ब्रेस्ट कैंसर का नाम सुनते ही महिलाओं के जहन में एक बहुत ही जानलेवा रोग ही छवि आ जाती है। कई लोग तो ऐसे होते हैं जिन्हें ये रोग होने पर वे जीने की उम्मीद ही छोड़ देते हैं। हालांकि महिलाओं का ब्रेस्ट कैंसर के प्रति डर बैठना जायज भी है, क्योंकि हमारे देश में हर साल स्तन कैंसर से पीड़ित महिलाओं की संख्या में एक लाख में से तीस की औसत से इजाफा हो रहा है।लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है कि इससे बचने के कोई उपाय नहीं हैं। अगर किसी को ब्रेस्ट कैंसर होता है और उसे इसके शुरुआती स्टेज में ही पता चल जाता है तो फिर इससे बचाव और इसका इलाज आसान हो जाता है।
यह रोग महिलाओं में ज्यादातर 40 साल के बाद होता है। स्तन कैंसर की प्रारंभिक अवस्था में वक्ष में एक छोटी सी गांठ होती है। यह धीरे-धीरे बढ़ती जाती है। स्तन कैंसर से पीड़ित महिलाओं को टैमोक्सिफेन नाम की दवा दी जाती है। आज हम आपको ब्रेस्ट कैंसर से निपटने के कुछ आसान उपाया बता रहे हैं। हालांकि कैंसर से बचने की साधारण तौर पर कोई गारंटी नहीं है लेकिन फिर भी आप स्तन कैंसर से बचाव के लिए कुछ कदम उठा सकते हैं।
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मैमोग्राम कराएं
महिलाओं को नियमित मैमोग्राम कराना चाहिए। मैमोग्राम से स्तन कैंसर का पता दो से पांच साल में लगाया जा सकता है जब तक कि ट्यूमर किसी उभार की तरह महसूस करने लायक विकसित नहीं हुआ होता। ऐसी महिलाएं जिनको आशंका हो कि उनमें आनुवंशिक कारणों से स्तन कैंसर का जोखिम ज़्यादा है उनको टेस्टिंग से पहले जेनेटिक काउंसलर से सलाह करनी चाहिए।
अनार है फायदेमंद
अनार में पाए जाने वाले तत्व या फोटोकेमिकल्स एरोमाटेज एंजाइम को रोकता है। यह एंजाइम एंड्रोजन हार्मोन को एस्ट्रोजन हार्मोन में बदल देता है जो ब्रेस्ट कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी होने में अहम भूमिका निभाता है। यह तत्व एरोमाटेज एंजाइम के प्रभाव को खत्म कर देता है और कैंसर से बचने में मदद मिलती है। इसके अलावा अनार में ऐसे प्राकृतिक तत्व पाए जाते हैं जो स्तन कैंसर को रोकने में प्रभावी होते हैं। स्तन कैंसर से पीड़ित ज्यादातर महिलाएं एरोमाटेज एंजाइम को खत्म करने वाली दवाएं लेती हैं जिससे एस्ट्रोजन हार्मोन का विकास नहीं हो सके।
अखरोट है अमृत
क्या आप जानते हैं अखरोट में विटामिन ई, विटामिन बी6, कैल्शियम और तमाम मिनरल्स प्रचुर मात्रा में होते हैं। इतना ही नहीं अखरोट प्रोटीन का भी अच्छा स्रोत्र है यानी कम से कम आधी मुट्टी अखरोट में 9 ग्राम प्रोटीन होता है। अखरोट से सिर्फ स्तन कैंसर ही नहीं बल्कि अस्थमा, अर्थराइटिस, त्वचा संक्रमण, एक्ज़ीमा जैसी बीमारियों सें भी बचा जा सकता है।
स्तन कैंसर के लक्षण
- स्तन कैंसर में स्तन पर या बांह के नीचे (बगल में) उभार या मोटापन आ जाता है।
- निप्पल से पानी या खून आने लगता है। स्तन कैंसर में निप्पल पर परत या पपड़ी सी बन जाती है
- निप्पल्स अंदर की ओर धंस जाते हैं।
- स्तन पर लालिमा या सूजन आ सकती है
- स्तन की गोलाई में कोई बदलाव जैसे एक का दूसरे की अपेक्षा ज़्यादा उभर आना
- स्तन की त्वचा पर कोई फोड़ा या अल्सर जो ठीक न होता हो
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