कई बार नसों की कमजोर होने के कारण लोगों को स्वास्थ्य से जुड़ी बहुत सी समस्याएं होने लगती हैं। ऐसे में नसों की कमजोरी को दूर करने के लिए कुछ योगासनों को किया जा सकता है। आइए लेख में जानें -
वज्रासन करें
वज्रासन करने से पीठ के निचले हिस्से और पैरों की नसों को मजबूती देने में मदद मिलती है। साथ ही इससे पेट की चर्बी और वजन कम करने में मदद मिलती है।
कैसे करें वज्रासन?
इसके लिए जमीन पर घुटनों के बल खड़े होकर, हिप्स को एड़ियों पर रखकर बैठ जाएं। अब सिर को सीधा रखें, हाथों को घुटनों पर रखें, आंखों को बंद करके सांस लें। इसे नियमित रूप से 5-10 मिनट के लिए करना नसों के लिए फायदेमंद है।
बद्धकोणासन करें
बद्धकोणासन यानी तितली मुद्रा को नियमित रूप से करने से कमर के निचले हिस्से और कूल्हों की नसों को मजबूती देने, शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करने, स्ट्रेस को कम करने और पीरियड्स से जुड़ी समस्याओं से राहत देने में मदद मिलती है।
कैसे करें बद्धकोणासन?
इसके लिए पैरों को सीधा करके बैठ जाएं। अब पैरों को मोड़कर तलवों को एक साथ लगाएं। अब दोनों पैरों को हथेलियों से पकड़ लें और दोनों घुटनों को ऊपर नीचे हिलाएं। इसे 1 मिनट के लिए करना फायदेमंद है।
हलासन करें
नियमित रूप से हलासन को करने से दिमाग और शरीर की नसों को मजबूती देने में मदद मिलती है। इससे ब्लड शुगर को कंट्रोल करने, मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने और स्ट्रेस को कम करने में मदद मिलती है। इसके अलावा, अर्ध हलासन भी किया जा सकता है।
कैसे करें हलासन?
इसके लिए पीठ के बल लेट जाएं, अब हथेलियों को जमीन पर शरीर के पास रखें। इसके बाद सांस खींचते हुए पैरों को ऊपर की तरफ उठाएं और 90 डिग्री का एंगल बनाएं। अब धीरे-धीरे पैरों को सिर के पीछे ले जाते हुए पैरों के अंगूठे को जमीन पर टिका दें। इसके बाद सांस छोड़ते हुए पैरों को वापस जमीन पर लाएं।
सावधानियां
गर्दन में चोट लगने, ब्लड प्रेशर, अस्थमा, रीढ़ की हड्डियों से जुड़ी समस्या, पेट से जुड़ी समस्याएं और घुटनों से जुड़ी समस्याएं होने पर लोगों को इन योगासनों को करने से बचना चाहिए। इसके अलावा, प्रेग्नेंसी के दौरान डॉक्टर की सलाह के बाद ही योगासनों को करें।
नसों की कमजोरी को दूर करने के लिए लेख में बताए गए योगासनों को किया जा सकता है। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com