कई महिलाओं को अनियमित पीरियड्स की समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसा अनहेल्दी लाइफस्टाइल और अन्य कारणों से हो सकता है। आइए डाइटिशियन मनप्रीत कालरा से जानें -
अनियमित नींद के कारण
अनियमित नींद न लेने के कारण मेलेटोनिन और कोर्टिसोल हार्मोन का उत्पादन बाधित होता है, जिससे प्रजनन हार्मोन का संतुलन बिगड़ता है।
स्ट्रेस के कारण
अधिक स्ट्रेस में रहने के कारण शरीर में कोर्टिसोल का स्तर बढ़ने लगता है, जो हाइपोथैलेमस को दबा सकता है। जिससे पीरियड्स की साइकल प्रभावित होती है।
हाई कार्ब्स खाने के कारण
हाई कार्ब्स युक्त खाना खाने से इंसुलिन रेजिस्टेंस होता है, जिससे एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन का स्तर असंतुलित होता है।
फिजिकल एक्टिविटी न करना
फिजिकल एक्टिविटी न करने के कारण शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ने लगता है। जिससे पीरियड्स की साइकिल की नियमितता बाधित होती है।
विटामिन्स की कमी के कारण
शरीर में विटामिन-डी और आयरन जैसे पोषक तत्वों की कमी के कारण मेंस्ट्रुअल साइकिल को नियंत्रित करने वाले हार्मोन्स का उत्पादन बाधित होता है।
पीसीओडी के कारण
पीसीओडी जैसी हार्मोन्स से जुड़ी समस्या, जो इंसुलिन और एंड्रोजन के बढ़े हुए स्तर के कारण होती है। इससे महिलाओं को पीरियड्स के अनियमित होने की समस्या हो सकती है।
सेडेंटरी लाइफस्टाइल के कारण
सेडेंटरी यानी लंबे समय तक शारीरिक रूप से निष्क्रिय रहने के कारण महिलाओं को वजन बढ़ने और शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर बढ़ने की समस्या होती है। जिससे महिलाएं अनियमित पीरियड्स की समस्या से परेशान रहती हैं।
लेख में बताए गए कारणों से महिलाओं को अनियमित पीरियड्स की समस्या होती है। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com