प्रेग्नेंसी के टाइम लंबी यात्रा करना कई महिलाओं के लिए खतरनाक हो सकता है। कुछ परिस्थितियों में यह प्रॉब्लमैटिक हो सकता है। क्या प्रेग्नेंसी में यात्रा करना महिलाओं के लिए सही है या नहीं? आइए जानें कि प्रग्नेंसी में लंबी यात्रा करना कितना सही और कितना खतरनाक हो सकता है।
प्रेंग्नेंसी में कब ट्रेवल करना सही?
प्रेग्नेंसी में 13 से 28 हफ्ते के बीच ट्रेवल करना सुरक्षित माना जाता है। इस दौरान मॉर्निंग सिकनेस कम हो जाती है और शरीर कंफर्टेबल महसूस करता है।
प्रग्नेंसी के पहले ट्राइमेस्टर में यात्रा
प्रेग्नेंसी की शुरुआती 12 हफ्तों में मिसकैरेज का खतरा ज्यादा रहता है। इस टाइम में लंबा ट्रेवल करने से थकान, उल्टी और चक्कर आ सकते हैं, इसलिए ज्यादा सावधानी जरूरी है।
प्रेग्नेंसी के तीसरे ट्राइमेस्टर में यात्रा
गर्भावस्था के आखिरी महीनों में लंबी यात्रा से प्री-मेच्योर डिलीवरी का खतरा बढ़ सकता है। प्रेग्नेंसी के 36 वे हफ्ते के बाद ट्रेवल करने से पहले डॉक्टर से सलाह बहुत जरूरी है।
प्रेग्नेंसी में कौन सा सफर सुरक्षित?
फ्लाइट में एयर प्रेशर में बदलाव हो सकता है, जबकि कार और ट्रेन में यात्रा करने पर एक ही पोजिशन में बैठना मुश्किल हो सकता है। किसी भी सफर में जाने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
प्रेग्नेंसी में लंबी यात्रा के दौरान सावधानियां
गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर आस्था दयाल ने बताया, अगर प्रेग्नेंसी में लंबा ट्रेवल करना पड़े, तो हर घंटे में ब्रेक लें, खूब पानी पिएं और ढीले-आरामदायक कपड़े पहनें। एक पोजीशन में बहुत देर तक बैठने से ब्लड सर्कुलेशन पर खराब असर हो सकता है।
प्रेग्नेंसी में यात्रा के दौरान समस्या
अगर सफर के दौरान पेट में दर्द, चक्कर, ब्लीडिंग या ज्यादा थकान महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। किसी भी प्रॉब्लम से बचने के लिए सतर्क रहना जरूरी है।
प्रेग्नेंसी में लंबा ट्रेवल करने से पहले अपने डॉक्टर की राय जरूर लें और खुद का व अपने होने वाले बच्चे की हेल्थ का ख्याल रखें। स्वास्थ्य से जुड़ी और जानकारी के लिए पढ़ते रहें onlymyhealth.com