रक्‍त कोशिका संबंधी विकार के कारण

रक्‍त कोशिका संबंधी विकार लाल रक्‍त कोशिकाओं और सफेद रक्‍त कोशिकाओं को समान रूप से प्रभावित करता है और इसके कारण ब्‍लड प्‍लेटलेट्स को भी प्रभावित करता है।
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रक्‍त कोशिका संबंधी विकार के कारण


खून संबंधी विकार लाल रक्‍त कणिकाओं और सफेद रक्‍त कणिकाओं को समान रूप से प्रभावित करता है, इसके अलावा यह प्‍लेटलेट्स पर भी असर डालता है। बोन मैरो, ऊतकों के अंदर मौजूद रक्‍त को भी प्रभावित करता है। लाल रक्‍त कणिकायें हमारे शरीर के अंगों और ऊतकों को ऑक्‍सीजन प्रदान करती हैं। जबकि सफेद रक्‍त कणिकायें शरीर को सभी प्रकार के संक्रमण से बचाती हैं। प्‍लेटलेट्स खून के थक्‍के बनने में मदद करते हैं। इसलिए अगर शरीर में रक्‍त कोशिका संबंधी विकार हो जाये तो पूरा शरीर प्रभावित होता है। इस लेख में विस्‍तार से जानिये रक्‍त कोशिका संबंधी विकार के लिए जिम्‍मेदार कारकों के बारे में।
Blood Cell in Hindi

रक्‍त कोशिका संबंधी विकार के प्रकार

अगर आपकी रक्‍त कोशिकाओं में किसी भी प्रकार का विकार हो जाये तो इसके कारण - एनीमिया, सिकल सेल एनीमिया जैसी समस्‍या हो सकती है। एनीमिया खून की कमी से होने वाली समस्‍या है। जब शरीर में खून की कमी हो जाती है तब एनीमिया हो जाता है। जबकि सिकल सेल एनीमिया एनीमिया का ही एक प्रकार है जो ज्‍यादातार आनुवांशिक कारणों से होता है। यह बीमारी लाल रक्‍त कोशिकाओं को प्रभावित करती है।

हमारे शरीर में मौजूद प्‍लेटलेट किसी चोट के कारण बहने वाले खून को थक्‍का बनाकर बहने से रोकते हैं। रक्‍त कोशिकाओं में विकार होने के कारण सही तरीके से प्‍लेटलेट थक्‍का नहीं बना पाते हैं और चोट लगने के बाद अधिक खून बह जाता है।

पेडीयाट्रिक ब्‍लड सेल डिसऑर्डर यानी सफेद रक्‍त कोशिकाओं संबंधित समस्‍या, जो कि सफेद रक्‍त कोशिकाओं को ही प्रभावित करती है। यह समस्‍या बच्‍चों में अधिक देखी जाती है। यह विकार तभी होता है जब अस्थि मज्‍जा यानी बोन मैरो बहुत अधिक या बहुत कम मात्रा में सफेद रक्‍त कोशिकाओं का निर्माण करता है। जब शरीर में सफेद रक्‍त कोशिकाओं की कमी हो जाती है तब वह सामान्‍य संक्रमण से भी शरीर को नहीं बचा पाता। जबकि सामान्‍य से अधिक सफेद रक्‍त कोशिकाओं के कारण ल्‍यूकीमिया और कुछ निश्चित प्रकार के संक्रमण होने की संभावना हो सकती है।

Blood Cell Disorder in Hindi
रक्‍त कोशिका संबंधी विकार के कारण

रक्‍त कोशिका संबंधी विकार के लिए सबसे अधिक पारिवारिक कारण जिम्‍मेदार होते हैं। ज्‍यादातर यह समस्‍या मां-बाप से बच्‍चे को होती है। अगर गर्भ के दौरान किसी मां को आयरन की कमी है तो उसके अंदर लाल और सफेद रक्‍त कोशिकाओं की कमी हो जाती है, इसके कारण आनुवांशिक समस्‍या जैसे कि पॉलीसिथीमिया वेरा हो जाता है।

अगर आपको किसी प्रगाक ऑटोइम्‍यून बीमारी (जैसे - ल्‍यूपस) है तो यह ब्‍लड प्‍लेटलेट को समाप्‍त करने लगता है। यह खून के थक्‍के बनने की क्षमता को कम कर देता है, जिससे चोट लगने पर अधिक खून बहता है।

इसके अलावा कई अन्‍य बीमारियां हैं जो सफेद रक्‍त कोशिकाओं को तेजी से खत्‍म करती हैं और उतनी तेजी से बोन मैरो उनका उत्‍पादन नहीं कर पाता है।

रक्‍त कोशिका संबंधी विकार होने का खतरा सबसे अधिक बच्‍चों को होता है, इसलिए बच्‍चों के खून की जांच हमेशा कराते रहना चाहिए।

image source - getty images

 

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