उष्ट्रासन जिसे अंग्रेजी में कैमल पोज कहते हैं। आइए जानते हैं, क्या है उष्ट्रासन और इसे कैसे करते हैं साथ ही जानिए इसको करने के क्या फायदे हैं?
उष्ट्रासन क्या है?
उष्ट्र का मतलब ऊंट से है। इस आसन को करते समय आपके शरीर की स्थिति ऊंट की तरह होती है। इसे करने से आपका शरीर लचीला बनता है साथ ही हृदय चक्र भी खुलता है। यह मन को शांत करता है।
उष्ट्रासन करने का तरीका - स्टेप - 1
इसको करने के लिए सबसे पहले वज्रासन की अवस्था में बैठ जाएं। शरीर को एकदम सीधा रखें और अपने दोनों हाथों को घुटनों पर रखें।
स्टेप - 2
इतना करने के बाद अर्ध उष्ट्रासन की तरफ बढ़ते हैं। आहिस्ता-आहिस्ता घुटनों के बल खड़े हो जाएं। अब अपने हाथों को कमर पर रखें इस समय आपकी उंगलियां जमीन की तरफ होनी चाहिए।
स्टेप - 3
कंधे व कोहनी को बराबर रखें। अपनी जांघों को जमीन से 90 डिग्री पर रखें। सांस अंदर लेते हुए पीछे की तरफ झुकें। सिर को पीछे झुकाएं इस समय आपको गर्दन की मांसपेशियों में खिंचाव महसूस होगा।
स्टेप - 4
अब धीरे-धीरे सांस को बाहर छोड़ें और अपने दाएं हाथ से दाहिने पैर की एड़ी व बांए हाथ से बाएं पैर की एड़ी को पकड़ें। पीछे की ओर झुकते समय गर्दन को झटका ना दें।
स्टेप - 5
इसके बाद सामान्य तरह से सांस लें और छोड़ें। कम से कम 10 से 20 सेकेंड तक ऐसे ही रहें और फिर सामान्य हो जाएं।
पीठ और गर्दन के लिए फायदेमंद
पीठ व गर्दन की मांसपेशियों को मजबूत बनाने के लिए उष्ट्रासन का अभ्यास करें। इसे करने से आपके सिर और सीने में रक्त संचार सुचारू रूप से होता है।
आंखों के लिए गुणकारी
इस आसन को करने से आंखों की रोशनी में सुधार आता है इसके साथ ही यह पेट व कूल्हों की चर्बी को भी तेजी से घटाता है।
सावधानियां
<li>चक्कर आना, हार्निया, या गठिया के रोगी इसे ना करें।</li> <li>हाईब्लड प्रेशर, पेट में चोट या हृदय रोगी भी इससे परहेज करें।</li> <li>गर्भवती महिलाएं भी इसे ना करें।</li>
इस आसन को करने के कई फायदे हैं। सेहत से जुड़ी ऐसी ही जानकारियों के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com