ब्लैडर यानी मूत्राशय हमारे शरीर का वो अंग है जो यूरिन को कुछ समय के लिए इकट्ठा करके रखता है, ताकि हम जरूरत पड़ने पर इसे एक बार में बाहर निकाल सकें।
एक्सपर्ट की राय
यह जानकारी Healthdirect Australia और अन्य मेडिकल स्रोतों पर आधारित है, जो यूरिनरी सिस्टम से जुड़ी जानकारी प्रदान करते हैं।
यूरिन स्टोर करना
ब्लैडर आमतौर पर लगभग 500 मिलीलीटर तक यूरिन स्टोर कर सकता है, लेकिन ज्यादातर लोगों को पेशाब की जरूरत तब महसूस होती है जब यह करीब 200 से 300 मिलीलीटर भरा होता है।
यूरिन पास करना
एक सामान्य व्यक्ति दिनभर में लगभग 4 से 6 बार यूरिन पास करता है, लेकिन यह संख्या पानी पीने की मात्रा और मौसम के अनुसार थोड़ा बदल सकती है।
ब्लैडर की मांसपेशियां सिकुड़ना
जब हम पेशाब करते हैं, तो ब्लैडर की मांसपेशियां सिकुड़ती हैं और यूरिन एक पतली नली जिसे यूरेथ्रा कहते हैं, उसके जरिए शरीर से बाहर निकलता है।
मसल्स-पेल्विक फ्लोर में संतुलन
ब्लैडर की मसल्स और पेल्विक फ्लोर मसल्स के संतुलन से ही यूरिन को कंट्रोल किया जाता है, लेकिन अगर इनमें कमजोरी हो जाए तो पेशाब पर कंट्रोल करना मुश्किल हो सकता है।
यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस
कुछ लोगों को खांसते, छींकते या हंसते समय पेशाब के कुछ बूंद निकल जाते हैं। इसे यूरिनरी इनकॉन्टिनेंस यानी मूत्र असंयम कहा जाता है, जो काफी आम समस्या है।
ब्लैडर इन्फेक्शन
बार-बार पेशाब लगना, पेशाब करने में जलन या बहुत कम मात्रा में यूरिन आना जैसे लक्षण ब्लैडर इन्फेक्शन या अन्य समस्याओं की ओर इशारा कर सकते हैं।
अगर पेशाब में खून दिखे, जलन हो या ब्लैडर से जुड़ी कोई भी दिक्कत हो तो डॉक्टर से तुरंत सलाह लेनी चाहिए। सेहत से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com