
गर्भावस्था के दौरान मूड का बदलना, स्वाद में बदलाव और शारीरिक व मानसिक बदलाव सहित और भी कई बदलाव होते हैं। कई बीमारियां भी गर्भवती महिलाओं को परेशान करती हैं। ऐसी ही एक बीमारी है कब्ज। गर्भवती महिलाओं को कब्ज बहुत जल्दी हो जाता है। इसका कारण पाचन संबंधी समस्या होना है। लेकिन, कब्ज पर नियंत्रण करना बहुत जरूरी भी होता है। अगर आप गर्भवती हैं और दवा लेने से बचना चाहती हैं तो हम कुछ आयुर्वेदिक तरीके बता रहे हैं जिनको अपनाने से आपकी कब्ज की समस्या बिल्कुल ठीक हो जाएगी।
ईसबगोल
ईसबगोल पेट की लगभग हर समस्या का इलाज हो सकता है। ये गर्भावस्था के दौरान कब्ज दूर भागने के लिए यह बहुत लाभकारी होता है। ऐसी अवस्था में एक ग्लास गर्म दूध में एक चमच्च ईसबगोल मिलकर पी जायें। नियमित रूप से ऐसा करने से पेट की ये समस्या बिल्कुल ठीक हो जाती है।
मुनक्का
मुनक्का में कब्ज नष्ट करने के तत्व मौजूद होते हैं। 6-7 मुनक्का रोज रात को सोने से पहले खाने से कब्ज समाप्त होती है। इसके अलावा सुबह उठने के बाद बिना कुछ खाए हुए, 4-5 दाने काजू के और 4-5 दाने मुनक्का के साथ खाइए, इससे कब्ज की शिकायत समाप्त होगी।
किशमिश
किशमिश में कब्ज निवारण गुण होते हैं। सूखे अंगूर याने किशमिश पानी में 3 घन्टे भिगों दें फिर इसके बाद किशमिश को पानी से निकालकर खा लीजिए। इसे खाने से आंतों को ताकत मिलती है और दस्त आसानी से आती है। इससे कब्ज की शिकायत दूर होती है।
अरंडी का तेल
रात को सोते वक्त अरंडी के तेल को हल्के गरम दूध में मिलाकर पीजिए। इससे पेट साफ होगा। लेकिन ध्यान रखें, कम मात्रा में ही तेल मिलाएं, नहीं तो समस्या हो सकती है।
इन बातों का रखें ध्यान
परिष्कृत अनाज या बिना चोकर के रोटी खाने की बजाए चोकर वाली रोटी खाएं और फाइबर के लिए फल और हरी सब्जियां खाएं। कॉफी और अन्य कार्बोनेटेड पेय से बचें। तली हुई चीज़ों से परहेज करें। खाना खाने के बाद तुरंत न लेटें। भोजन के बाद रोजाना कुछ दूर पैदल चला करें।
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version