कमर दर्द व पीठदर्द से छुटकारा पाने और अपर बॉडी की स्ट्रेचिंग के लिए करें अर्ध उत्तानासन

अक्सर देखा जाता है कि जो लोग ज्यादा समय तक एक ही जगह बैठे रहते हैं या गलत शेप में सो जाते हैं उनकी पीठ और कमर में दर्द हो जाता है। योगासनों द्वारा शरीर के दर्द और कई समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है। इसके साथ ही योगासन आपकी पूरी बॉडी को फिट रखने और रक्त के प्रवाह को बेहतर बनाने में भी मददगार हैं। अर्ध उत्तानासन एक ऐसा ही आसन है, जो पीठ दर्द और कमर दर्द में बहुत प्रभावी होता है और जल्दी ही राहत दिलाता है।
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कमर दर्द व पीठदर्द से छुटकारा पाने और अपर बॉडी की स्ट्रेचिंग के लिए करें अर्ध उत्तानासन


अक्सर देखा जाता है कि जो लोग ज्यादा समय तक एक ही जगह बैठे रहते हैं या गलत शेप में सो जाते हैं उनकी पीठ और कमर में दर्द हो जाता है। योगासनों द्वारा शरीर के दर्द और कई समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है। इसके साथ ही योगासन आपकी पूरी बॉडी को फिट रखने और रक्त के प्रवाह को बेहतर बनाने में भी मददगार हैं। अर्ध उत्तानासन एक ऐसा ही आसन है, जो पीठ दर्द और कमर दर्द में बहुत प्रभावी होता है और जल्दी ही राहत दिलाता है। इसके साथ ही ये आसन आपकी अपर बॉडी (शरीर का ऊपरी भाग) को अच्छी तरह स्ट्रेच करता है, जिससे पसलियां और कंधे मजबूत बनते हैं। इस आसन से सिर, कमर पैर एवं रीढ़ की हड्डी का व्यायाम होता है। आइए आपको बताते हैं किस तरह कर सकते हैं आप अर्ध उत्तानासन और क्या हैं इसके फायदे।

क्यों होता है कमर और पीठ दर्द

रीढ़ की हड्डी के अलावा हमारी कमर की बनावट में कार्टिलेज, डिस्क, जोड़, मांसपेशियां और लिगामेंट आदि भी होते हैं। इनमें से किसी में भी कोई परेशानी होने पर कमर दर्द हो सकता है। कमर दर्द के कारण खड़े होने, झुकने और मुड़ने में बहुत दिक्कत होती है। दरअसल हमारी रीढ़ 32 हड्डियों से मिलकर बनी होती है, जिनमें से तकरीबन 22 सक्रिय भूमिका निभाती हैं।

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कैसे करें अर्ध उत्तानासन

इसे करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं, सांस लेते हुए हाथों को सिर के ऊपर ले जाएं। शरीर को ऊपर खींचे और धीरे-धीरे सामने की तरफ झुकते हुए अपने पैरों को छूने की तरफ बढ़ें। अब सिर और गर्दन को आराम की मुद्रा में जमीन की दिशा में रखें और कूल्‍हों को ऊपर की तरफ उठायें। इस स्थिति में 15-20 सेकंड तक रहें। इस दौरान अपने पूरे शरीर का भार अपने तलवों पर छोड़ दें और घुटनों को सीधा रखें। अब धीरे-धीरे ऊपर उठते हुए सांस छोड़ते जाएं और पहले की स्थिति में आ जाएं। इस आसन को अर्ध उत्तानासन कहते हैं।

अगर आपको सुबह समय नहीं है, तो आप किसी भी समय इस योगासन को कर सकते हैं। केवल इतना ध्यान रखें कि खाना खाने के बाद इस योगासन को न करें और न ही आसन करने के बाद तुरंत खाना खाएं। इस आसन के 10-15 सेट से शुरुआत करें और जितनी देर आप कर सकते हैं करते रहें।

उत्तानासन से मिलने वाले लाभ

उत्तानासन के नियमित अभ्यास से शरीर के पिछले भागों का सम्पूर्ण व्यायाम हो जाता है और इन भागों में मौजूद तनाव दूर होता है। यह पैरों के पार्श्व भागों को लचीला और मजबूत बनाने वाली योग मुद्रा है। इस आसन से रीढ़ की हड्डियों में पर्याप्त खींचाव होता है। गर्दन और मस्तिष्क को रिलैक्स मिलता है। मानसिक तनाव कम होता है और आपको शांति मिलती है।

यह आसन आपके हाई ब्लड प्रेशर, अस्थमा, इनफर्टिलिटी की परेशानी को दूर करने में मदद करता है। इस तरह से झुकने से आपके पाचन अंगों को अच्छी मसाज मिलती है और आपके पाचन में सुधार होता है। आपकी किडनी और फेफड़े सक्रिय होते हैं।

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आसन करने से पहले ध्यान दें ये बात

अगर आपको कमर में चोट ग्लूकोमा जैसी परेशानी हो तो यह आसन नहीं करना चाहिए। अगर आपको कमर में चोट लगी हुई है तो आप यह आसन घुटनों को मोड़ कर भी कर सकते हैं। इसे करते समय आप अपने हाथ दीवार पर भी रख सकते हैं।

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