैंसर से लड़ने की क्षमता बढ़ाते हैं और धमनियों में रोएं बनने से रोकते हैं। अध्ययन के दौरान शोधकर्ताओं ने प्रयोगशाला में ई-कोलाई बैक्टीरिया पर घुलनशील रेशों, फलों और सब्जियों का असर देखा।
लीवरपूल विश्वविद्यालय के शोधकर्ता जोनाथन रोड्स कहते हैं कि घुलनशील रेशे हानिकारक बैक्टीरिया को आंत से चिपकने नहीं देते और इस तरह ये लाभदायक हो सकते हैं।
क्या है कोलाइटिस
आंत की सूजन, जलन या दूसरी तरह की तमाम बीमारियों को कोलाइटिस कहते हैं। यह एक तरह की कोलाइटिस बैक्टीरिया, वायरस या परजीवी के अतिक्रमण से होती है। अगर कोलाइटिस की वजह सालमोनला या कोई दूसरा बैक्टीरिया है तो इससे निजात पाने के लिए एंटी-बॉयोटिक्स का सहारा लिया जा सकता है। एंटीबायोटिक्स का सहारा कोलाइटिस के इलाज के साथ ही कुछ मामलों में इसकी पहचान के लिए भी लिया जाता है।
परजीवी या अमीबा से होने वाले कोलाइटिस में एंटीबायटिक के अलावा एंटी पैरासाइट दवाइयों का प्रयोग किया जाता है। वायरस से होने वाले कोलाइटिस का इलाज थोडा मुश्किल होता है। वायरस से होने वाले कोलाइटिस में मरीज के शरीर में पानी कम होने की शिकायत होती है।
कोलाइटिस में देखभाल
कोलाइटिस की समस्या ज्यादातर बच्चों और बुजुर्गों को होता है। इसमें मरीज को ज्यादा पानी पीने की सलाह दी जाती है। अगर किसी के साथ समस्या बढ़ जाती है तो फिर उसे भर्ती कर नसों के जरिए ग्लूकोज दिया जाता है। कई मामलों में पहले से ही पता लगा जाता है कि ये कोलाइटिस के लक्षण हैं।
जैसे आंत की बीमारी, जिसे क्रोन डिजीज के नाम से जानते हैं, में आंत में लगातार समस्या बनी रहती है। इससे लंबे समय तक प्रभावित रहने वाले मरीज की आंत में छेद भी हो जाते हैं।
अगर किसी व्यक्ति में वायरस कोलाइटिस या आंत में छेद जैसे लक्षणों की आशंका होती है तो उसे तुरंत अपना इलाज कराना चाहिए। इसके अलावा व्यक्ति को डायरिया और दो दिन से ज्यादा बुखार रहता है या साथ ही पेट में दर्द भी उठता है तो ये कोलाइटिस हो सकता है। इस स्थिति में चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए।
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